Jharkhand Lok Sabha Election 2019 Phase 6 Voting : नक्सल प्रभावित इलाकों में बरसे वोट, नक्सलियों के परिजनों ने भी जताई लोकतंत्र में आस्था
Jharkhand Lok Sabha Election 2019. झारखंड के जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र के नक्सल प्रभावित इलाकों में जमकर वोट पड़े। नक्सलियों के परिजनों ने भी लोकतंत्र में आस्था जताई।
जमशेदपुर, जेएनएन। Jharkhand Lok Sabha Election 2019 जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र के ग्रामीण इलाके में मतदान को लेकर जबर्दस्त उत्साह रहा। यहां सुबह से मतदान केंद्रों पर कतारे लगीं। यह क्रम लगातार जारी रहा। नक्सल प्रभावित रहे घाटशिला के गुड़ाबांदा प्रखंड में लोकतंत्र का महापर्व अनूठा रहा। यहां वोट डालने को लेकर उत्साह गौरतलब रहा।
महिलाओं में भी मतदान को लेकर काफी उत्साह रहा। चाकुलिया के नक्सल प्रभावित रहे जमुआ के बूथ पर भी वोट डालने के लिए मतदाता उमड़ पड़े। घाटशिला अनुमंडल के पश्चिम बंगाल सीमा से सटे गालूडीह, घाटशिला, धालभूमगढ़ और चाकुलिया के बीहड़ इलाकों में मतदान केंद्रों पर लंबी कतारें इस बात की गवाही दे रही थी कि नक्सलियों का खौफ जाता रहा। इनामी माओवादी रामप्रसाद मार्डी उर्फ सचिन के पटमदा के गांव में भी मतदान को लेकर उत्साह रहा और लोगों ने बढ़-चढ़कर वोट डाले। सचिन के माता-पिता ने भी वोट किया।
नक्सल प्रभावित भदुआ के बूथ संख्या 99 में मतदान के लिए खड़े मतदाता।
अतिनक्सल प्रभावित केंदोंपोशी गांव के बूथ संख्या 116 में मतदान को लेकर खड़े मतदाता।
गुड़ाबांदा के मुचरिशोल मध्य विद्यालय बूथ संख्या 190 मे मतदान कर निकली नक्सली कान्हु मुंडा की मां पंचमी मुंडा।
गुड़ाबांदा के मुचरिशोल मध्य विद्यालय बूथ संख्या 190 मे मतदान कर निकली नक्सली कान्हु मुंडा की पत्नी बैसाखी मुंडा।
पटमदा के बूथ पर मतदान करने के लिए कतार में खड़े इनामी माओवादी रामप्रसाद मार्डी उर्फ सचिन के पिता सनातन मार्डी। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता जनार्दन है। सभी को करना चाहिए अपने मताधिकार का प्रयोग।
नक्सली की मां ने कहा- अच्छा काम हो-रोजगार मिले इसलिए डाला वोट
पटमदा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सुदूर नक्सल प्रभावित गांव झुंझका। यहां नक्सलियों ने मतदान का बहिष्कार करने की धमकी दे रखी है। नक्सलियों की धमकी को ठेंगा दिखाते हुए यहां के ग्रामीण सुबह से ही बड़ी संख्या में कतारबद्ध होकर वोट डाल रहे थे। सुबह 10.30 बजे तक यहां 30 प्रतिशत मतदाता वोट डाल चुके थे। सुबह ही ईनामी नक्सली सचिन की मां पनसारी मार्डी मतदान केंद्र पहुंची। साथ में सचिन की दीदी फूलमनी मार्डी भी। दोनों चुपचाप कतार में खड़ी हो गईं। कुछ लोगों में फुसफुसाहट होने लगी। अपनी बारी आने पर दोनों ने वोट डाला और मतदान केंद्र से बाहर निकलीं। बातचीत में कहा कि नक्सली सचिन के पिता सनातन मार्डी व भाई छुटुलाल मार्डी भी आए थे लेकिन ज्यादा लंबी लाइन होने के कारण वापस लौट गए। वे दोबारा मतदान देने आएंगे। नक्सलियों द्वारा वोट का बहिष्कार के बारे में पूछे जाने पर जवाब दिया। बहिष्कार से मुझे क्या लेना-देना? अच्छी सरकार बने, हमारे गांव में काम हो, युवाओं को रोजगार मिले। यही सोचकर वोट देने आई हूं। वोट का बहिष्कार करना नक्सलियों का काम है। मैं अपना काम कर रही हूं। हमारे गांव में 40 घर हैं लेकिन सुविधाओं की बहुत कमी है। कुछ चापाकल लगे थे जो खराब हो गए। लोग कुंए का पानी पीते हैं। गांव की सड़क काफी खराब है। पहले तो हर गुरुवार को गांव में डॉक्टर व एएनएम आते थे लेकिन काफी समय से उनका आना बंद है। गांव में स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं हैं। हम यही चाहते हैं कि जो भी सरकार बने वह काम करे ताकि युवाओं को रोजगार मिले और वे रास्ते से नहीं भटकें। ज्ञात हो कि नक्सली राममदास मार्डी उर्फ सचिन जमशेदपुर के पूर्व सांसद सुनील महतो हत्याकांड में वांछित है। सुनील महतो की 2007 में हुई हत्या के बाद से ही फरार चल रहा है। सरकार की ओर से उसके उपर लाखों का ईनाम घोषित किया गया है।
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