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अतीत के आईने सेः उत्तर प्रदेश की राजनीति में वंशवृक्ष 'मुलायम सिंह' का सियासी कुनबा

उत्तर प्रदेश की राजनीति में यादव परिवार छाया हुआ है। समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह ने 1992 में पार्टी का गठन किया था। मुलायम सिंह ने पार्टी में परिवारवाद का बढ़ावा दिया है

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Mon, 08 Apr 2019 09:06 AM (IST)Updated: Mon, 08 Apr 2019 09:12 AM (IST)
अतीत के आईने सेः उत्तर प्रदेश की राजनीति में वंशवृक्ष 'मुलायम सिंह' का सियासी कुनबा
अतीत के आईने सेः उत्तर प्रदेश की राजनीति में वंशवृक्ष 'मुलायम सिंह' का सियासी कुनबा

अंकुर अग्निहोत्री। धर्मनिरपेक्ष राजनीति के कर्णधार और डॉ राम मनोहर लोहिया के साथ समाजवादी झंडा उठाने वाले मुलायम सिंह यादव का परिवार सियासी रूप से सबसे बड़ा माना जाता है। मौजूदा समय में उनके परिवारिक सदस्य लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा और विधानपरिषद में हैं। 2014 में हुए आम चुनाव में परिवार के कई सदस्य लोकसभा के सदस्य चुने गए। वंशवृक्ष सीरीज की दूसरी कड़ी में इस समाजवादी परिवार पर एक नजर।

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मुलायम सिंह यादव

मधु लिमये, चौधरी चरण सिंह, राजनारायण और जनेश्वर मिश्र जैसे समाजवादियों के निकट संपर्क में रहने के बाद राजनीति में आने वाले मुलायम सिंह सपा के संरक्षक हैं। तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। 1996-98 में संयुक्त मोर्चा सरकार में रक्षा मंत्री रहे। वर्तमान में वह आजमगढ़ सीट से सांसद हैं।

अखिलेश यादव

इनके नेतृत्व में 2012 में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में 224 सीटें जीतकर पार्टी ने स्पष्ट बहुमत प्राप्त किया। 38 साल की उम्र में यूपी के सबसे युवा मुख्यमंत्री बने। उत्तर प्रदेश की कन्नौज लोकसभा सीट से सांसद रहे। वर्तमान में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।

डिंपल यादव

अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव 2009 में फिरोजाबाद से चुनाव लड़ीं लेकिन राज बब्बर से हार गई थीं। 2012 में कन्नौज संसदीय सीट से निर्विरोध निर्वाचित हुईं।

प्रतीक यादव

प्रतीक मुलायम सिंह की दूसरी पत्नी साधना के बेटे हैं। पिछले साल आजमगढ़ के कुछ सपा कार्यकर्ताओं ने मांग की थी कि प्रतीक को वहां से चुनाव लड़ाया जाए।

अपर्णा यादव

प्रतीक यादव की पत्नी और मुलायम सिंह यादव की छोटी बहु अपर्णा यादव 2014 के आम चुनाव में लखनऊ की कैंट सीट से चुनाव लड़ चुकी हैं।

शिवपाल सिंह यादव

मुलायम सिंह के छोटे भाई शिवपाल यादव 1988 में पहली बार इटावा के जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष चुने गए। 1996 में मुलायम ने अपनी जसवंतनगर की सीट शिवपाल के लिए खाली कर दी थी। इसके बाद से ही शिवपाल का इस सीट पर हमेशा से कब्जा रहा है। लेकिन पार्टी में गुटबाजी के चलते उन्होंने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) नामक नई पार्टी बना ली।

प्रो. रामगोपाल यादव

रामगोपाल यादव मुलायम सिंह के चचेरे भाई हैं। मुलायम सिंह ने 2004 में संभल सीट रामगोपाल के लिए छोड़ दी थी और खुद मैनपुरी से सांसद का चुनाव लड़ा था। रामगोपाल इस सीट से जीत हासिल करके संसद पहुंचे थे। अभी वह राज्यसभा के सदस्य हैं।

अक्षय यादव

रामगोपाल यादव के पुत्र अक्षय यादव मौजूदा समय में फिरोजाबाद सीट से सपा सांसद हैं।

तेज प्रताप यादव

तेजप्रताप सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के पोते हैं और वर्तमान में मैनपुरी सीट से सांसद हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह ने मैनपुरी और आजमगढ़ दोनों सीटों से चुनाव लड़ा था और दोनों जगहों से जीते थे। इसके बाद उन्होंने अपनी पारंपरिक सीट मैनपुरी खाली कर दी थी और यहां से तेज प्रताप को चुनाव लड़ाया था।

धर्मेंद्र यादव

धर्मेंद्र मुलायम सिंह के छोटे भाई अभय राम के पुत्र हैं। 2004 में सीएम रहते हुए मुलायम सिंह के समय उन्होंने मैनपुरी से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। वर्तमान में वह बदायूं से सांसद है। 


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