लाेकसभा चुनाव: काराकाट से ही चुनाव लड़ेंगे कुशवाहा, पत्नी की उम्मीदवारी पर कही बड़ी बात
रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा रविवार को अच्छे मूड में दिखे। उन्होंने अपनी उम्मीदवारी पर तो बात की ही पत्नी की भी उम्मीदवारी पर भी बड़ी बात कही। नीतीश कुमार पर भी तंस कसा।
पटना, जेएनएन। रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा रविवार को अच्छे मूड में दिखे। उन्होंने अपनी उम्मीदवारी पर तो बात की ही, पत्नी की भी उम्मीदवारी पर भी बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि जल्द ही रालोसपा कोटे की सीटों के उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए जाएंगे। उपेंद्र कुशवाहा ने क्लियर कर दिया कि वे काराकाट से ही चुनाव लड़ेंगे। 2014 में भी वे काराकाट से ही चुनाव लड़े थे।
रालोसपा को मिली हैं पांच सीटें बिहार में
बता दें कि रालोसपा को महागठबंधन की ओर से पांच सीटें दी गई हैं। बिहार में रालोसपा को जमुई, काराकाट, उजियारपुर, पूर्वी चंपारण व पश्चिमी चंपारण लाेकसभा सीटें दी गई हैं। अभी तक अधिकृत रूप से केवल जमुई सीट के उम्मीदवार के नाम की घोषणा हुई है। जमुई से रोलासपा ने भूदेव चौधरी को अपना उम्मीदवार बनाया है। जमुई में पहले चरण में 11 अप्रैल को वोटिंग है।
जल्द बाकी सीटों के उम्मीदवार होंगे घोषित
इधर रविवार को हम के पूर्व नेता व पूर्व मंत्री वृषिण पटेल रालोसपा में शामिल हो गए तथा उन्हें उपेंद्र कुशवाहा ने खुद अपनी मौजूदगी में पार्टी की प्राथमिक सदस्यता दिलाई। उन्होंने क्लियर कर दिया कि वे काराकाट से ही खड़ा होंगे। बाकी सीटों के नाम भी जल्द घोषित कर दिए जाएंगे।
पत्नी नहीं लड़ेंगी चुनाव
रालोसपा अध्यक्ष कुशवाहा ने एक सवाल के जवाब में यह भी कहा कि उनकी पत्नी चुनाव नहीं लड़ेंगी। जब उनसे परिवारवाद पर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा ऐसा व्यक्ति नहीं है, जो परिवारवाद को बढ़ावा दे। काराकाट में उनकी पत्नी की सक्रियता को देख उनके चुनाव लडऩे की बात चर्चा में आई थी, लेकिन ऐसी कोई बात नहीं है।
नीतीश की पटेल ने काफी मदद की थी
वहीं वृषिण पटेल का स्वागत करते हुए कहा कि उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि इन्होंने नीतीश कुमार के बिहार की सत्ता हासिल करने में अहम भूमिका निभाई थी। समता पार्टी की स्थापना में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान था, मगर नीतीश कुमार के सत्ता में आने के बाद उनके कई करीबी उनका साथ छोड़ अलग हो गए। वृषिण पटेल भी अलग हुए और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) में आ गए थे।
बोले वृषिण पटेल
उधर पटेल ने कहा कि हम छोडऩे के समय ही उन्होंने घोषणा की थी कि वह महागठबंधन में ही रहेंगे। उनके पास राजद, कांग्रेस और रालोसपा का विकल्प था। रालोसपा को उन्होंने इस कारण चुना, क्योंकि उपेंद्र कुशवाहा ने शिक्षा में सुधार को अपना मुद्दा बनाया हुआ है।