Move to Jagran APP

मिशन 2019: दिल्ली में जमे उपेंद्र कुशवाहा, बिहार में तेज है RLSP की सियासी चाल

भले ही बिहार महागठबंधन में सीट शेयरिंग का मामला फंसा हुआ है लेकिन रालोसपा चुनिंदा सीटों पर सियासी चाल की रफ्तार बढ़ा दी है। पार्टी की गतिविधियों पर प्रकाश डालती यह विशेष रिपोर्ट

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Thu, 14 Mar 2019 04:10 PM (IST)Updated: Fri, 15 Mar 2019 02:39 PM (IST)
मिशन 2019: दिल्ली में जमे उपेंद्र कुशवाहा, बिहार में तेज है RLSP की सियासी चाल
मिशन 2019: दिल्ली में जमे उपेंद्र कुशवाहा, बिहार में तेज है RLSP की सियासी चाल

पटना [एसए शाद]। तालमेल में इच्छा के मुताबिक सीटें नहीं मिलने पर केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देकर एनडीए से बाहर होने वाले उपेंद्र कुशवाहा का राजनीतिक भविष्य दांव पर लगा है। महागठबंधन में उनके हिस्से में जो भी सीटें मिलेंगी, अगर उन पर बेहतर नतीजा सामने नहीं आया, तो उनके सामने बड़ा संकट उत्पन्न हो सकता है। पिछले लोकसभा चुनाव में उन्हें एनडीए में तीन सीटें मिलीं थीं और उनका स्ट्राइक रेट शत-प्रतिशत रहा था। उपेंद्र कुशवाहा ने पिछले दो माह के दौरान अधिकांश समय पटना से अधिक जिलों में बिताया है। संगठन की मजबूती पर उनका पूरा फोकस है।

loksabha election banner

दरअसल राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) ने प्रदेश की कुछ चुनिंदा सीटों पर चुनावी तैयारी आरंभ कर दी है। शुरुआत काराकाट सीट से हुई है और अगली बारी उजियारपुर की है। उजियारपुर में 12 मार्च से चुनावी मुहिम चलनी थी, परन्तु सीट बंटवारे को लेकर बढ़ी गतिविधियों के कारण अब यह मुहिम 16 मार्च से आरंभ होगी। सूत्रों ने बताया कि महागठबंधन में पार्टी को इन दो सीटों पर प्रत्याशी उतारने के फिलहाल संकेत दे दिए गए हैं। कुल कितनी सीटें इसके हिस्से में आएंगी, इसका ऐलान का इंतजार किया जा रहा है। पहले 15 मार्च तक ऐलान की बात कही जा रही थी, लेकिन अब इसकी घोषणा शनिवार तक होने की उम्मीद है।

बिहार में काराकाट और उजियारपुर लोकसभा सीट के अलावा रालोसपा ने पांच अन्य सीटों पर भी अपनी सक्रियता बढ़ा रखी है। पार्टी का आइटी सेल सीतामढ़ी, जमुई, वाल्मीकिनगर, मोतिहारी और गोपालगंज में सक्रिय है। इनमें सीतामढ़ी रालोसपा की सीटिंग सीट है। 

2014 के लोकसभा चुनाव में रालोसपा को एनडीए में तीन सीटें मिलीं थीं, जिनमें काराकाट, सीतामढ़ी और जहानाबाद शामिल थीं। तीनों ही सीटें रालोसपा ने जीतीं थीं। काराकाट से रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, सीतामढ़ी से राम कुमार शर्मा और जहानाबाद से प्रो. अरुण कुमार चुनाव जीते थे। कुछ ही महीनों बाद प्रो. अरुण कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा का साथ छोड़ दिया। अभी वह राष्ट्रीय समता पार्टी के संरक्षक हैं। 

रालोसपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि जमुई से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूदेव चौधरी और गोपालगंज से वरिष्ठ नेता दशई चौधरी चुनाव लडऩा चाहते हैं। वहीं पार्टी के प्रधान सचिव माधव आनंद की इच्छा मोतिहारी से चुनाव लड़ने की है, मगर इस सीट पर कांग्रेस के एक नेता अपने पुत्र के लिए प्रयास कर रहे हैं। वाल्मीकिनगर से किसी प्रत्याशी के नाम पर अब तक चर्चा नहीं हुई है। पार्टी कुल पांच सीटों की आस लगाए बैठी है। इनमें काराकाट और उजियारपुर के अलावा सीतामढ़ी, गोपालगंज या जमुई में से एक और वाल्मीकिनगर या मोतिहारी में से कोई एक शामिल है। काराकाट में 12 फरवरी से पंचायत और फिर प्रखंड एवं विधानसभावार बैठकें हुईं। इन बैठकों में महागठबंधन में शामिल सभी दलों के नेताओं को बुलाया गया था। फिर विधानसभावार रालोसपा कार्यकार्ताओं का प्रशिक्षण शिविर आयोजित हुआ। अंतिम प्रशिक्षण शिविर डेहरी ओन सोन में तीन मार्च को आयोजित किया गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.