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UP Lok Sabha Election Result 2019 : भाजपा जरा और मेहनत से नया इतिहास रच देती, 16 सीटों पर कांटे की लड़ाई से खिसकी

पीएम मोदी लहर में 62 सीटें जीतने वाली भाजपा कांटे की लड़ाई में 16 सीटों पर दूसरे पायदान पर रही है। सपा जहां 31 वहीं बसपा 27 सीटों पर रनरअप रही है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sun, 26 May 2019 01:33 PM (IST)Updated: Tue, 28 May 2019 10:02 AM (IST)
UP Lok Sabha Election Result 2019 : भाजपा जरा और मेहनत से नया इतिहास रच देती, 16 सीटों पर कांटे की लड़ाई से खिसकी
UP Lok Sabha Election Result 2019 : भाजपा जरा और मेहनत से नया इतिहास रच देती, 16 सीटों पर कांटे की लड़ाई से खिसकी

लखनऊ [अजय जायसवाल]। 17वीं लोकसभा के चुनाव में अबकी बार 74 पार कर भाजपा नया इतिहास भी रच देती अगर पार्टी नेताओं ने जरा और मेहनत की होती। पीएम मोदी लहर में 62 सीटें जीतने वाली भाजपा कांटे की लड़ाई में 16 सीटों पर दूसरे पायदान पर रही है। सपा जहां 31 वहीं बसपा 27 सीटों पर रनरअप रही है।कांग्रेस और रालोद तीन-तीन सीटों पर जीत से बस एक कदम दूर रह गई।

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सूबे की 80 लोकसभा सीटों में से 62 सीटों पर जहां 'कमल' खिला है वहीं दो सीटें भाजपा की सहयोगी अपना दल (एस) ने जीती हैैैं। गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरी सपा-बसपा व रालोद को कुल 15 सीटें मिली हैैं जिसमें पांच सपा की और 10 बसपा की हैैैं जबकि रालोद का खाता तक नहीं खुला है। गौरतलब है कि पिछले चुनाव में अकेले 71 सीट जीतकर भाजपा ने इतिहास रचा था। केंद्र के साथ ही राज्य में अपनी सरकार होने से भाजपा नेताओं ने अबकी चुनाव में 74 प्लस का लक्ष्य रखा था। पार्टी नेताओं का स्पष्ट तौर पर कहना था कि हम पिछले रिकार्ड को तोड़ नया इतिहास रचेंगे। नतीजे देखने से साफ लग रहा है कि पार्टी नया इतिहास रच देती अगर प्रत्याशियों और नेताओं ने थोड़ी और मेहनत की होती।

दरअसल, 80 सीटों में भाजपा की सहयोगी संग कुल 64 सीटें है। शेष 16 सीटों पर भी भाजपा कांटे की टक्कर में दूसरे स्थान पर रही है। मतलब यह है कि सभी सीटों पर भाजपा सीधी लड़ाई में थी। फिर चाहे सपा रही हो या बसपा, कांग्रेस, रालोद सभी जगह दूसरे पायदान पर भाजपा ही है। नतीजे बताते हैैं कि भाजपा जहां गाजियाबाद जैसी सीट पर पांच लाख से ज्यादा मतों के अंतर से जीती है वहीं सीधी लड़ाई वाली आठ सीटें तो पार्टी ने एक लाख से कम अंतर से गंवा दी है। इनमें श्रावस्ती, सहारनपुर, अमरोहा, बिजनौर, जौनपुर, मैनपुरी, अंबेडकरनगर और मुरादाबाद जैसी लोकसभा सीटें हैैं।

गौर करने की बात है कि गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरी सपा, बसपा और रालोद तो अपने कोटे की सीटों पर लड़ाई लड़ी लेकिन 67 सीटों पर प्रत्याशी उतारने वाली कांग्रेस जहां मात्र एक सीट जीत सकी वहीं सिर्फ तीन सीट पर सीधी लड़ाई में रही। भाजपा और गठबंधन के आगे ज्यादातर सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी अपनी जमानत राशि तक नहीं बचा सके हैैं। 61 सीटों पर सीधी लड़ाई में रहे गठबंधन में 38 सीटों पर चुनाव लडऩे वाली बसपा एक सीट फतेहपुर सीकरी और 37 सीट पर लड़ी सपा भी एक सीट कानपुर में ही तीसरे स्थान पर रही है। शेष 58 सीट पर सपा-बसपा गठबंधन ही रनरअप रहा है।

भाजपा इन सीटों पर रही रनरअप

सहारनपुर, बिजनौर, नगीना, अमरोहा, अंबेडकरनगर, श्रावस्ती, लालगंज, घोसी, जौनपुर, गाजीपुर, रायबरेली, मुरादाबाद, रामपुर, संभल, मैनपुरी और आजमगढ़।

सपा इन सीटों पर रही रनरअप

मिर्जापुर, राबटर्सगंज, कैराना, गाजियाबाद, हाथरस, फिरोजाबाद, एटा, बदायूं, बरेली, पीलीभीत, खीरी, हरदोई, उन्नाव, लखनऊ, इटावा, कन्नौज, झांसी, बांदा, कौशाम्बी, फूलपुर, इलाहाबाद, बाराबंकी, फैजाबाद, बहराइच, गोंडा, महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, बलिया, चंदौली व वाराणसी।

बसपा इन सीटों पर रही रनरअप

मेरठ, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, आगरा, आंवला, शाहजहांपुर, धौरहरा, सीतापुर, मिश्रिख, मोहनलालगंज, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, फर्रुखाबाद, अकबरपुर, जालौन, हमीरपुर, फतेहपुर, कैसरगंज, डुमरियागंज, बस्ती, संतकबीरनगर, देवरिया, बांसगांव, सलेमपुर, मछलीशहर, भदोही।

कांग्रेस इन सीटों पर रही रनरअप

फतेहपुर सीकरी, अमेठी व कानपुर।

रालोद इन सीटों पर रही रनरअप

मुजफ्फरनगर, बागपत व मथुरा। 

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