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VIDEO: पूर्व आर्मी चीफ वीके सिंह बोले- सेना पर सवाल से खौलता है खून

जागरण डॉट कॉम के साथ बातचीत में पूर्व आर्मी चीफ ने कहा देश की बागडोर ऐसे व्यक्ति के पास होनी चाहिए जिससे देश आगे बढ़े।

By Rajat SinghEdited By: Published: Fri, 29 Mar 2019 05:51 PM (IST)Updated: Fri, 29 Mar 2019 06:40 PM (IST)
VIDEO: पूर्व आर्मी चीफ वीके सिंह बोले- सेना पर सवाल से खौलता है खून
VIDEO: पूर्व आर्मी चीफ वीके सिंह बोले- सेना पर सवाल से खौलता है खून

नई दिल्ली, जेएनएन। पूर्व आर्मी चीफ जनरल वीके सिंह एक बार फिर गाजियाबाद से बीजेपी के उम्मीदवार हैं। पिछली दफा जीत हासिल करने के बाद उनके ऊपर अपने ही प्रदर्शन को दोहराने का दवाब है। जागरण डॉट कॉम के साथ बातचीत में पूर्व आर्मी चीफ ने कहा, 'देश की बागडोर ऐसे व्यक्ति के पास होनी चाहिए, जिससे देश आगे बढ़े। पिछले साढ़े चार साल में जिस गति और नीति से काम हुआ है, उस बिनाह पर लोग नरेंद्र मोदी को चुनेंगे।'

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 बालाकोट स्ट्राइक पर बात करते हुए पूर्व आर्मी चीफ ने कहा, 'जब एक नई मिसाल कायम करने वाला निर्णय होता है, तो कितने मरे? कितने जिंदा रहे? ये महत्वपूर्ण नहीं है। भारत के नेतृत्व ने एक ऐसा फैसला लिया कि हम सीमाओं में बंधें नहीं रहेंगे। अब उस पर सवाल किए जा रहे हैं कि कितने मरे? विपक्ष के पास बोलने के लिए कुछ नहीं है? विपक्ष अपनी कमियों पर पर्दा डालने के लिए शोर मचा रहा है।'

विदेश राज्य मंत्री ने सवाल करने के अंदाज में कहा, 'क्या आप अपनी सेना पर शक करते हैं? सरकार से पूछे या सेना से, ये एक ही बात है। हमारा कहना है कि सेना पर विश्वास रखिए। लेकिन, जब कोई सेना पर सवाल खड़े करता है, तो खून खौलता है।' उन्होंने विपक्ष को नसीहत देते हुए कहा कि जिस तरह के हथियार इस्तेमाल हुए हैं, उसके बारे में पढ़ लीजिए।

पाकिस्तानी दूतावास के कार्यक्रम का बॉयकॉट करने के बारे में उन्होंने कहा, 'इतना बड़ा हादसा होता है, तो हर देश में ऐसा होता है, मानवीय संवेदना है कि लोग शोक में हैं। मुझे तो हाथ मिलाते भी अजीब लगता है।' एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर लोगों को रोका गया (पाकिस्तानी दूतावास के कार्यक्रम के लिए ) तो एक फौजी होने के नाते मैं कहूंगा कि ये अच्छी बात है।

गाजियाबाद में स्थानीय स्तर पर स्वयं के खिलाफ चल रहे विरोध के बारे में पूर्व आर्मी चीफ ने कहा कि हर पार्टी में विरोधी और टिकटार्थी होते हैं। 2014 में भी यह मुद्दा था, उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि मुझे बताइए गाजियाबाद में कौन स्थानीय है? उन्होंने कहा कि सैनिक का पूरा देश होता है, तो सैनिक के लिए स्थानीय और बाहरी एक मजाक है। सैनिक को बाहरी बोलना पाप है। 2014 में पार्टी ने मेनिफेस्टो बनाया था और वो सब वादे और योजनाएं पूरी हो गईं। अब हम उससे आगे निकल गए हैं।

बीजेपी के चुनावी कैंपेन 'मैं भी चौकीदार' के सवाल पर उन्होंने कहा, 'सैनिक सबसे बड़ा चौकीदार है। प्रियंका वाड्रा ने कहा कि चौकीदार सिर्फ अमीरों की देखभाल करता है। उन्होंने अमीरी के अलावा और कुछ देखा नहीं। चौकीदार देश की रक्षा करता है। पूरे टाइम अगर बोलोगे कि चौकीदार चोर है, तो आपको चौकीदार का मतलब नहीं पता। अब सबने लगा लिया (नाम के आगे), सबको बोलो चोर है। देश मारेगा।'

यूपी में बीजेपी की चुनावी संभावनाओं के बारे में उन्होंने कहा कि पार्टी राज्य में 2014 के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन करेगी। सपा-बसपा और रालोद के गठबंधन के बारे में उन्होंने कहा कि तीनों दलों के पास कोई विचारधारा नहीं है। इनकी सोच नहीं मिलती है, कैसे चलेगा? चुनाव में हमेशा 1 और 1 दो नहीं होता है। उनके कार्यकर्ता जो कल तक तलवार लेकर लड़ते थे, आज बराबर कैसे होंगे? 


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