इस साल 46 देशों में हो रहे चुनाव, लगभग दो अरब मतदाता अपने नेताओं का करेंगे चुनाव
मतदाताओं की संख्या के लिहाज से भारत दुनिया में पहले स्थान पर है। यहां 90 करोड़ मतदाता हैं। वहीं इंडोनेशिया में भी इस साल अप्रैल में चुनाव होंगे। वहां मतदाताओं की संख्या 19 करोड़ है।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। इस साल दुनिया भर के 46 देशों में लगभग दो अरब मतदाता अपने नेताओं का चुनाव करेंगे। मतदाताओं की संख्या के लिहाज से भारत दुनिया में पहले स्थान पर है। यहां 90 करोड़ मतदाता हैं। वहीं, इंडोनेशिया में भी इस साल अप्रैल में चुनाव होंगे। वहां मतदाताओं की संख्या 19 करोड़ है। अफ्रीकी देश नाइजीरिया में इस साल फरवरी में 8.4 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर चुके हैं। आइये जानते हैं दुनिया भर में अलग-अलग मतदान प्रणाली कैसे काम करती है।
2019 में इन प्रमुख देशों में है चुनाव
- मार्च: स्लोवाकिया, थाइलैंड, यूक्रेन, कोमोरोस अप्रैल: भारत, इजरायल, फिनलैंड, इंडोनेशिया, अलजीरिया, स्पेन, उत्तर मेसेडोनिया, माली, बेनिन,अंडोरा
- मई: ऑस्ट्रेलिया, पनामा, दक्षिण अफ्रीका, लिथुआनिया, फिलिपींस, मलावी, बेल्जियम, नीदरलैंड, चाड, मॉरिशस
- जून: लीबिया, ग्वाटेमाला, डेनमार्क, लातविया
- जुलाई: गुयाना, नाउरू, अफगानिस्तान
- अक्टूबर: बोत्सवाना, कनाडा, उरुग्वे, पुर्तगाल, मोजांबिक, ग्रीस, स्विट्जरलैंड, अर्जेंटीना, बोलीविया
- नवंबर: मार्शल आइलैंड, नामीबिया दिसंबर: क्रोएशिया, डोमिनिका, रोमानिया, ट्यूनीशिया
कहां किस आयु में मतदान का हक
90 फीसद देशों मतदान की आयु 18 है। यदि आप 16 वर्ष के हैं तो आप 7 देशों (अर्जेंटीना, ब्राजील, ऑस्ट्रिया, क्यूबा, इक्वाडोर, माल्टा, निकारागुआ)
में मतदान योग्य हैं। लेबनान, मलेशिया, समोआ, सिंगापुर और टोंगा में 21 वर्ष वोटिंग के लिए है।
महिलाओं को मताधिकार
1893 में महिलाओं को वोट देने का अधिकार देने वाला न्यूजीलैंड दुनिया का पहला देश बना। 1971 में महिलाओं को मतदान करने की अनुमति देने वाला अंतिम यूरोपीय देश स्विट्जरलैंड था। 1994 मे सभी को समान मतदान अधिकार देने वाला अंतिम अफ्रीकी लोकतंत्र बन गया। अफगानिस्तान में संघर्षों के बाद भी महिलाओं के पास 2004 से लगातार मतदान का अधिकार है।