JHARKHAND ELECTION EXPRESS: अखनी खाली चुनावै के गप चली रहलो छैय
वैद जी ने बेबाकी से कहा कि महागठबंधन के प्रदीप यादव और भाजपा के निशिकांत दुबे में तगड़ा मुकाबला है। पीछे की सीट पर शिक्षक आरएल झा तपाक से बोले रघुवर सरकार कसौटी पर खरी नहीं उतरी।
पोड़ैयाहाट, परमानंद मिश्रा। गोड्डा बस स्टैंड, सुबह के 8 बजे हैं। यहां से दुमका, देवघर, साहिबगंज पाकुड़, भागलपुर जाने के लिए बस ही सहारा है। सवारियों की आवाजाही हो रही है। मुझे देवघर जाना है। गंतव्य तक जाने को बस में बैठ गया। सवारियां आ गईं तो बस चल पड़ी। रोज चलने वाले शिक्षक, बैंककर्मी भी सीट पर जमे थे। बस गोड्डा कॉलेज को पार कर जब आगे बढ़ी तभी लोगों के बीच बातचीत गति पकडऩे लगी। बातचीत का केंद्रबिंदु लोकसभा चुनाव ही था। शिक्षक गोपाल पाठक ने अंगिका में अपने परिचित रमेश वैद से जब पूछा कि हालचाल छै हो। रमेश का जवाब था की हाल-चाल रहतै, अखनी चुनाव के समय छै, जन्ने जा हुन्हैं खाली चुनावै के गप चली रहलो छैय।
निशिकांत और प्रदीप में तगड़ा मुकाबलाः पाठकजी फिर हिंदी में बोल पड़े कैसा होगा इस बार का चुनाव। तो वैद जी ने बेबाकी से कहा कि महागठबंधन के प्रदीप यादव और भाजपा के निशिकांत दुबे में तगड़ा मुकाबला होगा। पीछे की सीट पर शिक्षक आरएल झा तब तक तपाक से बोले रघुवर सरकार कसौटी पर खरी नहीं उतरी। वित्त रहित विद्यालयों का अनुदान भी काट लिया है। पारा शिक्षक और अनुबंध कर्मियों का मानदेय नहीं बढ़ाया है। इसका असर दिखेगा। मूल्यांकन कार्य में देवघर जा रहे श्याम सुंदर महतो बोले, मोदी जैसा प्रधानमंत्री आज तक नहीं मिला। इस बार पार्टी नहीं मोदी के नाम पर वोट मिलेगा। श्याम ने आयुष्मान योजना को सराहा। सेना में भर्ती के लिए जा रहे महेश कुमार तब तक बोले 5 साल में बेरोजगारी बढ़ी है। लोग बेकार हैं। झारखंड में रिक्त पदों पर बहाली में बाहर के लोगों को फायदा हुआ है। इसका भी तो असर दिखेगा। तब तक गाड़ी भटौंधा पहुंच जाती है। इस बीच एक यात्री बोल पड़ा, देवघर में एम्स, गोड्डा में अडाणी पावर प्लांट तो उपलब्धियां हैं। नवडीहा के किसान जयदेव पंडित ने कहा कि हमें तो कुछ नहीं मिला। परेशान ही हैं। सुनी रहल गरीबों की सरकार है, किसानों की सरकार है, कोई फायदा नहीं हुआ। पटवन तक की सुविधा नहीं है। किसान सस्ते में अनाज बेचकर महंगे में सामान खरीद रहा है। तब तक बस पोड़ैयाहाट पहुंची। बातचीत का सिलसिला थोड़ी देर के लिए रुक गया।
अब चुनाव में नीति-सिद्धांत नहींः जब गाड़ी पोड़ैयाहाट से खुली तो एक बुजुर्ग बस में आए। उन्हें देख समीप बैठे भगतजी ने सीट में जगह बनाकर उनको बैठाया। बुजुर्ग बोले, भगत जी चुनाव का क्या हाल चाल है। फिर चुनावी हवा सरगर्म हो गई। भगतजी बोले चुनाव का हाल-चाल तो ठीक-ठाक है अब तो चुनाव नीति और सिद्धांतों पर नहीं होकर जात-पात पर हो रहा है। अब देखिए किस जाति का वोट किधर पड़ता है। यह सुन श्याम सुंदर बोले वोट तो लोग उम्मीदवार पर देते हैं। कौन उम्मीदवार कैसा है किसने विकास किया है। किसकी छवि कैसी है। वोट इस पर ही पड़ता है। भगतजी बोल पड़े कि भैया हवा समझ में नहीं रही है। चुनाव में जाति बहुत बड़ा फैक्टर है। जबतक अल्पसंख्यक अपना पत्ता नहीं खोलेगा कुछ नहीं कह सकते। विधायक इरफान अंसारी जिस प्रकार अनाप-शनाप बोल रहे हैं ऐसे में लगता है कि चुनाव बहुत दिलचस्प होगा। इस बीच गाड़ी हंसडीहा चौक पर रुकती। लोग उतर कर चाय पीने चल देते हैं।
इस बार कांग्रेस का प्रत्याशी नहींः कुछ देर के बाद सब लौटते हैं और गाड़ी गंतव्य की ओर फिर चल देती है। फिर गप होने लगती है। चुनावी चर्चाओं के बीच अचानक माहौल गरम हो जाता है। पता लगा कि आगे भी चर्चा हो रही थी। वहां दो लोग अपनी अपनी बात को सही ठहराने को बहस कर रहे हैं। एक पुराने कांग्रेसी थे और दूसरे बुजुर्ग उनका विरोध कर रहे थे। बस के अन्य लोग अब इस बहस का आनंद उठाने लगे। एक बुजुर्ग ने कहा कि मैं भाजपा के प्रशंसक होने के साथ कांग्रेस का भी प्रशंसक हूं। जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री एवं इंदिरा गांधी की तारीफ करता हूं। मोदी अच्छा कर रहा है तो उसकी जयकार में क्या दिक्कत। दूसरे बुजुर्ग आपे से बाहर हो गए। कहने लगे कि नेता सब कलंक हैं। तब तक किसी ने छेड़ा, बाबा इस बार तो कांग्रेस का प्रत्याशी ही नहीं है। फिर काहे की नाराजगी। अब बाबा निरुत्तर हो गए। तब तक देवघर भी आ गया था।