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दिग्गजों के बीच टकराव का गवाह बना यह चुनाव, सीधी टक्कर से कई बड़े नेताओं की साख दांव पर

Lok Sabha Election 2019 आमतौर पर बड़े नेताओं के बीच की चुनावी टकराव को टालने की परंपरा रही है लेकिन मौजूदा चुनाव में यह तार-तार होती दिख रही है। पढ़ें रिपोर्ट...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 17 Apr 2019 08:03 PM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2019 08:45 PM (IST)
दिग्गजों के बीच टकराव का गवाह बना यह चुनाव, सीधी टक्कर से कई बड़े नेताओं की साख दांव पर
दिग्गजों के बीच टकराव का गवाह बना यह चुनाव, सीधी टक्कर से कई बड़े नेताओं की साख दांव पर

नई दिल्ली, सुरेंद्र प्रसाद सिंह। 17वीं लोकसभा का यह चुनाव बड़े दिग्गजों के बीच जोरदार टकराव का गवाह बन रहा है। आमतौर पर बड़े नेताओं के बीच की चुनावी टकराव को टालने की परंपरा रही है, जो इस बार तार-तार होती दिख रही है। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश समेत ज्यादातर राज्यों में दिग्‍गज नेताओं के बीच सीधी टक्कर हो रही है। इसकी वजह से कई संसदीय क्षेत्रों के चुनाव काफी रोचक हो गए हैं। आने वाले दिनों में कुछ और सीटों पर इस तरह की चुनावी कुश्ती देखने को मिल सकती है।

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उत्तर प्रदेश कड़वाहट में तब्दील होने लगा मुकाबला
उत्तर प्रदेश की अमेठी संसदीय सीट पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से एक बार फिर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भिड़ गई हैं। ईरानी से इस बार होने वाली जोरदार भिड़ंत को भांपकर ही राहुल गांधी ने केरल के वायनाड से भी भाग्य आजमाने का फैसला किया है। इस चुनावी टक्कर की चौतरफा गूंज है, जिसका फैसला अमेठी के मतदाता ही करेंगे। इसी राज्य में दूसरी टक्कर फिरोजाबाद में हो रही है, जहां से चाचा-भतीजे आमने-सामने चुनाव लड़ रहे हैं। यहां के सांसद अक्षय कुमार यादव जो सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव के पुत्र हैं, उनकी भिड़ंत अपने ही चाचा शिवपाल यादव से है।

शिवपाल समाजवादी पार्टी की स्थापना करने वालों में रहे हैं। लेकिन इस समय उन्हें पार्टी से रुखसत कर दिया गया है। अक्षय यादव जहां सपा-बसपा गठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी हैं तो पूर्व मंत्री शिवपाल यादव अपनी नवगठित पार्टी (पीएसपी-एल) से चुनाव मैदान में हैं। यह चुनाव भी बेहद रोचक हो गया है। रामपुर लोकसभा क्षेत्र में सपा नेता मोहम्मद आजम खान के मुकाबले भाजपा ने जयप्रदा को पार्टी ज्वाइन कराकर उन्हें चुनाव मैदान में उतार दिया है। यह मुकाबला भी बेहद रोचक होने के साथ कड़वाहट में तब्दील होने लगा है।

दिग्गजों के बीच सीधी भिड़ंत में बिहार सबसे आगे
दिग्गजों के बीच सीधी भिड़ंत के मामले में बिहार सबसे आगे है। यहां की प्रतिष्ठित संसदीय सीट पटना साहिब से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद भाजपा से चुनाव मैदान में हैं। उनके मुकाबले इस बार कांग्रेस के टिकट पर शत्रुघ्न सिन्हा उतरे हैं। सिन्हा ने भाजपा ने नाता तोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया है। यहां होने वाली जोरदार टक्कर की गूंज पूरे देश में सुनाई पड़ रही है।

बिहार की ही मधेपुरा संसदीय सीट पर दो दिग्गज यादव नेता आमने-सामने चुनाव मैदान में हैं। वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव इस बार लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता पार्टी के चुनाव चिन्ह लालटेन से चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला मधेपुरा के सांसद पप्पू यादव से है, जो यहां से अपने बूते कई बार चुनाव जीत चुके हैं। शरद यादव गठबंधन के साझा उम्मीदवार हैं। जबकि पप्पू यहां से अपनी जनाधिकार पार्टी से मैदान मारने की जुगत में है।

राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत की परीक्षा
राजस्थान के जोधपुर संसदीय क्षेत्र में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत की सीधी टक्कर राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से है। वैभव के बहाने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की राजनीतिक साख दांव पर लग गई है।

मध्य प्रदेश में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के उतरने से गरमाया माहौल
मध्य प्रदेश के कई मर्तबा मुख्यमंत्री और संसद सदस्य रहे कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह के सामने भाजपा ने भोपाल में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को उतारा है। इससे यहां का चुनावी माहौल अचानक गरमा गया है। इस चुनावी लड़ाई के कई राजनीतिक मायने भी गिनाये जा रहे हैं। प्रज्ञा ठाकुर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और विश्व हिंदू परिषद से जुड़ी रही हैं।

जबलपुर लोकसभा सीट से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह के मुकाबले कांग्रेस के विवेक तनखा ने ताल ठोंक रखी है। राज्य के इन दोनों नेताओं के बीच की टक्कर जबर्दस्त चर्चा में है। इन दोनों प्रत्याशियों की लोकप्रियता एक दूसरे पर भारी पड़ती है। लेकिन कुछ अहम सीटों पर राज्य में पार्टियां एक दूसरे के बड़े नेताओं के खिलाफ कमजोर प्रत्याशी भी उतारी हैं। 


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