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Lok Sabha Election 2019 : पहले रोड शो में पंडित नेहरू पर हुई थी फूलों की वर्षा

1951 में भरवारी व ओसा की सभा में पंडित नेहरू को सुनने के लिए कोसों दूर से लोग आए थे। रोड शो के दौरान पंडित नेहरू पर फूलों की वर्षा हुई थी। मसुरियादीन को जीत मिली थी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 17 Apr 2019 09:00 PM (IST)Updated: Thu, 18 Apr 2019 10:33 AM (IST)
Lok Sabha Election 2019 : पहले रोड शो में पंडित नेहरू पर हुई थी फूलों की वर्षा
Lok Sabha Election 2019 : पहले रोड शो में पंडित नेहरू पर हुई थी फूलों की वर्षा

प्रयागराज : यहां बात गणतंत्र बनने के बाद देश के प्रथम आम चुनाव की है। 26 जनवरी 1950 को देश को लोकतंत्रात्मक गणराज्य घोषित किया गया। इसके बाद वर्ष 1951 में हुए पहले लोक सभा के चुनाव में पंडित जवाहरलाल नेहरू के रोड शो में लोगों ने उनके ऊपर फूलों की बारिश की थी। वहीं उनकी जनसभा को सुनने के लिए दूर-दूर से लोग शामिल हुए थे। 

पंडित नेहरू ने चुनाव का बिगुल भरवारी और ओसा से फूंका था
बहुत कम लोगों को यह जानकारी होगी कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 1951 में हुए प्रथम लोकसभा चुनाव का बिगुल भरवारी और ओसा ( वर्तमान में कौशांबी जनपद) से ही बिगुल फूंका था। उन्होंने यहां दो विशाल जनसभाएं की थीं। उनका संबोधन सुनने के लिए केवल कौशांबी ही नहीं वरन आसपास के जनपदों से भी लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी। लोग कोसों पैदल चल कर आए थे। पहली जनसभा में अपार भीड़ उमड़ी थी। मौजूदा जिला मुख्यालय मंझनपुर में उन्होंने खुली जीप में रोड शो किया था। उन पर फूलों की वर्षा की गई थी।  

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संघर्षशील राजनैतिक इतिहास का साक्षी रहा है कौशांबी
स्वाधीन भारत से पहले और आजादी के बाद कौशांबी, संघर्षशील राजनैतिक इतिहास का साक्षी रहा है। लंबे संघर्ष के बाद अंग्रेजों की गुलामी से मुक्ति मिली। 26 जनवरी 1950 को देश को लोकतंत्रात्मक गणराज्य घोषित किया गया। 

 उस समय कौशांबी इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र का था हिस्सा
वर्ष 1951-52 में पहली बार हुए लोकसभा चुनाव में मौजूदा जिला, इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र का हिस्सा था। इसमें दो प्रतिनिधियों का निर्वाचन होना था। कांग्रेस की तरफ से दूसरे प्रत्याशी थे मसुरियादीन। उनके समर्थन में देश के प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भरवारी व ओसा में जनसभाएं कराई थी। अब जन प्रतिनिधियों से लोगों का लगाव कम हो रहा है। जनसभा में भीड़ जुटाने के लिए घर-वाहन भेजना पड़ रहा है, लेकिन तब लोग मीलों दूर से पैदल ही चल कर आए थे। मीलों दूर से आकर उन्होंने पंडित नेहरू का संबोधन सुना था। 

नेहरू के भाषण के बाद मसुरियादीन को विजय मिली 
देश के प्रथम प्रधानमंत्री की वह जनसभा आज भी कुछ बुजुर्गों को याद है। मंझनपुर के बुजुर्ग मदनलाल केसरवानी बताते हैं कि पूर्व सांसद स्व. मसुरियादीन के समर्थन में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भरवारी व ओसा इंटर कालेज में जनसभाएं संबोधित की थीं। उन्होंने किसान आंदोलन को मुख्य मुद्दा बनाया था। लगान बंदी व सिंचाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने पर जोर दिया था। नेहरू जी की बातों से प्रभावित होकर क्षेत्रीय जनता ने भारी मतों से मसूरियादीन को सांसद चुना। मंझनपुर कस्बे के बुजुर्गों को यह भी याद है कि पहले लोकसभा में ओसा में जनसभा को संबोधित कर पंडित जवाहर लाल नेहरू ने मंझनपुर का  भ्रमण किया था। 

 नेहरू खुली जीप में सवार थे
वह खुली जीप में सवार थे। महिलाओं ने छत से उन पर पुष्पों की वर्षा की थी। यह बुजुर्गों कहते हैं कि पहले के जनप्रतिनिधि बातों के धनी थे। अब समय बदल गया है। नेता कहते कुछ और हैं करते कुछ और हैं। आमतौर पर तो वह क्षेत्र में नजर ही नहीं आते। 


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