Lok Sabha Election 2019 : शास्त्री और नेहरू की सीट पर रोचक होगा मुकाबला
फूलपुर और इलाहाबाद में दिग्गजों के नाम की चर्चा से कांटे की लड़ाई की संभावना नजर आने लगी है। केशव के बेटे सिद्धार्थनाथ रीता जोशी नंदी अनिल शास्त्री हो सकते हैं भाजपा-कांग्रेस से प्रत्याशी।
By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 23 Mar 2019 09:19 PM (IST)Updated: Sun, 24 Mar 2019 10:48 AM (IST)
ज्ञानेंद्र सिंह, प्रयागराज : इलाहाबाद और फूलपुर संसदीय सीट पर जिस तरह दावेदारों के नाम उछले हैं, उससे तो यही लग रहा है कि 17 वीं लोकसभा चुनाव के मैदान में मुकाबला रोचक होगा। सभी दलों की तरफ से अभी तक दिग्गजों के नाम ही चर्चा में हैं। जिन दिग्गजों के नाम पार्टी हाईकमान को भेजे गए हैं, उनमें कई तो क्षेत्र में प्रचार में भी जुट गए हैं। पं. जवाहर लाल नेहरू के रूप में देश को प्रथम प्रधानमंत्री देने वाले फूलपुर और लाल बहादुर शास्त्री के रूप में देश को दूसरा प्रधानमंत्री देने वाले इलाहाबाद लोकसभा क्षेत्र में कांटे की टक्कर के आसार हैं।
बनाई जा रही रणनीति
दलों की ओर से व्यापक रणनीति बनाई जा रही है। माना जा रहा है कि जाति, क्षेत्र और छवि पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। दरअसल, दोनों सीटों पर शहरी मतदाता की तादाद ज्यादा है इसलिए पार्टियां उम्मीदवार चयन को लेकर फूंक-फूंक कर कदम रख रही हैं। दल किसी प्रकार का जोखिम नहीं लेना चाहते।
कांग्रेस से अनिल शास्त्री का नाम आगे
इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र में अनिल शास्त्री को कांग्रेस प्रत्याशी बनाए जाने के संकेत हैं। अनिल इससे पहले भी इलाहाबाद सीट से 1991 में कांग्रेस प्रत्याशी थे। लाल बहादुर शास्त्री के बेटे अनिल, जनता दल के टिकट पर वाराणसी से 1989 में रिकॉर्ड लगभग पौने चार लाख मतों से जीते थे और तब वह केंद्र में मंत्री भी बने थे। इसके बाद उन्होंने जनता दल छोड़ दिया था। पार्टी सूत्रों का दावा है कि इलाहाबाद से अकेले उन्हीं का नाम पार्टी हाईकमान को भेजा गया है।
खास-खास
-17 लाख के करीब कुल मतदाता हैं इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र में
-19 लाख के करीब हैं फूलपुर लोकसभा क्षेत्र में मतदाता
फूलपुर सीट के लिए भी जोड़-तोड़
फूलपुर में अभी कांग्रेस गठबंधन के फेर में है। दरअसल, अपना दल (कृष्णा गुट) की ओर से यह सीट मांगी जा रही है। कृष्णा पटेल खुद उम्मीदवार बनना चाहती हैं। उनके पति सोनेलाल पटेल फूलपुर से दो बार चुनाव भी लड़ चुके हैं। पटेल और मुस्लिम बाहुल्य इस संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ाने की अंदरखाने में एक और रणनीति बनाई जा रही है। अतीक अहमद को अपना दल (कृष्णा गुट) ज्वाइन कराकर यहां से उन्हें अद (के) व कांग्रेस गठबंधन का प्रत्याशी बनाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं। अतीक यहां से सांसद रह चुके हैं।
भाजपा से कई दिग्गजों के नाम
इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र के लिए भाजपा से भी दिग्गजों के नाम पार्टी हाईकमान को भेजे गए हैं। लाल बहादुर शास्त्री के परिवार के सिद्धार्थनाथ सिंह का नाम सबसे ऊपर है। वह प्रदेश सरकार के प्रवक्ता हैं और कैबिनेट मंत्री भी। उन्होंने पहली बार शहर पश्चिमी में कमल खिलाया। इनके अलावा पर्यटन मंत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी और नागरिक उड्डयन मंत्री नंदगोपाल गुप्त नंदी तथा महापौर अभिलाषा गुप्त नंदी का भी नाम केंद्रीय कमेटी को भेजा गया है। पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा की बेटी डॉ. रीता बहुगुणा जोशी पहले भी यहां से चुनाव लड़ चुकी हैं। वह महापौर भी रह चुकी हैं। नंदगोपाल गुप्त भी कांग्रेस से लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं।
संसदीय सीट भाजपा के हाथ में है
भाजपा की तरफ से यहां से पूर्व में चुनाव लड़ चुके योगेश शुक्ला, पूर्व उप महापौर मुरारीलाल अग्रवाल तथा महानगर अध्यक्ष अवधेश गुप्ता का भी नाम भी भेजा गया है। इलाहाबाद संसदीय सीट अभी भाजपा के हाथ में है। हालांकि यहां से जीते श्यामाचरण गुप्त को सपा ने बांदा से प्रत्याशी घोषित कर दिया गया है। वह भाजपा छोड़ भी चुके हैं। फूलपुर संसदीय सीट से उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बेटे योगेश मौर्य का नाम सबसे ऊपर है। बताते चलें कि 2014 में केशव यहां से सांसद रह चुके हैं।
सपा-बसपा गठबंधन से भी कई नामों की चर्चा
इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र से रईस शुक्ला, बालकुमार पटेल और नरेंद्र सिंह का नाम चर्चा में है। जिलाध्यक्ष कृष्णमूर्ति सिंह यादव, हरिओम साहू का भी नाम है। रईस भाजपा से एमएलसी का चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि रेवती रमण को लेकर भी बातें चल रही हैं। वह राज्यसभा सदस्य हैं, यह पद छोड़ेंगे तभी वह उम्मीदवार हो सकते हैं। वह दो बार सांसद यहां से रह चुके हैं। कृष्णमूर्ति सीएमपी और इविवि छात्रसंघ अध्यक्ष रह चुके हैं। आरक्षण की लड़ाई में उनकी जमानत सुप्रीम कोर्ट से हुई थी। फूलपुर से नागेंद्र सिंह पटेल का नाम भेजा गया है। वह उपचुनाव में जीते हैं। उनका टिकट लगभग तय माना जा रहा है।
इलाहाबाद के सांसद
वर्ष नाम पार्टी
1952 श्रीप्रकाश कांग्रेस
1957 लाल बहादुर शास्त्री कांग्रेस
1962 लाल बहादुर शास्त्री कांग्रेस
1967 हरि कृष्ण शास्त्री कांग्रेस
1971 एचएन बहुगुणा कांग्रेस
1973* जनेश्वर मिश्रा भारतीय क्रांति दल
1977 जनेश्वर मिश्रा भारतीय लोक दल
1980 वीपी सिंह कांग्रेस
1981* केपी तिवारी कांग्रेस
1984 अमिताभ बच्चन कांग्रेस
1988* वीपी सिंह निर्दलीय
1989 जनेश्वर मिश्रा जनता दल
1991 सरोज दुबे जनता दल
1996 मुरली मनोहर जोशी भाजपा
1998 मुरली मनोहर जोशी भाजपा
1999 मुरली मनोहर जोशी भाजपा
2004 रेवती रमण सिंह सपा
2009 रेवती रमण सिंह सपा
2014 श्यामाचरण गुप्ता भाजपा
(नोट : * उप चुनाव हुए)
फूलपुर के सांसद
वर्ष नाम पार्टी
1952 जवाहर लाल नेहरू व मसुरियादीन कांग्रेस
1957 जवाहर लाल नेहरू व मसुरियादीन कांग्रेस
1962 जवाहर लाल नेहरू कांग्रेस
1964* विजय लक्ष्मी पंडित कांग्रेस
1967 विजय लक्ष्मी पंडित कांग्रेस
1969* जनेश्वर मिश्रा संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी
1971 वीपी सिंह कांग्रेस
1977 कमला बहुगुणा भारतीय लोक दल
1980 बीडी सिंह जनता पार्टी (सेकुलर)
1984 राम पूजन पटेल कांग्रेस
1989 राम पूजन पटेल जनता दल
1991 राम पूजन पटेल जनता दल
1996 जंग बहादुर पटेल सपा
1998 जंग बहादुर पटेल सपा
1999 धर्मराज सिंह पटेल सपा
2004 अतीक अहमद सपा
2009 कपिल मुनि करवरिया बसपा
2014 केशव प्रसाद मौर्या भाजपा
2018* नागेंद्र प्रताप सिंह पटेल सपा
(नोट : * उप चुनाव हुए)
बनाई जा रही रणनीति
दलों की ओर से व्यापक रणनीति बनाई जा रही है। माना जा रहा है कि जाति, क्षेत्र और छवि पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। दरअसल, दोनों सीटों पर शहरी मतदाता की तादाद ज्यादा है इसलिए पार्टियां उम्मीदवार चयन को लेकर फूंक-फूंक कर कदम रख रही हैं। दल किसी प्रकार का जोखिम नहीं लेना चाहते।
कांग्रेस से अनिल शास्त्री का नाम आगे
इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र में अनिल शास्त्री को कांग्रेस प्रत्याशी बनाए जाने के संकेत हैं। अनिल इससे पहले भी इलाहाबाद सीट से 1991 में कांग्रेस प्रत्याशी थे। लाल बहादुर शास्त्री के बेटे अनिल, जनता दल के टिकट पर वाराणसी से 1989 में रिकॉर्ड लगभग पौने चार लाख मतों से जीते थे और तब वह केंद्र में मंत्री भी बने थे। इसके बाद उन्होंने जनता दल छोड़ दिया था। पार्टी सूत्रों का दावा है कि इलाहाबाद से अकेले उन्हीं का नाम पार्टी हाईकमान को भेजा गया है।
खास-खास
-17 लाख के करीब कुल मतदाता हैं इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र में
-19 लाख के करीब हैं फूलपुर लोकसभा क्षेत्र में मतदाता
फूलपुर सीट के लिए भी जोड़-तोड़
फूलपुर में अभी कांग्रेस गठबंधन के फेर में है। दरअसल, अपना दल (कृष्णा गुट) की ओर से यह सीट मांगी जा रही है। कृष्णा पटेल खुद उम्मीदवार बनना चाहती हैं। उनके पति सोनेलाल पटेल फूलपुर से दो बार चुनाव भी लड़ चुके हैं। पटेल और मुस्लिम बाहुल्य इस संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ाने की अंदरखाने में एक और रणनीति बनाई जा रही है। अतीक अहमद को अपना दल (कृष्णा गुट) ज्वाइन कराकर यहां से उन्हें अद (के) व कांग्रेस गठबंधन का प्रत्याशी बनाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं। अतीक यहां से सांसद रह चुके हैं।
भाजपा से कई दिग्गजों के नाम
इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र के लिए भाजपा से भी दिग्गजों के नाम पार्टी हाईकमान को भेजे गए हैं। लाल बहादुर शास्त्री के परिवार के सिद्धार्थनाथ सिंह का नाम सबसे ऊपर है। वह प्रदेश सरकार के प्रवक्ता हैं और कैबिनेट मंत्री भी। उन्होंने पहली बार शहर पश्चिमी में कमल खिलाया। इनके अलावा पर्यटन मंत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी और नागरिक उड्डयन मंत्री नंदगोपाल गुप्त नंदी तथा महापौर अभिलाषा गुप्त नंदी का भी नाम केंद्रीय कमेटी को भेजा गया है। पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा की बेटी डॉ. रीता बहुगुणा जोशी पहले भी यहां से चुनाव लड़ चुकी हैं। वह महापौर भी रह चुकी हैं। नंदगोपाल गुप्त भी कांग्रेस से लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं।
संसदीय सीट भाजपा के हाथ में है
भाजपा की तरफ से यहां से पूर्व में चुनाव लड़ चुके योगेश शुक्ला, पूर्व उप महापौर मुरारीलाल अग्रवाल तथा महानगर अध्यक्ष अवधेश गुप्ता का भी नाम भी भेजा गया है। इलाहाबाद संसदीय सीट अभी भाजपा के हाथ में है। हालांकि यहां से जीते श्यामाचरण गुप्त को सपा ने बांदा से प्रत्याशी घोषित कर दिया गया है। वह भाजपा छोड़ भी चुके हैं। फूलपुर संसदीय सीट से उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बेटे योगेश मौर्य का नाम सबसे ऊपर है। बताते चलें कि 2014 में केशव यहां से सांसद रह चुके हैं।
सपा-बसपा गठबंधन से भी कई नामों की चर्चा
इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र से रईस शुक्ला, बालकुमार पटेल और नरेंद्र सिंह का नाम चर्चा में है। जिलाध्यक्ष कृष्णमूर्ति सिंह यादव, हरिओम साहू का भी नाम है। रईस भाजपा से एमएलसी का चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि रेवती रमण को लेकर भी बातें चल रही हैं। वह राज्यसभा सदस्य हैं, यह पद छोड़ेंगे तभी वह उम्मीदवार हो सकते हैं। वह दो बार सांसद यहां से रह चुके हैं। कृष्णमूर्ति सीएमपी और इविवि छात्रसंघ अध्यक्ष रह चुके हैं। आरक्षण की लड़ाई में उनकी जमानत सुप्रीम कोर्ट से हुई थी। फूलपुर से नागेंद्र सिंह पटेल का नाम भेजा गया है। वह उपचुनाव में जीते हैं। उनका टिकट लगभग तय माना जा रहा है।
इलाहाबाद के सांसद
वर्ष नाम पार्टी
1952 श्रीप्रकाश कांग्रेस
1957 लाल बहादुर शास्त्री कांग्रेस
1962 लाल बहादुर शास्त्री कांग्रेस
1967 हरि कृष्ण शास्त्री कांग्रेस
1971 एचएन बहुगुणा कांग्रेस
1973* जनेश्वर मिश्रा भारतीय क्रांति दल
1977 जनेश्वर मिश्रा भारतीय लोक दल
1980 वीपी सिंह कांग्रेस
1981* केपी तिवारी कांग्रेस
1984 अमिताभ बच्चन कांग्रेस
1988* वीपी सिंह निर्दलीय
1989 जनेश्वर मिश्रा जनता दल
1991 सरोज दुबे जनता दल
1996 मुरली मनोहर जोशी भाजपा
1998 मुरली मनोहर जोशी भाजपा
1999 मुरली मनोहर जोशी भाजपा
2004 रेवती रमण सिंह सपा
2009 रेवती रमण सिंह सपा
2014 श्यामाचरण गुप्ता भाजपा
(नोट : * उप चुनाव हुए)
फूलपुर के सांसद
वर्ष नाम पार्टी
1952 जवाहर लाल नेहरू व मसुरियादीन कांग्रेस
1957 जवाहर लाल नेहरू व मसुरियादीन कांग्रेस
1962 जवाहर लाल नेहरू कांग्रेस
1964* विजय लक्ष्मी पंडित कांग्रेस
1967 विजय लक्ष्मी पंडित कांग्रेस
1969* जनेश्वर मिश्रा संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी
1971 वीपी सिंह कांग्रेस
1977 कमला बहुगुणा भारतीय लोक दल
1980 बीडी सिंह जनता पार्टी (सेकुलर)
1984 राम पूजन पटेल कांग्रेस
1989 राम पूजन पटेल जनता दल
1991 राम पूजन पटेल जनता दल
1996 जंग बहादुर पटेल सपा
1998 जंग बहादुर पटेल सपा
1999 धर्मराज सिंह पटेल सपा
2004 अतीक अहमद सपा
2009 कपिल मुनि करवरिया बसपा
2014 केशव प्रसाद मौर्या भाजपा
2018* नागेंद्र प्रताप सिंह पटेल सपा
(नोट : * उप चुनाव हुए)
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