Move to Jagran APP

Lok Sabha Election 2019: सही समय पर दूर हुई शिवसेना-भाजपा की खटास

Lok Sabha Election 2019 पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा-शिवसेना का गठबंधन भी टूटा और शिवसेना का गुरूर भी। भाजपा को जहां 122 सीटें मिलीं वहीं शिवसेना 63 पर सिमट गई।

By BabitaEdited By: Published: Sat, 16 Mar 2019 09:40 AM (IST)Updated: Sat, 16 Mar 2019 09:40 AM (IST)
Lok Sabha Election 2019: सही समय पर दूर हुई शिवसेना-भाजपा की खटास
Lok Sabha Election 2019: सही समय पर दूर हुई शिवसेना-भाजपा की खटास

मुंबई, ओमप्रकाश तिवारी। Lok Sabha Election 2019 पिछले विधानसभा चुनाव में गठबंधन टूटने के बाद शिवसेना-भाजपा के रिश्तों में पैदा हुई खटास सही समय पर दूर हो गई। इससे करीब 30 साल पुराने गठबंधन को जहां राहत मिली है, वहीं विपक्षी दल कांग्रेस-राकांपा के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। राज्य की राजनीति में शिवसेना बड़े भाई की भूमिका चाहती रही है। मतलब, विधानसभा चुनाव में भाजपा से अधिक सीटों पर लड़कर मुख्यमंत्री का पद हासिल करना। जबकि, भाजपा का बदला हुआ नेतृत्व बराबर सीटों पर लड़कर अधिक सीटें पाने वाले को मुख्यमंत्री पद मिलने का पक्षधर है।

loksabha election banner

इसी लड़ाई में पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा-शिवसेना का गठबंधन भी टूटा और शिवसेना का गुरूर भी। शिवसेना-भाजपा ने अलग-अलग चुनाव लड़ा। भाजपा को जहां 122 सीटें मिलीं, वहीं शिवसेना 63 पर सिमट गई। कुछ माह बाद शिवसेना मन मार कर सरकार में तो शामिल हो गई, लेकिन भाजपा के प्रति कटुता नहीं गई। लेकिन ‘राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं’ को चरितार्थ करते हुए 18 फरवरी को लोकसभा चुनाव फिर साथ लड़ने की घोषणा कर दी।

 

इससे शिवसेना का कैडर चकित था। लेकिन हाथ आई सत्ता गंवाना आसान नहीं होता। वह भी एक बार का अनुभव रहने के बाद। 1999 में भाजपा-शिवसेना आपसी मतभेद के कारण सूबे की सत्ता गंवाकर पूरे 15 साल सत्ता से बाहर रह चुकी है। उद्धव ठाकरे संभवत: यह कटु अनुभव दोहराना नहीं चाहते थे। हालांकि, उस समय पुलवामा हमले को सिर्फ तीन दिन ही बीते थे। लेकिन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने साथ आकर लोकसभा चुनाव में दोनों दलों के गठबंधन की घोषणा कर दी।

फड़नवीस भरोसा जता चुके हैं कि इस बार भाजपा-शिवसेना गठबंधन 45 तक सीटें अवश्य जीतेगा। वहीं, दलित नेता प्रकाश आंबेडकर एमआइएम को साथ लेकर तीसरा मोर्चा बनाने की घोषणा कर चुके हैं। समाजवादी पार्टी कांग्रेस को घुड़कियां दे रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.