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ओडिशाः तथागत सत्पथी बोले, नवीन पटनायक को राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए

Tathagata Satpathy. नवीन पटनायक चार बार ओडिशा के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उन्हें अब राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए। यह बात हाल तथागत सत्पथी ने कही।

By Sachin MishraEdited By: Published: Sun, 10 Mar 2019 02:17 PM (IST)Updated: Sun, 10 Mar 2019 02:17 PM (IST)
ओडिशाः तथागत सत्पथी बोले, नवीन पटनायक को राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए
ओडिशाः तथागत सत्पथी बोले, नवीन पटनायक को राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए

भुवनेश्वर, जेएनएन। नवीन पटनायक चार बार ओडिशा के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उन्हें अब राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए। यह बात हाल ही में राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा करने वाले बीजू जनता दल (बीजद) के सांसद तथागत सत्पथी ने कही।

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उन्होंने कहा है कि नवीन पटनायक चार बार ओड़िशा के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। ऐसे में और वह कितनी बार मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। उन्हें दूसरों को भी मौका देना चाहिए। 

आगामी आम चुनाव की तिथि जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे ओडिशा की राजनीति में सियासी समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। एक दिन पहले जहां बीजू जनता दल (बीजद) से निष्कासित केंद्रपाड़ा के पूर्व सांसद बैजयंत पंडा ने भाजपा का दामन थाम लिया था। वहीं दूसरी तरफ बीजद के दिग्गज नेताओं में शुमार व ढेंकानाल से सांसद तथागत सत्पथी ने राजनीति से तौबा करने की घोषणा कर बीजू जनता दल की सियासी मुश्किलें बढ़ा दी हैं। ऐसे में अब बीजद प्रमुख व ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने केंद्रपाड़ा और ढेंकानाल में दल प्रत्याशियों के नाम पर नए सिरे से विचार कर रहे हैं।

2014 के चुनाव में बीजद के चुनाव चिन्ह शंख पर ढेंकानाल संसदीय क्षेत्र तथागत शतपथी निर्वाचित हुए थे। शतपथी ने कहा है कि वह किसी दल की राजनीति अब नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि वह राजनीति से संन्यास लेने के अपने फैसले की जानकारी शीघ्र ही बीजद अध्यक्ष मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को देंगे। नवीन पटनायक ने राजनीति में मुझे स्थापित करने में बहुत मदद की है। मैं अपने पुराने व्यवसाय पत्रकारिता में वापस लौट रहा हूं।बीजद के कद्दावर नेताओं में शुमार तथागत सत्पथी राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री नंदिनी शतपथी के पुत्र हैं। वह तीन बार बीजद के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं और एक बार जनता दल के टिकट पर विधायक चुने जा चुके हैं।

मैंने किसी के दबाव में आकर यह फैसला नहीं लिया है। मेरे बेटे ने कहा था, चुनाव मत लड़िए, पत्रकारिता करिए। ओडिशा में निष्पक्ष व निर्भीक पत्रकारिता की कमी है। मैं निरपेक्ष एवं निर्भीक पत्रकारिता करने का प्रयास करूंगा

-तथागत सत्पथी।


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