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सपा के इस सुरक्षित रणक्षेत्र में आखिर कौन बनेगा दावेदार, सस्‍पेंस बरकरार

2014 में चुने जाने के बाद मुलायम ने छोड़ी थी सीट, वर्तमान में तेजप्रताप हैं सांसद। अब मुलायम ङ्क्षसह के फिर चुनाव लडऩे की हो रही हैं चर्चाएं, नहीं हुई अधिकृत घोषणा।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Mon, 18 Feb 2019 04:51 PM (IST)Updated: Mon, 18 Feb 2019 04:51 PM (IST)
सपा के इस सुरक्षित रणक्षेत्र में आखिर कौन बनेगा दावेदार, सस्‍पेंस बरकरार
सपा के इस सुरक्षित रणक्षेत्र में आखिर कौन बनेगा दावेदार, सस्‍पेंस बरकरार

आगरा, दिलीप शर्मा। सपा का सबसे सुरक्षित रणक्षेत्र मानी जाने वाली मैनपुरी लोकसभा सीट पर दावेदारी की पहेली में सब उलझे हैं। अकेल सपा ही नहीं विरोधी दल भी बेचैन हैं। फिर चाहे वह सपा से बगावत करने वाले शिवपाल की पार्टी प्रसपा हो, भाजपा हो या फिर कांग्रेस। मुलायम सिंह के फिर से यहां मैदान में उतरने की चर्चाओं के बाद सांसद तेज प्रताप के भविष्य को लेकर अटकलें लग रही हैं। चुनाव लडऩे की सूरत में मुलायम कहां का रुख करेंगे, इसका जवाब भी कोई नहीं तलाश पा रहा।

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मैनपुरी लोकसभा सीट पर बीते आठ लोकसभा चुनावों से सपा का वर्चस्व बना हुआ है। मुलायम सिंह यहां के सबसे बड़े सियासी खिलाड़ी माने जाते हैं। वर्ष 1996 में मुलायम सिंह ने पहली बार यहां से सांसद का चुनाव जीता था, इसके बाद से सपा कभी नहीं हारी। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद मुलायम सिंह ने साढ़े तीन लाख से अधिक वोट के अंतर से रिकार्ड जीत हासिल की थी। हालांकि बाद में यह सीट छोड़ दी, जिसके बाद उपचुनाव में उनके पौत्र तेज प्रताप यादव को उतारा गया और वह भी जीते। अब सपा- बसपा गठबंधन होने के बाद सीट पर सपा अपनी जीत सुनिश्चित मान रही है। कुछ माह पूर्व यहां से पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव को चुनाव लड़ाने को लेकर पार्टी में मंथन हुआ था। इसके बाद से उनके चुनाव लडऩे की बात कही जा रही है।

हालांकि मुलायम सिंह के यहां आने की सूरत में तेज प्रताप को पार्टी कहां से लड़ाएगी, इस पर कोई विकल्प अब तक सामने नहीं आया है। हालांकि पार्टी के कुछ लोग उनको जौनपुर सीट से लड़ाने की बात कह रही है। हालांकि ज्यादातर नेता तेज प्रताप के ही दोबारा मैनपुरी से लडऩे की बात कह रहे हैं। बहरहाल पार्टी इस पर पूरी तरह चुप्पी साधे हुए हैं। पार्टी नेता हाईकमान द्वारा फैसला लिए जाने की बात कह रहे हैं।

इसलिए हैं मुलायम की चर्चाएं

शिवपाल यादव लगातार कह रहे हैं कि मैनपुरी से यदि मुलायम सिंह लड़ेंगे तो वह अपना प्रत्याशी नहीं उतारेंगे। वहीं पिछले दिनों एक प्रसपा नेता ने खुद को मुलायम सिंह का फोन आने और उनके द्वारा मैनपुरी से चुनाव लडऩे की बात कहे जाने का दावा किया था। सपा भी मुलायम की दावेदारी की बात से खुलकर इंकार नहीं कर रही है।

दूसरे दलों की तैयारी 

भाजपा इस बार सपा की परंपरागत सीटों पर जीत हासिल कर नजीर पेश करना चाहती है। ऐसे में सपा प्रत्याशी के हिसाब से अपना प्रत्याशी तय करने की रणनीति बनी है। मुलायम सिंह के लडऩे पर बाहर से भी प्रत्याशी लाया जा सकता है। मुलायम के न लडऩे पर प्रसपा फैक्टर भी भाजपा को लाभदायक लग रहा है।

प्रसपा: प्रसपा ने मुलायम सिंह के आने पर चुनाव लडऩे की बात कही है। ऐसे में यदि मुलायम सिंह नहीं लड़े तो अपना प्रत्याशी तय करना पड़ेगा। ऐसे में सपा की घोषणा का इंतजार हो रहा है। उसी हिसाब से चुनावी तैयारी की जाएगी।

कांग्रेस: बीते तीन चुनावों में कांग्रेस ने यहां अपना प्रत्याशी नहीं उतारा। हालांकि इस बार चुनाव लडऩे की कहा जा रहा है। परंतु यदि मुलायम सिंह प्रत्याशी बनते हैं तो राजनीतिक शिष्टचार में फिर यह सीट खाली छोडऩे की स्थिति बन सकती है। ऐसे में कांग्रेस नेता भी इस पर नजरें बनाए हुए हैं।


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