नेताओं पर चुनाव आयोग की कार्रवाई से सुप्रीम कोर्ट संतुष्ट, कहा- अब जागा है
कोर्ट ने कहा लगता है कि आयोग की शक्तियां वापस आ गई हैं। वह जाग गया है। कोर्ट ने कहा कि अब फिलहाल कोई अंतरिम आदेश देने की जरूरत नहीं है और मामले पर सुनवाई स्थगित कर दी।
नई दिल्ली [ जागरण ब्यूरो]। जाति और धर्म के नाम पर नफरत फैलाने वाले भाषणों के मामले में चुनाव आयोग की नेताओं के खिलाफ कार्रवाई से मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट संतुष्ट दिखा। कोर्ट ने कहा, लगता है कि चुनाव आयोग की शक्तियां वापस आ गई हैं। वह जाग गया है। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि अब फिलहाल कोई अंतरिम आदेश देने की जरूरत नहीं है और मामले पर सुनवाई स्थगित कर दी।
सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद सोमवार को चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व सपा नेता आजम खान पर 72 घंटे और बसपा सुप्रीमो मायावती व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी पर 48 घंटे चुनाव प्रचार करने, साक्षात्कार देने अथवा सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी।
इससे पहले सोमवार को कोर्ट ने नफरत फैलाने वाले भाषणों पर योगी आदित्यनाथ और मायावती के खिलाफ त्वरित कार्रवाई नहीं करने पर चुनाव आयोग को फटकार लगाई थी। आयोग ने कोर्ट में कहा था कि ऐसे मामलों में कार्रवाई करने की उसके पास सीमित शक्तियां हैं।
इसके बाद कोर्ट ने मंगलवार को आयोग की शक्तियों के मसले पर विचार का निर्णय लिया था और आयोग के अधिकारी को मंगलवार को कोर्ट में पेश रहने का आदेश दिया था। मंगलवार को प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष आयोग की ओर से पेश वरिष्ठ वकील एएस सुंदरम ने कहा, उन्होंने पाया कि आयोग के पास काफी शक्तियां हैं। इसके साथ ही उन्होंने ऐसे मामलों में आयोग के द्वारा की गई कार्रवाई का ब्योरा दिया।
कोर्ट ने आयोग की ओर से दिया गया ब्योरा देखने के बाद कहा कि अब फिलहाल मामले पर कोई अंतरिम आदेश देने की जरूरत नहीं लगती। हालांकि कोर्ट ने याचिका को लंबित रखा है और याचिकाकर्ता के वकील संजय हेगड़े को छूट दी है कि अगर भविष्य में नफरत फैलाने के मामले में आयोग कार्रवाई न करे तो वह मामले को कोर्ट में मेंशन कर सकते हैं।
कोर्ट ने यह आदेश अप्रवासी भारतीय की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान दिए। याचिका में मांग की गई है कि नफरत फैलाने वाले भाषणों पर राजनीतिक दलों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
मायावती को फिलहाल राहत नहीं
चुनाव प्रचार पर 48 घंटे की रोक झेल रहीं बसपा सुप्रीमो मायावती को मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली। कोर्ट ने उनके मामले पर तत्काल सुनवाई की गुहार ठुकरा दी और कहा कि वह चुनाव आयोग के आदेश के खिलाफ अलग से अपील दाखिल करें।
इससे पहले चुनाव आयोग की शक्तियों के मामले में सुनवाई के दौरान मायावती की ओर से पेश वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि कोर्ट की टिप्पणी के कारण चुनाव आयोग ने उनका पक्ष सुने बगैर एकतरफा आदेश पारित किया है। वह उस आदेश के बाद विकल्पहीन हो गए हैं। लेकिन कोर्ट ने मामले पर विचार से इन्कार कर दिया।