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Lok Sabha Election: सुपौल-मधेपुरा में 'हम तो डूबेंगे सनम, तुम्हें भी ले डूबेंगे' जैसी स्थिति

महागठबंधन का गणित सुपौल और मधेपुरा में गड़बड़ा रहा है। एक ही सीट से दो बड़े नाम सामने आने पर हम तो डूबेंगे सनम तुम्हें भी ले डूबेंगे जैसी स्थित बन रही है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Thu, 18 Apr 2019 01:16 PM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2019 10:11 PM (IST)
Lok Sabha Election: सुपौल-मधेपुरा में 'हम तो डूबेंगे सनम, तुम्हें भी ले डूबेंगे' जैसी स्थिति
Lok Sabha Election: सुपौल-मधेपुरा में 'हम तो डूबेंगे सनम, तुम्हें भी ले डूबेंगे' जैसी स्थिति

पटना [दीनानाथ साहनी] मधेपुरा और सुपौल लोकसभा क्षेत्र में महागठबंधन का गणित गड़बड़ हो रहा है। मधेपुरा के चुनावी जंग में जन अधिकार पार्टी से पप्पू यादव के उतरने से महागठबंधन के राजद उम्मीदवार शरद यादव को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है। लालू प्रसाद के नाम पर शरद यादव घर-घर जाकर वोट मांग रहे हैं तो खुद को मधेपुरा का सेवक बताकर पप्पू यादव वोटरों के आगे नतमस्तक हो रहे हैं और उनसे आशीर्वाद मांग रहे हैं।

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उधर, सुपौल में महागठबंधन की कांग्रेस उम्मीदवार रंजीत रंजन के खिलाफ राजद ने मधेपुरा का प्रतिशोध लेने का हुंकार भर रखा है। ऐसे में सुपौल और मधेपुरा में राजग को आसानी से बढ़त मिल रही है।

दोनों लोकसभा क्षेत्रों में महागठबंधन को 'हम तो डूबेंगे सनम, तुम्हें भी ले डूबेंगे' जैसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। बीएन मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. एमपी मंडल बड़ी साफगोई से कहते हैं कि 'मधेपुरा और सुपौल में महागठबंधन तो खुद ही बंटा है। ऐसे में राजग की जीत की राह आसान होती दिख रही है। मधेपुरा में शरद यादव और पप्पू यादव आपस में ही लड़ रहे हैं, जबकि सुपौल में पप्पू यादव की पत्नी रंजीत रंजन को मधेपुरा की लड़ाई का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।

मतदाताओं में कनफ्यूजन

कोसी क्षेत्र में 'हॉट सीट' बन चुके सुपौल और मधेपुरा में भ्रमण के दौरान यह सीन आसानी से दिख जाता है कि महागठबंधन के मतदाताओं में कनफ्यूजन वाली स्थिति है। जैसा कि कुमारखंड प्रखंड के भीतनी गांव में शिक्षक महेंद्र नारायण पंकज ने बताया कि महागठबंधन की आपसी लड़ाई में राजग को सीधे फायदा हो रहा है।

 कांग्रेस उम्मीदवार के खिलाफ राजद का निर्दलीय योद्धा

सुपौल में राजद के पूर्व जिला महासचिव दिनेश प्रसाद यादव रंजीत रंजन के खिलाफ मैदान में निर्दलीय ताल ठोक रहे। त्रिवेणीगंज में बांस की चचरी पुल के पास सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक भवनाथ झा ने बताया कि मधेपुरा में शरद-पप्पू के बीच की लड़ाई का 'रिटर्न गिफ्ट' सुपौल में रंजीत रंजन को राजद के लोग भेंट कर रहे हैं। आशंका है कि शरद-पप्पू की लड़ाई में रंजीत रंजन बलि चढ़ेंगी, क्योंकि पप्पू यादव को सबक सिखाने के लिए सुपौल के जिला राजद अध्यक्ष और विधायक यदुवंश यादव ने अपनी टीम को रंजीत रंजन के खिलाफ लगा रखा है। इस तरह से सुपौल और मधेपुरा में महागठबंधन का घोसला तिनका-तिनका बिखर रहा है।

तेजस्वी-पप्पू के मतभेद का भी असर

यादव बहुल कोसी क्षेत्र में तेजस्वी यादव और पप्पू यादव के मतभेद का प्रभाव भी दिख रहा है। राजद के समर्थक दिनेश यादव कहते हैं कि 'जब हमारे नेता (तेजस्वी यादव) पप्पू यादव को माफ करने के मूड में नहीं है तब यहां हम कैसे माफ कर देंगे। इस मतभेद का असर कांग्रेस समर्थकों पर भी दिख रहा है। यह जगजाहिर है कि पप्पू यादव की वजह से तेजस्वी की कांग्रेस से तल्खी बढ़ गई है। ऐसे में सुपौल में राजद की जिला टीम ने कांग्रेस उम्मीदवार रंजीत रंजन के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। राजद के जिलाध्यक्ष व पिपरा के विधायक यदुवंश यादव ने घोषणा कर रखी है कि वे रंजीत रंजन को चुनावी मदद नहीं करेंगे। इसके बारे में वे जिला कमेटी की बैठक कर अपने कार्यकर्ताओं को बता भी चुके हैं।

नापाक इरादों नहीं होने देंगे सफल

सुपौल राजद के जिलाध्यक्ष यदुवंश यादव ने बताया कि 'पप्पू यादव और रंजीत रंजन के नापाक इरादों को राजद कार्यकर्ता कभी सफल नहीं होने देंगे। कार्यकर्ता इसके लिए दृढ़ संकल्पित हैं और उन्हें भला-बुरा का भी ज्ञान है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष अपने हद में रहें और किसी को नसीहत देने का प्रयास न करें। राजद के कार्यकर्ता सजग हैं और संगठन को रंजीत-पप्पू राजद बनाने का उनका दिवास्वप्न एक भूल है।


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