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सुहागनगरी में होगा सियासी घमासान,जब एक दूसरे के खिलाफ ताल ठोकेंगे चाचा भतीजे

गठबंधन की ओर से अक्षय यादव प्रत्याशी होंगे और प्रसपा से शिवपाल आने का एलान कर चुके हैं। कांग्रेस का प्रसपा से गठबंधन हो सकता है। भाजपा की ओर से दावेदारी पर अभी चर्चा नहीं हुई है।

By TaniskEdited By: Published: Mon, 28 Jan 2019 09:23 PM (IST)Updated: Mon, 28 Jan 2019 09:23 PM (IST)
सुहागनगरी में होगा सियासी घमासान,जब एक दूसरे के खिलाफ ताल ठोकेंगे चाचा भतीजे
सुहागनगरी में होगा सियासी घमासान,जब एक दूसरे के खिलाफ ताल ठोकेंगे चाचा भतीजे

फीरोजाबाद, डा.राहुल सिंघई। सपा का गढ़ रही सुहागनगरी में अबकी बार सियासी संग्राम तय हो चुका है। सैफई परिवार आमने सामने होगा। चाचा के भतीजे के सामने ताल ठोंकने के एलान के बाद सरगर्मियां तेज हो गयी हैं तो नेताओं की तोड़फोड़ की अटकलों का बाजार गरमा गया है। विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी में सियासी हालात काफी बदले हुए हैं। अब शिवपाल सिंह की तीन फरवरी को शिकोहाबाद में होने वाली रैली को लेकर तैयारियां भी तेज कर दी गई हैं। 

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फीरोजाबाद में मुलायम सिंह के बाद शिवपाल सिंह की पकड़ मानी जाती थी। 2014 में प्रो रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय सांसद बने। इसके बाद फीरोजाबाद की राजनीति उनके खाते में आ गई। सपा सरकार में फीरोजाबाद को सौगातें लुटाईं गईं और शिवपाल दूर होते गए। विधानसभा चुनाव से पहले सपा में छिड़े संग्राम में शिवपाल सिंह को फीरोजाबाद का समर्थन मिला, लेकिन फलीभूत नहीं हुआ। वे तो पार्टी में रहे लेकिन समर्थक बाहर हो गए और कुछ ने अलग रास्ता बना लिया। 

सत्ता जाते ही पार्टी में बगावत होने लगी और साल पूरा होते होते बागी विरोधी बन गए। शिवपाल के अलग पार्टी बनाने के बाद सपा के बागियों ने उनका दामन थाम लिया। पहले रोड शो में ताकत दिखाने के बाद शिवपाल को चुनाव लड़ाने की मांग शुरू हो गई। पार्टी से बागी हुए जिले के इकलौते विधायक हरिओम भी खुलकर शिवपाल के साथ आ गए। अब शिवपाल ने फीरोजाबाद से चुनाव का एलान कर दिया। 

एक तरफ सपा बसपा गठबंधन से जहां सपा की स्थिति मजबूत मानी जा रही थी, वही अब शिवपाल के मैदान में आने के बाद पार्टी में तोड़फोड़ की आशंकाएं जोर पकड़ने लगी हैं। 

फीरोजाबाद से बढ़ी परिवार की सियासत... 

सैफई से शुरू हुई मुलायम परिवार की सियासत फीरोजाबाद से आगे बढ़ी। मुलायम सिंह शिकोहाबाद में पढ़े लिखे और राजनैतिक कैरियर शुरू किया। 1993 में शिकोहाबाद से चुनाव जीतकर वे मुख्यमंत्री बने। सैफई परिवार के रिश्तों का ताना बाना भी यहीं बना। मुलायम सिंह के समधी और मैनपुरी सांसद तेज प्रताप के नाना शिकोहाबाद के हैं तो धर्मेंद्र यादव के जरिए रिश्ते जसराना से जुड़े हैं। फीरोजाबाद से अखिलेश यादव 2009 में जीतकर संसद पहुंचे थे तो 2014 में प्रो रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव सांसद बने। 

जोर पकडेंगी जुबानी जंग 

पिछले दिनों जुबानी जंग प्रो रामगोपाल यादव ने शुरू की थी। शिवपाल पर कहा था कि यदि पूर्वांचल में अखिलेश पर टिप्पणी करेंगे तो वहां पिटेंगे शिवपाल। इसके बाद शिवपाल ने पूर्वांचल में रैली कर अपना जवाब भी दे दिया था। उसके बाद शिवपाल के समर्थक और सपा के बागी विधायक हरिओम यादव, प्रसपा जिलाध्यक्ष व पूर्व सपा विधायक अजीम भाई ने प्रो यादव और सांसद के खिलाफ जुबानी हमला बोला था और आपत्तिजनक टिप्पणी कर आरोप भी लगाए थे। तीन फरवरी को शिकोहाबाद रैली में शिवपाल की घोषणा के बाद जंग दोनो तरफ से तेज होगी। 

आंकड़ों में सपा बसपा गठबंधन की मजबूती 

आने वाले चुनाव में सियासत किसी करवट बैठेगी कोई नही जानता, मगर आंकड़े गठबन्धन को मजबूत बताते हैं। फीरोजाबाद और टूंडला सीट पर दोनों पार्टियों का जोड़ बढ़त दिला सकता है। वहीं शिकोहाबाद और सिरसागंज में सपा का वोट मजबूत रहा है। हालांकि इस बार सिरसागंज में बगावत हुई है और जसराना में सपा के मजबूत लोग बीजेपी का भगवा रंग ओढ़े हुए हैं। ये बात और है कि सभी दल अपने आपको मजबूत बता रहे हैं। 

भाजपा में शुरू नहीं हुई चर्चा 

गठबंधन की ओर से अक्षय यादव प्रत्याशी तय हैं तो प्रसपा से शिवपाल आने का एलान कर चुके हैं। कांग्रेस का प्रसपा से गठबंधन हो सकता है। वहीं भाजपा की ओर से दावेदारी पर चर्चा भी शुरू नहीं हुई है। अंदरखाने बाहरी प्रत्याशी की बातें भी चल रहीं हैं। 


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