RJD के शिवानंद ने कन्हैया को दी बड़ी नसीहत, जानिए क्यों कहा नहीं लड़ें चुनाव
राजद नेता शिवानंद तिवारी ने कन्हैया कुमार को अपनी पार्टी (भाकपा) संभालने की सलाह दी है। उन्होंने बिहार में भाकपा की हालत को खराब बताया है। जानिए शिवानंद ने और क्या कहा।
पटना [राज्य ब्यूरो]। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी (भाकपा) नेता व कन्हैया कुमार को चुनाव लडऩे में जल्दीबाजी नहीं करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि उन्हें अभी अपनी पार्टी (भाकपा) को मजबूत करने पर जोर देना चाहिए।
शिवानंद तिवारी ने इसे निजी राय बताया। हालांकि, इसे महागठबंधन की राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है। बताया जाता है कि भाकपा बेगूसराय लोकसभा सीट पर कन्हैया को लड़ाना चाहती है। कन्हैया ने भी कभी इससे इनकार नहीं किया है। कन्हैया ने कहा है कि वे पार्टी के फैसले पर चलेगे। अगर पार्टी चाहेगी तो वे लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे। कन्हैया आज केंद्र सरकार व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बड़े विरोधी के रूप में जाने जाते हैं।
भाकपा को बताया कमजोर पार्टी
कन्हैया को भविष्य का नेता बताते हुए शिवानंद ने कहा कि चुनाव लडऩे की इच्छा दबाकर उन्हें इस दिशा में अपनी ऊर्जा लगानी चाहिए। कहा कि बिहार में भाकपा कभी एक ताकत थी। शिवानंद ने कहा कि भाकपा का सिर्फ ढांचा बचा है। नेतृत्व पुराना पड़ चुका है।
राष्ट्रीय छवि को किया स्वीकार
शिवानंद ने कहा कि वे कन्हैया को पसंद करते हैं। बिना संसद पहुंचे उनकी छवि राष्ट्रीय स्तर की बन गई है। लोग उन्हें सुनने आते हैं। मीडिया पसंद करता है। बहुत सारे सांसदों को वह सब नसीब नहीं है, जो 32 साल की उम्र में कन्हैया ने पा लिया है।
40 की उम्र से पहले चुनाव नहीं लडऩे के हिमायती
समाजवादी नेता किशन पटनायक का जिक्र करते हुए शिवानंद ने कहा कि वह भी 40 की उम्र से पहले चुनाव नहीं लडऩे के हिमायती थे। इसकी वजह थी कि जवानी में चुनाव लडऩे वाले को जोश और उमंग से समझौता करना पड़ता है। तिवारी ने खुद इसी आधार पर 1977 में जनता पार्टी का टिकट ठुकरा दिया था।