शाह ने कहा- 75 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों को लोकसभा चुनाव का टिकट नहीं देना भाजपा का फैसला
शाह ने उन अटकलों को ज्यादा तवज्जों नहीं दी जिनमें कहा गया है कि यदि केंद्र की सत्ता में भाजपा की वापसी होती है तो वह सरकार में शामिल हो सकते हैं।
नई दिल्ली, एजेंसी। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि 75 साल से अधिक उम्र के लोगों को लोकसभा चुनाव का टिकट नहीं देना उनकी पार्टी का फैसला है। इसकी वजह से पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे नेता चुनाव मैदान में नहीं उतर पाए। शाह ने कहा कि वह संसद में आने के लिए लोगों से 'सीधा जनादेश' चाहते हैं और इसलिए उन्होंने आम चुनाव ल़़डने का फैसला लिया।
शाह ने उन अटकलों को ज्यादा तवज्जों नहीं दी, जिनमें कहा गया है कि यदि केंद्र की सत्ता में भाजपा की वापसी होती है तो वह सरकार में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस दावे का कोई आधार नहीं है क्योंकि राज्यसभा सदस्य होने पर भी कोई मंत्री बन सकता है। गांधीनगर सीट से अपनी उम्मीदवारी के बारे में शाह ने कहा कि मैं 25 साल तक विधायक रहा हूं। मैं एक राजनीतिक कार्यकर्ता हूं, जो लोगों के बीच रहता है। जब मेरा विधानसभा कार्यकाल समाप्त हुआ, तब कोई लोकसभा चुनाव नहीं था। इसलिए, मैं राज्यसभा गया। मैं संसद जाने के लिए लोगों से सीधा जनादेश चाहता था और पार्टी इस पर सहमत हुई।
भाजपा ने गांधीनगर संसदीय सीट से आडवाणी की जगह शाह को उम्मीदवार बनाया है। उन्होंने कहा कि इन चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व और राष्ट्रीय सुरक्षा पार्टी के लिए दो प्रमुख मुद्दे हैं। उन्होंने कहा कि मोदी आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति लेकर आए हैं।
शाह ने कहा कि यह नीति सफल हुई है। हमने सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक की। इन दो कार्रवाइयों से दुनिया को एक संदेश गया है कि अमेरिका और इसराइल के अलावा यदि कोई अन्य देश है जो अपने सशस्त्र बलों के सदस्यों की हत्या का बदला ले सकता है तो वह भारत है।
बालाकोट हवाई हमले पर भाजपा प्रमुख ने कहा कि पाकिस्तानी सेना और उसके प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया है कि उन्हें काफी नुकसान हुआ है। वे बदला लेने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन तब भी विपक्ष सबूत मांग रहा था। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि हमारे सशस्त्र बलों का इससे ब़़डा अपमान नहीं हो सकता। विपक्ष को अपनी वोट बैंक की राजनीति के लिए इतना नीचे नहीं गिरना चाहिए।
राम मंदिर और अनुच्छेद 370 जैसे पार्टी के वैचारिक मुद्दों पर ज्यादा प्रगति नहीं होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इनके लिए लोकसभा और राज्यसभा में 'पूर्ण बहुमत' की जरूरत है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर का मुद्दा अदालत में लंबित है। हम फैसले का इंतजार करेंगे, लेकिन हमारा रुख है कि उसी स्थान पर जल्द से जल्द एक भव्य राम मंदिर बनना चाहिए।