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Bihar Lok Sabha Election Phase 7: भोजपुरी बेल्‍ट में पकड़ बचाएगी NDA की प्रतिष्‍ठा

Bihar Lok Sabha Election Phase 7बिहार में लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण की आठ सीटों में चार भोजपुरी भाषी हैं। ये सीटें फिलहाल एनडीए के कब्‍जे में हैं।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Sat, 18 May 2019 05:09 PM (IST)Updated: Sun, 19 May 2019 08:54 PM (IST)
Bihar Lok Sabha Election Phase 7: भोजपुरी बेल्‍ट में पकड़ बचाएगी NDA की प्रतिष्‍ठा
Bihar Lok Sabha Election Phase 7: भोजपुरी बेल्‍ट में पकड़ बचाएगी NDA की प्रतिष्‍ठा

पटना [राजेश ठाकुर]। बिहार में लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण की आठ सीटों (बक्सर, जहानाबाद, काराकाट, आरा, नालंदा, पाटलिपुत्र, पटना साहिब, सासाराम) में चार (सासाराम, आरा, काराकाट और बक्सर) भोजपुरी भाषी हैं। खास बात यह है कि 2014 के चुनाव में इन सभी सीटों पर एनडीए के उम्मीदवर जीते थे। इन क्षेत्रों में महागठबंधन भी पूरा जोर-आजमाइश लगा रहा है। हालांकि, उसके पास खोने के लिए कुछ नहीं है। जो सीटें मिल जाए, वे बोनस ही होंगी।
इन क्षेत्रों में नेताओंने भोजपुरी में भी भाषण देने को प्राथमिकता दी। यहां तक कि पूर्व मुख्‍यमंत्री राबड़ी देवी भोजपुरी में ही ट्वीट करती रहीं। सासाराम में सातवें चरण के चुनाव प्रचार के लिए आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोजपुरी भाषा में ही भाषण की शुरुआत की थी। उन्‍होंने कहा- 'इ क्षेत्र धान के कटोरा कहल जाला, हम इ धरती के नमन करत बानी। मां ताराचंडी आ मां मुंडेश्वरी के इ पावन भूमि बा, हम रउवा सब के अभिनंदन करत बानी...'     

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बक्सर: अश्विनी चौबे बनाम जगदानंद सिंह
भोजपुरी भाषी इलाकों में बक्‍सर सीट काफी महत्‍वपूर्ण है। यहां से 2014 में मोदी लहर में भागलपुर के विधायक रह चुके अश्विनी चौबे ने किस्‍मत आजमायी और वे जीत भी गये। उन्‍हें केंद्रीय मंत्री बनाया गया। एक बार फिर वे मैदान में आ गए हैं। इस बार उनका मुकाबला राजद के जगदानंद सिंह से है। जगदानंद सिंह भी इस इलाके में कद्दावर नेता माने जाते हैं। मुकाबला आमने-सामने का है। 

काराकाट: उपेंद्र कुशवाहा बनाम महाबली सिंह
काराकाट संसदीय क्षेत्र 2009 में अस्तित्व में आया। यह क्षेत्र चावल उत्पादन के लिए जाना जाता है। 2014 के चुनाव में एनडीए के घटक रहे रालोसपा अध्‍यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने राजद प्रत्याशी व पूर्व केंद्रीय मंत्री कांति सिंह को शिकस्त देकर जीत दर्ज की थी। लेकिन इस बार समीकरण बदल गया है। वे अब महागठबंधन खेमे में हैं और रालोसपा से लड़ रहे हैं। इस बार उनका मुकाबला जदयू के महाबली सिंह से है। 

सासाराम: मीरा कुमार बनाम छेदी पासवान 
सासाराम भी महत्वपूर्ण सीट है। यहां से बाबू जगजीवन राम आठ बार सांसद बने हैं। इस बार उनकी बेटी मीरा कुमार यहां से कांग्रेस के टिकट पर चौथी बार किस्मत आजमा रही हैं। इसके पहले मीरा कुमार यहां से 2004 और 2009 में चुनाव जीत चुकी हैं, जबकि 2014 में वे मोदी लहर में हार गयीं। उन्हें भाजपा के उम्मीदवार छेदी पासवान ने हराया। इस बार दोनों के बीच प्रतिष्ठा और हैट्रिक की लड़ाई है।

 

आरा: आरके सिंह बनाम राजू यादव  
आरा का चुनाव सातवें चरण में 19 मई को है। आरा से 2014 में चुनाव जीते भाजपा उम्मीदवार आरके सिंह फिर से यहां से किस्मत आजमा रहे हैं। यहां से उनका मुकाबला सीपीआई माले के राजू यादव से है। माले उम्मीदवार राजू यादव को राजद कोटे से टिकट दिया गया है और महागठबंधन का समर्थन प्राप्त है। देखना दिलचस्‍प होगा कि जनता किसके साथ जाती है, आरके सिंह कुर्सी को बरकरार रख पाते हैं या राजू यादव का सिक्का चलता है। यह सब 23 मई को ही पता चलेगा।

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