Lok Sabha Election 2019: राजमहल की लड़ाई में Hemant Soren की प्रतिष्ठा दांव पर
झारखंड विकास मोर्चा ने डॉ. अनिल मुर्मू को उम्मीदवार बनाया था। उन्हें 97374 मत मिले थे। इस बार झाविमो भी महागठबंधन के साथ है। इसे झामुमो अपनी जीत का रास्ता मान रहा है।
साहिबगंज, डॉ. प्रणेश। भारतीय जनता पार्टी ने हेमलाल मुर्मू को पुन: लोकसभा का उम्मीदवार बना दिया। पिछली बार उनको विजय हांसदा ने करीब 41 हजार मतों से पराजित किया था। हेमलाल के प्रत्याशी घोषित होने पर झारखंड मुक्ति मोर्चा कुछ ज्यादा ही आत्मविश्वास में है। उसे उम्मीद है कि चुनाव में वह भारी पड़ेगा। राजनीतिक समीकरण उसके अनुकूल है।
दरअसल पिछले चुनाव में झारखंड विकास मोर्चा ने डॉ. अनिल मुर्मू को उम्मीदवार बनाया था। उन्हें 97,374 मत मिले थे। इस बार झाविमो भी महागठबंधन के साथ है। इसे झामुमो अपनी जीत का रास्ता मान रहा है। आत्मविश्वास का आलम यह हो गया है कि महागठबंधन ने अब तक जिला मुख्यालय में चुनाव कार्यालय तक नहीं खोला है। न ही शहर में कहीं भी पार्टी का झंडा-बैनर दिख रहा है। हालांकि महागठबंधन के तमाम नेता ग्रामीण क्षेत्रों में जनसंपर्क अभियान जरूर चला रहे हैं। राजनीतिक बिसात के पंडित मान रहे हैं कि झामुमो को शहरी क्षेत्र से विशेष उम्मीद नहीं है। इस वजह से पार्टी की गतिविधियां यहां कम हैं। महागठबंधन के दलों को ग्रामीण क्षेत्रों समर्थन ज्यादा मिलता है इसलिए गठबंधन नेता ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा ध्यान दे रहे है।
उधर, भाजपा प्रत्याशी ग्रामीण क्षेत्रों में तो जनसंपर्क अभियान चला ही रहे हैं शहर में भी उनकी उपस्थिति दिख जाती है। टिकट की घोषणा के बाद से भाजपा के चार शानदार कार्यक्रम शहर में हुए हैं। पूरा शहर भी भाजपा के झंडा व होर्डिंग्स से पटा है। यानी चुनावी फिजाओं को भाजपा ने गरमा दिया है यह कहना अतिशयोक्ति न होगा।
उधार के आफिस से काम निकालने की तैयारी : जिला मुख्यालय में भाजपा व कांग्रेस के अलावा किसी अन्य पार्टी का कार्यालय नहीं है। बाटा चौक पर भाजपा का कार्यालय है, जहां पार्टी विधायक अनंत ओझा बैठते हैं। भाजपा प्रत्याशी ने गांधी चौक व जिरवाबाड़ी में एक-एक चुनाव कार्यालय खोला है। इधर झामुमो ने अब तक चुनाव कार्यालय नहीं खोला है। कांग्रेस के जिला कार्यालय के भरोसे ही काम निकालने की तैयारी में है। कुछ होर्डिंग्स लगाने की झामुमो ने तैयारी की है।
हेमंत की प्रतिष्ठा दांव पर : राजनीतिक पंडितों का मानना है कि भाजपा ने राजमहल लोकसभा सीट को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ रखा है। इसलिए वह हर जतन इसे जीतने के लिए कर रही है। दूसरी ओर राजमहल लोकसभा क्षेत्र की बरहेट विधानसभा सीट से झामुमो नेता सह पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विधायक हैं। उनके समक्ष इस लोकसभा सीट को निकालकर अपनी प्रतिष्ठा बचाने की चुनौती है।
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