Bihar Lok Sabha Election Phase 7: पाटलिपुत्र से जुड़ी लालू की प्रतिष्ठा, मीसा को जीत की तलाश
Bihar Lok Sabha Election Phase 7पाटलिपुत्र में राज्यसभा सांसद मीसा भारती व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव के बीच दिलचस्प मुकाबला है। इसमें लालू यादव की प्रतिष्ठा भी दांव पर है।
By Akshay PandeyEdited By: Published: Sat, 18 May 2019 09:17 PM (IST)Updated: Sun, 19 May 2019 05:59 PM (IST)
पटना [जेएनएन]। पिछली बार भाजपा की झोली में आई पाटलिपुत्र लोकसभा सीट का मुकाबला इस बार भी दिलचस्प है। सातवें चरण में भाजपा के रामकृपाल यादव और राजद की मीसा भारती के बीच आमने-सामने का मुकाबला है।
पिछले लोकसभा चुनाव में महज 40322 वोटों के अंतर से मीसा भारती हार गईं थीं। रामकृपाल यादव यहां से सांसद बने थे। इसके पहले 2009 में रंजन यादव जीते थे। तब मीसा के पिता लालू प्रसाद यादव चुनाव हार गए थे। इसके बाद 2014 में मोदी लहर में मीसा भी हार गईं। अब देखना दिलचस्प होगा कि 2019 में क्या होगा? इस बार भी रामकृपाल का सितारा बुलंद होता है या फिर मीसा की झोली में यह सीट आती है। 23 मई को स्थिति साफ हो जाएगी कि जनता किनके साथ रही। लेकिन इतना तो सच है कि यह सीट लालू की प्रतिष्ठा से जुड़ गई है। इस बार यहां से 25 उम्मीदवार भाग्य आजमा रहे हैं।
बिहार की चर्चित सीटों में से एक है पाटलिपुत्र
रामकृपाल के समर्थन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के साथ अन्य बड़े नेता भी प्रचार कर चुके हैं। वहीं मीसा भारती के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, भाई तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव ने दिन-रात एक किया है।
ग्रामीण इलाके के हैं अधिसंख्य मतदाता
इसकी दरकार इसलिए भी अधिक रही क्योंकि इस संसदीय क्षेत्र का अधिसंख्य हिस्सा ग्रामीण है। इसके दायरे वाले बिक्रम, दानापुर, मनेर, पालीगंज, मसौढ़ी और फुलवारीशरीफ विधानसभा क्षेत्र की 70 फीसद से अधिक आबादी ग्रामीणों की है। यही कारण है कि दोनों गठबंधनों ने एक ही बिरादरी के उम्मीदवारों पर दांव लगाया। जाहिर है कि बिरादरी विशेष का पाटलिपुत्र में प्रभाव है।
2014 के नतीजे
रामकृपाल यादव (भाजपा) : 383262
मीसा भारती (राजद) : 342940
रंजन प्रसाद यादव (जदयू) : 97228
जीत-हार का अंतर : 40322 मत
2009 के नतीजे
रंजन प्रसाद यादव (जदयू) : 269298
लालू प्रसाद (राजद) : 245757
विजय सिंह यादव (कांग्रेस) : 18504
पिछले लोकसभा चुनाव में महज 40322 वोटों के अंतर से मीसा भारती हार गईं थीं। रामकृपाल यादव यहां से सांसद बने थे। इसके पहले 2009 में रंजन यादव जीते थे। तब मीसा के पिता लालू प्रसाद यादव चुनाव हार गए थे। इसके बाद 2014 में मोदी लहर में मीसा भी हार गईं। अब देखना दिलचस्प होगा कि 2019 में क्या होगा? इस बार भी रामकृपाल का सितारा बुलंद होता है या फिर मीसा की झोली में यह सीट आती है। 23 मई को स्थिति साफ हो जाएगी कि जनता किनके साथ रही। लेकिन इतना तो सच है कि यह सीट लालू की प्रतिष्ठा से जुड़ गई है। इस बार यहां से 25 उम्मीदवार भाग्य आजमा रहे हैं।
बिहार की चर्चित सीटों में से एक है पाटलिपुत्र
रामकृपाल के समर्थन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के साथ अन्य बड़े नेता भी प्रचार कर चुके हैं। वहीं मीसा भारती के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, भाई तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव ने दिन-रात एक किया है।
ग्रामीण इलाके के हैं अधिसंख्य मतदाता
इसकी दरकार इसलिए भी अधिक रही क्योंकि इस संसदीय क्षेत्र का अधिसंख्य हिस्सा ग्रामीण है। इसके दायरे वाले बिक्रम, दानापुर, मनेर, पालीगंज, मसौढ़ी और फुलवारीशरीफ विधानसभा क्षेत्र की 70 फीसद से अधिक आबादी ग्रामीणों की है। यही कारण है कि दोनों गठबंधनों ने एक ही बिरादरी के उम्मीदवारों पर दांव लगाया। जाहिर है कि बिरादरी विशेष का पाटलिपुत्र में प्रभाव है।
2014 के नतीजे
रामकृपाल यादव (भाजपा) : 383262
मीसा भारती (राजद) : 342940
रंजन प्रसाद यादव (जदयू) : 97228
जीत-हार का अंतर : 40322 मत
2009 के नतीजे
रंजन प्रसाद यादव (जदयू) : 269298
लालू प्रसाद (राजद) : 245757
विजय सिंह यादव (कांग्रेस) : 18504
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