Move to Jagran APP

Lok Sabha Election 2019: जम्मू-कश्मीर में रैलियों से बूथ तक होगा कड़ा संघर्ष

भाजपा ने जम्मू संभाग में 4700 बूथ इकाइयां बनाई हैं। कश्मीर में 3-4 बूथ के 1500 समूह की कमेटियां लद्दाख में 200 समूह कमेटियां बनाई है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 21 Mar 2019 02:29 PM (IST)Updated: Thu, 21 Mar 2019 02:29 PM (IST)
Lok Sabha Election 2019: जम्मू-कश्मीर में रैलियों से बूथ तक होगा कड़ा संघर्ष
Lok Sabha Election 2019: जम्मू-कश्मीर में रैलियों से बूथ तक होगा कड़ा संघर्ष

जम्मू, विवेक सिंह। संसदीय चुनाव में एक-एक वोट के लिए राजनीतिक पार्टियां बूथ पर सियासी जंग लड़ेंगी। 11 अप्रैल से शुरू हो रहे पहले चरण के चुनाव के लिए जमीनी सतह पर आधार बढ़ाने की मुहिम में हर पार्टी रैलियां निकालने से लेकर बूथ स्तर की मजबूती पर जुटी हैं।

loksabha election banner

राज्य में 11000 पोलिंग बूथ हैं। इनमें 4700 जम्मू संभाग की दो संसदीय सीट (जम्मू-पुंछ, ऊधमपुर-कठुआ-डोडा), कश्मीर की तीन व लद्दाख की एक संसदीय सीट के लिए छह हजार से चार सौ पोलिंग बूथ हैं। भाजपा और कांग्रेस ने जमीनी सतह पर सशक्त होकर चुनाव जीतने की जिम्मेदारी बूथ कमेटियों को दी हैं।

बूथ पर भाजपा का बुनियादी ढांचा पहले से तैयार है तो कांग्रेस बूथ पर कमेटियों को तैयार कर रही है। भाजपा ने जम्मू संभाग में 4700 बूथ इकाइयां बनाई हैं। कश्मीर में 3-4 बूथ के 1500 समूह की कमेटियां, लद्दाख में 200 समूह कमेटियां बनाई है। बूथ कमेटियों के कार्यकर्ता जमीनी सतह पर लोगों का साथ जोडऩे के साथ केंद्र प्रायोजित योजनाओं से लाभाङ्क्षवत लोगों का डाटा तैयार कर रहे हैं। बूथ कमेटियां अपनी रिपोर्ट शक्ति केंद्र प्रमुख को देती हैं जो इसे मंडल प्रधान तक पहुंचाता है। मंडल प्रधान, जिला प्रधान को जमीन पर गतिविधियों के बारे में जानकारी देता जो आगे इसकी जानकारी राज्य प्रधान को देता है। राष्ट्रीय सेवक संघ (आरएसएस) की तर्ज पर भाजपा के पूर्णकालिक व अल्प कालिक विस्तारक भी जमीनी पर काम कर रहे हैं। जम्मू संभाग की 37 विधानसभा क्षेत्रों में 30 विस्तारक पूरी तरह से भाजपा को समर्पित हैं। कश्मीर की 46 सीटों के लिए भाजपा के 25 विस्तारक हैं। लद्दाख की 4 सीटों के लिए भाजपा के दो विस्तारक काम कर रहे हैं।

4-4 बूथ के समूह शक्ति केंद्रों के लिए जम्मू संभाग में इस समय 1500 अल्प विस्तारक पार्टी को जमीनी सतह पर मजबूत बनाने के लिए दिन रात काम कर रहे हैं। भाजपा के संगठन महामंत्री अशोक कौल का कहना है कि बूथ कमेटियां भाजपा की रीढ़ की हड्डी है। पार्टी के हर कार्यक्रम की कामयाबी उन्हें की मेहनत पर निर्भर करती है। इस समय बूथ कमेटियां चुनाव में भाजपा को कामयाब बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं। तन मन धन से पार्टी को समर्पित इन कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत की बदौलत ही भाजपा ने सिर्फ संसदीय अपितु विधानसभा चुनाव में भी कामयाबी हासिल करेगी। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रविन्द्र शर्मा का कहना है कि हमने राज्य में नब्बे प्रतिशत से अधिक बूथ कमेटियां बना दी है। फरवरी के अंत तक राज्य के तीन खित्तों में कांग्रेस की हर बूथ कमेटी जमीनी सतह पर सक्रिय होगी। कांग्रेस केंद्र व राज्य सरकार की नाकामियों को लेकर लोगों के बीच है। केंद्र ने राज्य के हालात को बद से बदतर कर दिया तो रही सही कसर भाजपा-पीडीपी सरकार की नाकामियों ने पूरी कर दी। बूथ स्तर पर हमारे कार्यकर्ता लोगों को हकीकत बताएंगे।

रीढ़ की हड्डी हैं बूथ कार्यकर्ता

बूथ कार्यकर्ता बिना किसी परिश्रमिक के काम करते हैं। वे पार्टी कार्यक्रमों के लिए डंडे, झंडे लगाने के साथ रैली, कार्यक्रमों को कामयाब बनाने के लिए समर्थक लाते हैं। यही कारण है कि बूथ प्रबंधन में उन्हें पूरी अहमियत मिलती है। भाजपा और कांग्रेस ने जमीनी सतह पर सशक्त होकर चुनाव जीतने की जिम्मेदारी बूथ कमेटियों को दी हैं। कश्मीर की 46 सीटों के लिए भाजपा के 25 विस्तारक हैं।

बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी

  • संगठनात्मक स्तर व राजनीतिक स्तर के कार्यक्रम
  • मुख्य कार्यक्रमों में लोगों को शामिल करना
  • जमीनी सतह पर लोगों को केंद्रीय योजनाओं का लाभ दिलाने
  • पार्टी की विचारधारा लोगों तक पहुंचा उन्हें साथ जोडऩा
  • जमीनी सतह के हालात की जानकारी ऊपर पहुंचाने

कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी

  • बूथ स्तर पर सबसे नीचे पन्ना प्रमुख हैं। उसके पास चुनाव में मतदाता सूची के एक पन्ने की जिम्मेदारी होती है । बूथ प्रधान पार्टी के हर गतिविधि का जिम्मा संभाल वार्ड प्रधान को रिपोर्ट करता है।
  • वार्ड प्रधान लोगों को जोडऩे के अलावा केंद्रीय योजनाओं का लाभ दिलाते हैं। वे मंडल प्रधान को रिपोर्ट करते हैं।
  • मंडल प्रधान की जिम्मेदारी मंडल में पार्टी को सशक्त बनाना है। वह जमीनी की रिपोर्ट जिला प्रधान तक पहुंचाते हैं।
  • जिला प्रधान अपने क्षेत्रों के विस क्षेत्रों में पार्टी की जीत के लिए कार्य करते हैं। वे प्रधान को रिपोर्ट करते हैं।
  • राज्य प्रधान जमीनी सतह पर पार्टी को मजबूत बनाने व विधानसभा, संसदीय चुनाव में जीत के लिए काम करते हैं। वे हाईकमान को रिपोर्ट करते हैं। 

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.