Election 2019 में नए वोटरों पर चला प्रधानमंत्री मोदी का जादू, पांच राज्यों में मिलीं बंपर सीटें
इस चुनाव में 8.5 करोड़ ऐसे मतदाता थे जिन्होंने पहली बार वोट किया। इन नए मतदाताओं ने बिहार यूपी महाराष्ट्र मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल में एनडीए को बंपर सीटें दीं।
नई दिल्ली, एजेंसी। Lok Sabha Election 2019 भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में पहली बार 67.11 फीसदी मतदाताओं ने मौजूदा लोकसभा चुनावों में अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। इस चुनाव में 8.5 करोड़ ऐसे मतदाता थे जिन्होंने पहली बार वोट किया। इन नए मतदाताओं में सबसे ज्यादा बिहार, यूपी, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल में थे। इन पांच राज्यों में 239 लोकसभा सीटें थीं जिनमें से 190 एनडीए के खाते में गईं। इन्हीं नए मतदाताओं ने पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस की चूलें हिला देने का काम किया।
सरकार बनने के बाद से ही शुरू कर दी थी कोशिशें
ऐसा नहीं कि एनडीए के पक्ष में नए मतदाताओं का रुझान एकाएक बन गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लिए सरकार बनने के बाद से ही कोशिशें शुरू कर दी थीं। वह 10वीं और 12वीं की परीक्षा में शामिल होने जा रहे स्टूडेंट्स को संबोधित करते थे। सनद रहे कि परिक्षार्थियों के साथ पहले कार्यक्रम में जब एक विद्यार्थी ने प्रधानमंत्री से कहा था कि वह भी उनकी तरह देश का नेतृत्व करना चाहता है तो उन्होंने बड़ी खूबसूरती से इसका जवाब दिया था कि वह 2022 के बाद से अपनी इस योजना पर विचार कर सकता है। यह बात हल्के फुल्के अंदाज में कही गई थी लेकिन इसमें प्रधानमंत्री की मंशा बड़ी साफ थी कि वह अगला कार्यकाल भी चाहते हैं।
छात्रों से जुड़ने का कोई मौका नहीं चूकते थे पीएम
अक्सर प्रधानमंत्री अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में छात्रों से संवाद कर रहे होते थे। चाहे वह स्वच्छता की बात हो या 'परीक्षा फोबिया' से निपटने की प्रधानमंत्री बड़ी खूबसूरती से युवाओं को खुद से जोड़ लेते थे। नए साल में अपने पहली 'मन की बात' कार्यक्रम छात्रों को आगामी परीक्षाओं के लिए शुभकामनाएं देते हुए इस सदी के नए वोटरों से लोकतंत्र के लिए मतदान की अपील की थी। चाहे सिंगापुर का फिनटेक फेस्टिवल हो या शिक्षण संस्थानों के दीक्षांत समारोह, प्रधानमंत्री ने हर मौके पर छात्रों से सीधा संवाद किया।
युवाओं को जोड़ने में हुए कामयाब
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने प्रभावशाली व्यक्तित्व के कारण पहली बार मतदान करने वाले 1.5 करोड़ युवाओं को भाजपा से जोड़ने में कामयाब रहे। भाजपा ने पिछले लोकसभा चुनावों की तुलना में इस बार ज्यादा युवा चेहरों को मौका दिया था। चुनावों से पहले सीएसडीएस के सर्वे के मुताबिक, पहली बार वोट करने जा रहे 18 से 19 साल के 50 फीसद से ज्याद नए मतदाताओं ने नरेंद्र मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाने की इच्छा जताई थी। सिसेरो एसोसिएट के सर्वे की मानें तो देशभर में भाजपा को सबसे ज्यादा नए मतदाताओं का वोट मिला जबकि कांग्रेस को सबसे कम...
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