एक बूथ तक पहुंचने के लिए करनी होगी मशक्कत, 40 किलोमीटर गाड़ी तो 14 किमी पैदल यात्रा
नेपाल सीमा से सटा वनरावतों का गांव खिरद्वारी डिजिटल युग में भी विकास से कोसों दूर है। सबसे छोटे सेक्टर के इकलौते बूथ खिरद्वारी में इस बार 404 लोग मतदान करेंगे।
चम्पावत, विनय कुमार शर्मा : नेपाल सीमा से सटा वनरावतों का गांव खिरद्वारी डिजिटल युग में भी विकास से कोसों दूर है। सबसे छोटे सेक्टर के इकलौते बूथ खिरद्वारी में 14 वोटरों की बढ़ोत्तरी के साथ इस बार 404 लोग मतदान करेंगे। यहां पहुंचने के लिए मतदान पार्टियों को 40 किमी वाहन से तो 14 किमी पैदल चलना होगा। इस बूथ पर खिरद्वारी के साथ भडिय़ास व फुरकियाझाला के मतदाता वोट डालेंगे।
नेपाल सीमा से सटा वनरावतों का खिरद्वारी गांव आज भी विकास के लिए तरस रहा है। सरकार ने बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम (बीएडीपी) के तहत प्रतिवर्ष लाखों रुपये की योजनाएं गांव के विकास के लिए रखी लेकिन गांव के हालात कुछ और ही बयां करते हैं। गांव तक पहुंचने के लिए आज तक न तो रोड बनी और न ही बिजली पहुंची। रोड न होने के कारण अधिकारी ही नहीं राजनेता भी गांव जाने से कतराते हैं। जनपद मुख्यालय से 40 किमी मोटर वाहन से तथा 14 किमी नदी के रोखड़ से होते हुए पैदल मार्ग पर गांव स्थित है। प्रशासन ने खिरद्वारी में बूथ बनाया है। मोबाइल नेटवर्क न होने के चलते प्रशासन ने सेक्टर मजिस्ट्रेट को वायरलेस सेट उपलब्ध कराया है।
आज तक नहीं देखा सांसद
खिरद्वारी गांव के 103 वर्षीय बुजुर्ग मतदाता दान सिंह के अलावा जोत सिंह, कौशल्या देवी, नंदा देवी, देवकी देवी, जानकी देवी, विजय सिंह समेत तमाम लोगों ने कहा कि वह प्रत्येक लोकसभा चुनाव में मतदान करते हैं लेकिन आज तक उन्होंने अपने गांव में सांसद को नहीं देखा। आजादी के इतने साल हो गए मगर गांव में आज तक बिजली व रोड नहीं पहुंची। शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाएं भी 16 किमी दूर जाने पर मिल पाती हैं।
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