मध्य प्रदेश में कम मतदान से बढ़ रही धड़कनें, वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए प्रशासन के साथ राजनीतिक दल बूथ स्तर पर हुए सक्रिय
लोकसभा चुनाव के पहले और दूसरे चरण में कम मतदान से जिम्मेदार चिंतित हैं। प्रशासनिक अधिकारी और राजनीतिक दल दोनों इसका तोड़ निकालने के प्रयास कर रहे हैं। जिले में 75 फीसद मतदान का लक्ष्य तय किया गया है। प्रशासन अपने स्तर पर कोशिश में जुटा है तो राजनीतिक दल भी मतदाताओं को पोलिंग बूथ तक लाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।
जेएनएन, भोपाल। लोकसभा चुनाव के पहले और दूसरे चरण में कम मतदान से जिम्मेदार चिंतित हैं। प्रशासनिक अधिकारी और राजनीतिक दल दोनों इसका तोड़ निकालने के प्रयास कर रहे हैं। जिले में 75 फीसद मतदान का लक्ष्य तय किया गया है।
प्रशासन अपने स्तर पर कोशिश में जुटा है, तो राजनीतिक दल भी मतदाताओं को पोलिंग बूथ तक लाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। हालांकि, कम वोटिंग के पीछे कई कारण सामने आ रहे हैं, लेकिन शादियां और उन क्षेत्रों में गर्मी का जोर भी मुख्य वजह रही है। लेकिन गुना लोकसभा सीट के लिए सात मई को मतदान होना है, तब शादियां नहीं हैं पर गर्मी का तोड़ निकालना होगा।
पीने के लिए शीतल जल आदि के इंतजाम रखना होंगे
दरअसल, इस बार गर्मी ने अपने तेवर फरवरी माह से ही दिखाना शुरू कर दिए थे। अप्रैल महीने में भी तापमान 40 डिग्री के आसपास बना हुआ है। जबकि मई में पारा चढ़ने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में प्रशासन को मतदान केंद्रों पर धूप से बचाव, पीने के लिए शीतल जल आदि के इंतजाम रखना होंगे। ताकि मतदाता को परेशानी का सामना न करना पड़े।
कुछ नवाचार भी करने की तैयारी
हालांकि, इसके लिए प्रशासन द्वारा स्वीप गतिविधियों के तहत तमाम जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, तो कुछ नवाचार भी करने की तैयारी है। खासकर, जिला मुख्यालय पर मतदान का प्रतिशत बढ़ाने पर ज्यादा फोकस है, जहां हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में गांवों के मुकाबले कम मतदान हुआ था। क्योंकि, प्रशासन ने जिले में 75 फीसद मतदान का लक्ष्य तय किया है, उसी के अनुसार गतिविधियां कराई जा रही हैं।
प्रत्येक कार्यकर्ता को बूथ की जिम्मेदारी दी है
इधर, राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों के सामने भी मतदाता को मतदान केंद्र तक लाने की चुनौती है। इसके लिए प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस भी अपने स्तर पर प्रयासों में जुटे हैं।वर्जन-हमने बूथ स्तर पर समितियों का गठन किया है। प्रत्येक कार्यकर्ता को बूथ की जिम्मेदारी दी है, जिसे मतदाता को पोलिंग बूथ तक लाना है। पार्टी द्वारा घर-घर पीले चावल देकर मतदाता को मतदान के लिए प्रेरित किया जा रहा है।