लोकसभा चुनाव 2019: युवाओं के हाथ में रहेगी जीत की कुंजी, बढ़-चढ़ कर करेंगे भगीदारी
उत्तराखंड में पत्याशियों की जीत की कुंजी युवाओं के हाथ में रहेगी। क्योंकि प्रदेश के कुल 77 लाख 17 हजार 126 मतदाताओं में से 40 हजार से ज्यादा मतदाता 18 से 39 वर्ष के हैं।
देहरादून, विकास गुसाईं। उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर किसी भी प्रत्याशी की हार-जीत युवा मतदाता ही तय करेंगे। कारण यह कि प्रदेश के कुल 77,17,126 मतदाताओं में से 40,21,062 मतदाता 18 से 39 वर्ष के हैं। यह कुल मतदाताओं का 53 प्रतिशत है। यही वह वर्ग भी है जो चुनावों में सबसे अधिक बढ़-चढ़ कर भागीदारी करता है। इसी वजह से सभी प्रमुख दल युवाओं को रिझाने के लिए बेरोजगारी व पलायन जैसे मुद्दों पर विशेष फोकस किए हुए हैं।
प्रदेश की पांचों सीटों पर सांसद चुनने के लिए के लिए अभी तक 77 लाख से अधिक मतदाता बन चुके हैं। यह संख्या सर्विस वोटर को मिलाकर है। मतदाता सूची के अंतिम रूप लेने तक इसके कुछ बढ़ने के आसार हैं। निर्वाचन कार्यालय की 22 फरवरी तक तैयार की गई सूची पर नजर डालें तो तो युवा वर्ग अपने हाथों में जीत की कुंजी लेकर घूम रहा है। कुल मतदाताओं का तकरीबन 53 फीसद 18-39 आयु वर्ग का है।
इस आयु वर्ग के सबसे अधिक मतदाता हरिद्वार संसदीय सीट के हरिद्वार जिले में हैं। यहां इनकी संख्या 723547 है। टिहरी गढ़वाल संसदीय सीट के अंतर्गत आने वाले देहरादून जिले के हिस्से में 712609 युवा मतदाता हैं, जबकि नैनीताल संसदीय सीट के ऊधमसिंह नगर जिले में यह संख्या 656036 है।
युवाओं की महत्ता को सभी दल बखूबी समझ रहे हैं। यही कारण भी है कि सभी प्रमुख दलों ने पार्टी के अधिकतर बड़े कार्यक्रमों में इनकी जिम्मेदारी तय की है। युवाओं को चुनाव संचालन समितियों में शामिल किया जा रहा है। यहां तक कि अब इन्हें बूथ स्तर पर सक्रिय कर संगठनों को और अधिक मजबूत करने पर जोर दिया जा रहा है। सभी दल समझते हैं कि युवा वर्ग जिस भी पार्टी व प्रत्याशी के पीछे खड़ा हो जाएगा, उसकी जीत तय है। यही कारण है कि इस आयु वर्ग को ध्यान पर रख ही प्रत्याशी प्रचार की रणनीति बना रहे हैं।
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