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हरियाणा में राजनीतिक दलों की इंद्रजीत पर निगाह, राव में दिख रहा यह एक्‍स फैक्‍टर

हरियाणा में चुनावी माहौल अभी से गरमा गया है। राजनीतिक दलों की इस बार राव इंद्रजीत पर खास निगाह है। दलों को राव में एक्‍स फैक्‍टर नजर आ रहा है और वे उन्‍हें अपने साथ लाने चाहते हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 11 Feb 2019 12:05 PM (IST)Updated: Mon, 11 Feb 2019 12:22 PM (IST)
हरियाणा में राजनीतिक दलों की इंद्रजीत पर निगाह, राव में दिख रहा यह एक्‍स फैक्‍टर
हरियाणा में राजनीतिक दलों की इंद्रजीत पर निगाह, राव में दिख रहा यह एक्‍स फैक्‍टर

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। लाेकसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही दक्षिण हरियाणा की राजनीति में अहम दखल रखने वाले केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत प्रदेश की राजनीति का केंद्र बिंदु बन गए हैं। आम आदमी पार्टी और जननायक जनता पार्टी के संभावित गठजोड़ तथा बहुजन समाज पार्टी व लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के ताजा-ताजा बने राजनीतिक रिश्तों के बीच अधिकतर दलों की निगाह राव इंद्रजीत पर टिकी हुई है। सभी दलों को राव इ्ंद्रजीत में चुनावी मैदान में जीत दिलाने वाला एक्‍स फैक्‍टर नजर आ रहा है। यही कारण है कि सभी पार्टियां उनको अपने पाले में लाने की कोश्‍ािशों में जुटी हैं।

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दक्षिण हरियाणा की चार लोकसभा सीटों और दो दर्जन विधानसभा सीटों पर राव का सीधा प्रभाव

बदली राजनीतिक परिस्थितियों में अब भाजपा भी राव इंद्रजीत को किसी सूरत में अपने से अलग नहीं करना चाहती। यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न केवल राव को बार-बार मिलने का समय दे रहे हैं, बल्कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल का रवैया भी इंद्रजीत के प्रति सकारात्मक हो गया है। यही स्थिति मुख्यमंत्री के बारे में राव इंद्रजीत की भी है।

पीएम नरेंद्र मोदी के साथ राव इंद्रजीत सिंह। (फाइल फोटो)

भाजपा किसी सूरत में राव को छोडऩे के मूड में नहीं, कांग्रेस, बसपा और जेजेपी कर रहे साथ जोडऩे का प्रयास

कांग्रेस भी चाहती है कि राव इंद्रजीत पार्टी में वापस आ जाएं। रोहतक के सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी द्वारा अपने-अपने स्तर पर इसके लिए प्रयास किए जाने की खबर है। राव इंद्रजीत दक्षिण हरियाणा से लोकसभा की चार सीटों महेंद्रगढ़ भिवानी, गुरुग्राम, फरीदाबाद और रोहतक तथा बांगर की हिसार लोकसभा सीट पर अच्छी पकड़ रखते हैं। उनका राज्‍य में करीब 24 विधानसभा सीटों पर  प्रभाव माना जाता है। पिछले विधानसभा चुनाव में दक्षिण हरियाणा में भाजपा की बड़ी जीत का वजह राव इंद्रजीत को ही माना जाता है।

दुष्‍यंत चौटाला और राव इंद्रजीत सिंह।

बसपा का भले ही लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के साथ गठबंधन हो गया है, लेकिन बताया जाता है कि इस गठबंधन से पहले बसपा प्रभारी डाॅ. मेघराज ने राव इंद्रजीत से संपर्क साधने की बड़ी कोशिश की थी। उन्होंने राव तक संदेश भी भिजवाया, लेकिन सीधे कोई संपर्क नहीं होने की वजह से मुलाकात नहीं हो पाई।

बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा सीधे भाजपा के बागी सांसद राजकुमार सैनी से संपर्क साध लिए जाने की वजह से भी राव इंद्रजीत के साथ बात नहीं बन पाई है। हिसार के सांसद दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली जननायक जनता पार्टी की अगर बात करें तो वह भी राव इंद्रजीत के आशीर्वाद की चाह रखते हैं। पिछले दिनों कई बार राव इंद्रजीत व दुष्यंत चौटाला की मुलाकात हो चुकी है।

पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ राव इंद्रजीत सिंह।

इसके साथ ही पिछले दिनों ही पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और राव इंद्रजीत की भी मुलाकात हुई है, मगर जिस तरह से भाजपा ने राव इंद्रजीत को अपनी पार्टी और सरकार में अहमियत दी जा रही है, उसे देखकर लग रहा कि भाजपा अब राव को खोने का कोई रिस्क लेने के मूड में कतई नहीं है।

राव इंद्रजीत दिखा चुके उत्तर और मध्य हरियाणा में भी दम

राज्य की राजनीति में हाल फिलहाल राव इंद्रजीत एकमात्र ऐसे नेता हैं, जिन पर अधिकतर दूसरे दलों की निगाह है। राज्य में करीब दो दर्जन नेता ऐसे हैं, जो विभिन्न दलों में अपने राजनीतिक अस्तित्व की तलाश कर रहे हैं। हर रोज बन और बिगड़ रहे राजनीतिक गठबंधनों पर इन नेताओं की निगाह है, लेकिन राव इंद्रजीत ने जब से दक्षिण हरियाणा की राजनीति से बाहर कदम रखते हुए मध्य और उत्तर हरियाणा में भी रैलियां कर अपनी ताकत का अहसास कराया है, तब से सभी दल चाहने लगे कि वह उनके साथ आ जाएं।


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