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मिशन 2019: महागठबंधन में अब फॉर्मूला का पेंच, कांग्रेस को मंजूर नहीं 15 से कम सीटें

लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने बिहार में सर्वे कराया है। इसकी रिपोर्ट ने पार्टी का हौसला बढ़ाया है। लेकिन कांग्रेस अगर सर्वे के अनुसार सीटों की मांग पर अड़ी तो मुश्किल होगी।

By Amit AlokEdited By: Published: Fri, 22 Feb 2019 09:27 PM (IST)Updated: Fri, 22 Feb 2019 11:33 PM (IST)
मिशन 2019:  महागठबंधन में अब फॉर्मूला का पेंच, कांग्रेस को मंजूर नहीं 15 से कम सीटें
मिशन 2019: महागठबंधन में अब फॉर्मूला का पेंच, कांग्रेस को मंजूर नहीं 15 से कम सीटें

पटना [सुनील राज]। आगामी लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पूरी तरह से तैयार है। कांग्रेस ने आगामी लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत दर्ज कराने के लिए जनता का मिजाज भांपने और सीटों के आकलन का जो सर्वे करीब छह महीने पहले शुरू किया था, वह पूरा हो चुका है। रिपोर्ट भी आ गई है। सूत्र बताते हैं कि रिपोर्ट में महागठबंधन में सीट शेयरिंग का जो फॉर्मूला तय किया गया है, उसमें कांग्रेस की 15 सीटों पर दावेदारी है। अगर कांग्रेस अपने स्‍टैंड पर कायम रहती है तो महागठबंधन में कलह की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।

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सर्वे के नतीजों से कांग्रेेस का बढ़ा मनोबल

कांग्रेस के स्थानीय स्तर पर किए गए सर्वे में यह बात उभर कर आई है कि हाल के दिनों में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। बिहार में कांग्रेस की स्थिति में भी सुधार हुआ है और जनता उसके साथ चलने का दावा भी कर रही है। लेकिन, जनता यह भी चाहती है कि जो प्रत्याशी दो बार चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा चुके हैं उन्हें आगे मौका न देकर पार्टी में सेवा की जिम्मेदारी दी जाए। सर्वे भले कांग्रेस के समर्थन में हो, लेकिन पार्टी का कोई भी नेता, पदाधिकारी मसले पर मुंह खोलने से बच रहा है।

अंदरखाने के सूत्रों की मानें तो अगस्त-सितंबर के महीने से ही कांग्रेस ने एक साथ दो तरह के सर्वे शुरू किए थे। एक सर्वे राज्यों की कोर टीम के स्तर पर किया गया, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर सर्वे के लिए निजी एजेंसी की मदद ली गई। सर्वे के दौरान जनता की नब्ज टटोलते हुए यह जाना गया कि राज्य में पार्टी की क्या स्थिति है। इसके साथ यह भी जाना गया कि कांग्रेस को प्रदेश स्तर पर कितनी सीटों पर चुनाव लडऩे चाहिए तथा जनता से जुड़े कौन से मुद्दों को पार्टी के घोषणा पत्र में प्राथमिकता दी जानी चाहिए। पहले चुनाव मैदान में दांव लगा चुके प्रत्‍याशियों को दोबारा मौका दिया जाए या नहीं, इसका भी आकलन किया गया।

राहुल गांधी काे सौंपी रिपोर्ट, 15 सीटों पर है नजर

सर्वे के नतीजों से उत्साहित कांग्रेस की प्रदेश टीम ने राहुल गांधी से पिछले दिनों मुलाकात कर रिपोर्ट सौंपी। साथ ही उनसे बिहार में लड़ी जाने वाली संभावित सीटों पर चर्चा की। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस अध्यक्ष को बिहार में सीट बंटवारे का जो फॉर्मूला बताया गया है, उसमें महागठबंधन के सबसे बड़े दल राजद के लिए 17 से 18 तथा कांग्रेस के लिए 15 सीटों की चर्चा है। उपेंद्र कुशवाहा की राष्‍ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) एवं जीतन राम मांझी के हिंदुस्‍तानी अवाम मोर्चा (हम) के लिए दो-दो तथा अन्य सहयोगियों को एक-एक सीट दिए जाने की बात है।

महागठबंधन में आसान नहीं सीटों का बंटवारा

कांग्रेस अगर सर्वे के अनुसार 15 सीटों की मांग पर अड़ती है तो महागठबंधन में दरार तय है। बताया जाता है कि राजद 20 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा कर रहा है। रालोसपा को 'सम्‍मानजनक' सीटें चाहिए। सीटों पर विवाद फंसने के कारण ही रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा पाला बदलकर राजग से महागठबंधन में आए हैं। उधर, जीतनराम मांझी को पांच सीटें चाहिए। वाम दल, शरद यादव व अन्‍य दलों के भी दावे हैं। ऐसे में महागठबंधन के प्रमुख दल राजद के लिए सीटों का बंटवारा करना आसान नहीं होगा।

कांग्रेस का उत्‍साह चरम पर  

बहरहाल, बिहार में कांग्रेस का उत्साह चरम पर है। उत्साह ऐसा कि वह अब बिहार में ताल ठोंकने को बेकरार है।


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