Move to Jagran APP

Lok Sabha Election 2019: सियासत में FLOP रहे, सिनेमा के ये HIT सुपरस्टार्स...

Lok Sabha Election 2019 हाल ही में वेटरन अभिनेता परेश रावल ने भी चुनाव ना लड़ने का एलान किया। परेश अहमदाबाद पूर्व सीट से भाजपा के सांसद हैं।

By Manoj VashisthEdited By: Published: Mon, 25 Mar 2019 10:24 AM (IST)Updated: Mon, 25 Mar 2019 10:24 AM (IST)
Lok Sabha Election 2019: सियासत में FLOP रहे, सिनेमा के ये HIT सुपरस्टार्स...
Lok Sabha Election 2019: सियासत में FLOP रहे, सिनेमा के ये HIT सुपरस्टार्स...

मुंबई, जेएनएन। Lok Sabha Election 2019 की हलचल पूरे देश में सुनायी और दिखायी दे रही है। इसका असर फ़िल्म और मनोरंजन उद्योग में भी साफ नजर आ रहा है। कई सेलेब्रिटीज़ चुनावी दंगल में कूद चुके हैं तो कुछ बाहर से रहकर अपने-अपने ढंग से अपनी पसंदीदा पार्टी के लिए तालियां बजा रहे हैं।

loksabha election banner

सिनेमा और सियासत का रिश्ता बहुत पुराना है। एक्टर्स की तमाम पीढ़ियां राजनीतिक रूप से जागरुक रही हैं और जरूरत पड़ने पर सफेद कुर्ता-पजामा पहनकर चुनावी समर में शामिल भी हुई हैं। यह सिलसिला आज भी जारी है। सियासत ने सिनेमा को अपनी तरफ खींचा तो कई सुपरस्टार्स ने कैमरा छोड़कर माइक हाथ में थाम लिया। इनमें से कुछ कामयाब रहे, मगर कुछ अपना फिल्मों वाला स्टारडम सियासत में ना दिखा सके। लिहाजा, राजनीति का दामन छोड़कर सिनेमा में वापसी कर ली, फिर कभी ना लौटने के लिए। ऐसे ही कुछ सुपर स्टार्स की बात यहां पर...

राजेश खन्ना

राजेश खन्ना जैसा स्टारडम हिंदी सिनेमा के किसी सुपरस्टार ने नहीं देखा और भविष्य में इसकी संभावना भी कम है। मगर, राजनीति के मंच पर राजेश खन्ना फ्लॉप एक्टर साबित हुए। कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीतकर राजेश खन्ना 1992 से 1996 तक नई दिल्ली के सांसद रहे, मगर सियासत की पारी लंबी नहीं चली। काका ने राजनीति से संन्यास लेकर सिनेमा का रुख़ किया। हालांकि, यहां भी वो पहले जैसा रुतबा ना पा सके।

अमिताभ बच्चन

हिंदी सिनेमा के पर्दे पर नायक के नए तेवर पेश करने वाले अमिताभ बच्चन ने सियासत में क़िस्मत आज़मायी और इलाहाबाद से रिकॉर्ड मतों से 1984 में लोकसभा चुनाव जीता भी, मगर तीन साल बाद ही अमिताभ बच्चन को अहसास हो गया कि राजनीति के वो कभी सुपरस्टार नहीं बन सकते। बच्चन ने इस्तीफ़ा देकर सियासत छोड़ दी और उसके बाद कभी मुड़कर भी उधर नहीं देखा।

धर्मेंद्र

धर्मेंद्र का फ़िल्मी सफ़र जितना शानदार रहा, उनका पॉलिटिकल करियर उतना ही आलोचनाओं का शिकार बना। धर्मेंद्र ने 2004 में बीकानेर से भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीता, मगर संसद में ग़ैरहाज़िरी के लिए उन्हें क्रिटिसाइज़ किया जाता रहा। धर्मेंद्र ने इसके बाद राजनीति छोड़ दी।

गोविंदा

गोविंदा ने हिंदी सिनेमा में अपनी कॉमिक टाइमिंग से फ़ैंस का ख़ूब मनोरंजन किया है, मगर जब इस स्टारडम को राजनीति में करियर बनाने के लिए इस्तेमाल किया तो ट्रैजडी हो गयी। 2004 में गोविंदा ने कांग्रेस के टिकट पर मुंबई की विरार सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा, जीते भी, मगर उनका कार्यकाल काफ़ी विवादों भरा रहा। 2008 में गोविंदा ने अपने पॉलिटिकल करियर के क्लाइमेक्स का एलान कर दिया।

संजय दत्त

संजय दत्त के पिता सुनीत दत्त कामयाब राजनेता थे। उनकी बहन प्रिया दत्त भी राजनीति में सफल रही हैं। मगर, संजय पॉलिटिक्स में फ्लॉप रहे। उन्होंने 2009 के लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी के टिकट पर नामांकन करवाया, मगर अदालत ने उनके कंविक्शन को सस्पेंड करने के इन्कार कर दिया, जिसके चलते चुनाव नहीं लड़ सके। उन्हें पार्टी का महासचिव बनाया गया, मगर 2010 में संजय ने पद और पार्टी छोड़ दी।

परेश रावल

हाल ही में वेटरन अभिनेता परेश रावल ने भी चुनाव ना लड़ने का एलान किया। परेश अहमदाबाद पूर्व सीट से भाजपा के सांसद हैं। परेश ने बताया कि उन्होंने 4-5 महीने पहले ही पार्टी आलाकमान को अपने फ़ैसले की जानकारी दे दी थी। भाजपा ने इस बार प्रत्याशियों की जो सूची जारी की है, उसमें उनका नाम नहीं है। हालांकि, परेश ने कहा है कि वो भाजपा से बतौर सदस्य जुड़े रहेंगे।

इनके अलावा मौजूदा दौर में टीवी की बहू रहीं स्मृति ईरानी, वेटरन एक्टर्स राज बब्बर, शुत्रुघ्न सिन्हा, किरन खेर, हेमा मालिनी ऐसे सेलेब्रिटीज़ हैं, जो सफलतापूर्वक सक्रिय राजनीति में सहभागिता कर रहे हैं। सिर्फ़ हिंदी सिनेमा ही नहीं, दक्षिण भारत की फ़िल्म इंडस्ट्री के सितारे भी राजनीति में सक्रिय सहभागिता करते रहे हैं। फ़िलहाल कमल हासन, रजनीकांत और प्रकाश राज सियासत के मैदान में अपना दमख़म दिखाने की तैयारी कर रहे हैं। कमल और रजनीकांत राजनीतिक दल बना चुके हैं, जबकि प्रकाश राज निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले हैं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.