Lok Sabh Election 2019: इनके लिए हार के कोई मायने नहीं, आगे बढऩे को लेते प्रेरणा
दुमका में तीन प्रत्याशी ऐसे हैं जो हार के बाद भी चुनाव लडऩे से पीछे नहीं हटते। उनके लिए हार ही आगे बढऩे की प्रेरणा है।
दुमका, जेएनएन। हर चुनाव में समर्थकों का अंदाज निराला होता है। अपने प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने के लिए प्रत्याशी किसी भी हद तक चले जाते हैं। हालांकि दुमका में तीन प्रत्याशी ऐसे हैं, जो हार के बाद भी चुनाव लडऩे से पीछे नहीं हटते। उनके लिए हार ही आगे बढऩे की प्रेरणा है। इनके लिए चुनाव में पराजय कोई मायने नहीं रखता है।
दुमका लोकसभा से इस बार भी तीन ऐसे प्रत्याशी हैं, जो पिछले लोकसभा चुनाव में भी मैदान में थे। इनमें एक बहुजन समाज पार्टी और दो निर्दलीय प्रत्याशी हैं। दुमका में जिला यक्ष्मा पदाधिकारी श्रीलाल किस्कू ने पहले 2009 के विधानसभा चुनाव में भाग्य आजमाया। उन्हें विधायक बनने की ऐसी ललक थी कि नौकरी छोड़कर मैदान में कूदे। उन्हें केवल 799 मत ही मिले। वर्ष 2014 में झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के मैदान में उतरने के बाद भी उन्होंने नामांकन कर जमकर प्रचार प्रसार किया। जीत तो नहीं मिली, लेकिन वोट में तेजी से इजाफा हुआ। इस चुनाव में उन्हें 10200 वोट मिले। इतने अधिक मत मिलने के बाद उनका हौसला और बढ़ा और वर्ष 2019 के चुनाव में फिर कूद गए। गोड्डा से भी नामांकन किया, लेकिन जांच में पर्चा खारिज हो गया। प्रत्याशी की माने तो चुनाव जीतने के इरादे से लड़ा जाता है। अगर इस बार जनता का साथ नहीं मिला तो अगले चुनाव में सोच विचार के बाद भी उतरेंगे।
वहीं दूसरे प्रत्याशी बाधराई सोरेन भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में हैं। पूरे दमखम के साथ गांव का भ्रमण कर रहे हैं। वर्ष 2014 में भी मैदान में थे, लेकिन नौ हजार वोट पाकर संतोष करना पड़ा था। उनका कहना है कि चुनाव से इस बात का पता चलता है कि कितने लोग उनके साथ हैं। वे यह भी स्वीकार करते हैं कि पिछले बार की तरह इस बार भी भाजपा और झामुमो के सशक्त उम्मीदवार मैदान में हैं। लेकिन उनकी परवाह नहीं है। आज नहीं तो कल समय बदलेगा।
जबकि तीसरे प्रत्याशी स्टेफन बेसरा भी दूसरी बार बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने पिछले बार भी चुनाव लड़ा था, लेकिन कितने मत मिले यह उन्हें याद नहीं है। हाथी के सहारे अपनी नैया पार लगाने की जुगत में हैं। उनका कहना है कि बसपा कोई कमजोर पार्टी नहीं है। जनता किसी का भी खेल बिगाड़ सकती है। भाजपा हो या झामुमो किसी ने राज्य के विकास के लिए कुछ नहीं किया। इस बार उम्मीद है कि परिणाम चौंकाने वाले आएंगे।
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