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दक्षिणी दिल्ली में गुर्जरों पर दारोमदार, टिकट की दौड़ में भाजपा के ये नेता

दक्षिणी दिल्ली में सांसद रमेश बिधूड़ी को टक्कर देने के लिए सबसे मजबूत गुर्जर दावेदार रामवीर सिंह बिधूड़ी माने जा रहे हैं। वह तीन बार विधायक रह चुके हैं।

By Mangal YadavEdited By: Published: Tue, 19 Mar 2019 02:39 PM (IST)Updated: Tue, 19 Mar 2019 02:39 PM (IST)
दक्षिणी दिल्ली में गुर्जरों पर दारोमदार, टिकट की दौड़ में भाजपा के ये नेता
दक्षिणी दिल्ली में गुर्जरों पर दारोमदार, टिकट की दौड़ में भाजपा के ये नेता

नई दिल्ली [अरविंद कुमार द्विवेदी]। दक्षिणी दिल्ली भाजपा में इस बार कुछ सांसदों के टिकट कटने की चर्चाओं के बीच जहां सीटिंग सांसदों की धड़कनें बढ़ी हुई है वहीं, इससे तमाम नए दावेदार भी सामने आ रहे हैं। टिकट के लिए कुछ नेता खुलकर तो कुछ दबी जुबान से दावेदारी ठोक रहे हैं। अपनी दावेदारी पक्की करने के लिए ये पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से संपर्क कर रहे हैं।

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वहीं, सांसद अपना टिकट दोबारा पक्का करने के लिए पार्टी हाईकमान को अपने कामों और जनता में अपनी पकड़ दिखाने के साथ ही जीत सुनिश्चित होने का दावा कर रहे हैं। दक्षिणी दिल्ली में तमाम दावेदारों के बावजूद गुर्जरों के बीच कड़ा मुकाबला दिख रहा है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि पश्चिमी दिल्ली में अगर जाट प्रत्याशी का टिकट लगभग फाइनल हो गया है इसलिए दक्षिणी दिल्ली में किसी गुर्जर को ही टिकट दिया जाएगा।

दक्षिणी दिल्ली में भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी को टक्कर देने के लिए सबसे मजबूत गुर्जर दावेदार रामवीर सिंह बिधूड़ी माने जा रहे हैं। वह तीन बार विधायक रह चुके हैं। उनके समर्थकों का कहना है कि रामवीर सिंह ने अपने दम पर छह निगम पार्षदों को चुनाव जितवाया था। गुर्जरों में उनकी मजबूत पकड़ तो है ही, पूर्वांचल और अन्य वोटरों में भी उनकी खूब चलती है। उनका करीब 50 वर्षो का राजनीतिक अनुभव है जिस कारण वह सर्वमान्य नेता माने जाते हैं।

वहीं, सांसद रमेश बिधूड़ी का कहना है कि उन्होंने पिछले पांच सालों में गांवों से लेकर कॉलोनियों तक में तमाम विकास कार्य करवाए हैं। केंद्र सरकार, निगम व डीडीए के साथ मिलकर खूब काम किया है। वह अपने कामों को लेकर जनता के बीच जाएंगे। बारात घर से लेकर पार्क, रोड और गांवों का विकास कराया है। बिधूड़ी के समर्थक उनकी दावेदारी को पक्का मानकर चल रहे हैं।

वहीं, श्रीनिवासपुरी वार्ड 2007-12 तक निगम पार्षद रह चुके धर्मवीर सिंह के नाम पर भी चर्चा चल रही है। वह गुर्जर हैं। वह प्रदेश भाजपा के बूथ प्रबंधन विभाग के प्रमुख हैं। 23 दिसंबर को हुए बूथ सम्मेलन की सफलता के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का उन पर ध्यान गया। वह शुरू से ही संघ से जुड़े हैं। पार्टी के कुछ नेताओं का यह भी कहना है कि आप के युवा प्रत्याशी राघव चड्ढा को देखते हुए अगर पार्टी युवा चेहरों पर विचार करेगी तो उसमें प्रदेश मंत्री गजेंद्र यादव का नाम भी आ सकता है।

गजेंद्र यादव डीयू में छात्र राजनीति की है, पांच प्रदेश अध्यक्षों के साथ काम कर चुके हैं। करीब 20 साल से कांग्रेस के कब्जे वाले महरौली वार्ड पर अपनी पत्नी को जिता चुके हैं। वहीं, महरौली जिलाध्यक्ष आजाद सिंह का नाम भी चर्चा में है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि ब्रह्म सिंह तंवर, धर्मदेव सोलंकी, सत्य प्रकाश राणा व विजय जौली समेत लगभग सभी पूर्व विधायक टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। लेकिन टिकट मिलेगा किसे, यह एक-दो दिन में तय हो जाएगा।

दक्षिणी दिल्ली में कुल करीब 19 लाख वोटर हैं। लोकसभा में कुल 54 गांव हैं जिनमें 22 गांव गुर्जर बहुल और 17 गांव जाट बहुल हैं। इनमें करीब दो लाख गुर्जर, डेढ़ लाख जाट, डेढ़ लाख पूर्वाचली वोटर हैं। वहीं, कालकाजी, गोविंदपुरी, साकेत, महरौली समेत कई इलाकों में बड़ी संख्या में पंजाबी वोटर हैं।


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