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जब उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री को देनी पड़ी थी रिश्वत, खुलासा होने पर पूरे थाने का ये हाल हुआ था

Lok Sabha Election 2024 उत्तर प्रदेश पुलिस के कारनामों की फेहरिस्त लंबी है। एक बार यूपी पुलिस ने तत्कालीन प्रधानमंत्री तक से रिश्वत मांग ली थी। पहले तो रिपोर्ट नहीं लिखी बाद में खर्चा-पानी के नाम पर 35 रुपये की रिश्वत मांगी। मगर कुछ ही देर में फरियादी की असली पहचान सामने आने पर पूरे थाने में हड़कंप मच गया। मामला इटावा जिले से जुड़ा है। पढ़ें यह रोचक किस्सा...

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Published: Fri, 19 Apr 2024 11:17 AM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2024 12:13 PM (IST)
लोकसभा चुनाव 2024: जब यूपी पुलिस ने प्रधानमंत्री से ले ली रिश्वत।

जागरण, नई दिल्ली। आज यानी 19 अप्रैल को देश की 102 लोकसभा सीटों पर पहले चरण का मतदान हो रहा है। चार जून को चुनाव परिणाम आएंगे। इसके बाद देश को अगला प्रधानमंत्री मिलेगा। मगर चुनावी मौसम में आज आपको एक रोचक किस्सा बताने जा रहे हैं। यह किस्सा एक पूर्व प्रधानमंत्री ने जुड़ा है। उत्तर प्रदेश की इटावा पुलिस ने तत्कालीन प्रधानमंत्री तक से रिश्वत ले ली थी। हालांकि बाद में पूरे थाने को निलंबित करना पड़ा था।

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किसी ने नहीं सुनी फरियाद

बात सन 1979 की है। शाम छह बजे एक किसान इटावा जिले के ऊसराहार थाने में कुर्ता-धोती पहने पहुंचा और अपने बैल की चोरी की रिपोर्ट लिखाने की बात की। थाने में किसी ने उसकी फरियाद पर गौर नहीं किया।

35 रुपये मांगी रिश्वत

जब वह किसान थाने से जाने लगा तो एक सिपाही पीछे से आया खर्चा-पानी देने पर रिपोर्ट लिखने की बात की। 35 रुपये की रिश्वत पर बात तय हुई। किसान ने हस्ताक्षर करने को कहा तो मुंशी ने रोजनामचा आगे बढ़ा दिया, जिस पर प्राथमिकी का ड्राफ्ट लिखा था।

पूरे थाने में मच गया था हड़कंप

किसान ने हस्ताक्षर में नाम लिखा, ‘चौधरी चरण सिंह’ और मैले कुर्ते की जेब से मुहर निकाल कर कागज पर ठोंक दी, जिस पर लिखा था ‘प्रधानमंत्री, भारत सरकार।’ ये

देखकर पूरे थाने में हड़कंप मच गया।

पूरा थाना किया गया था निलंबित

दरअसल, वह उस समय के प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह थे, जो थाने में औचक निरीक्षण करने पहुंचे थे। उसके बाद तो ऊसराहार का पूरा थाना निलंबित कर दिया गया।

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