1971 में जिस पार्टी से लड़ा चुनाव, 1977 में उसी के मुखिया को दी शिकस्त, पढ़ें हरियाणा का ये दिलचस्प चुनावी किस्सा
Lok Sabha Election 2024 1971 में मनोहरलाल सैनी ने विशाल हरियाणा पार्टी से चुनाव लड़ा था। इसके बाद उन्होंने 1977 में जनता पार्टी की टिकट से चुनाव लड़ा। मनोहरलाल ताऊ देवीलाल के करीबी थे। जीतने के बावजूद मनोहरलाल ने 1980 में अपना संसदीय क्षेत्र बदल दिया था। अगला चुनाव हरियाणा की कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से लड़ा और दूसरी बार जीत दर्ज की।
बलवान शर्मा, नारनौल। राजनीति में कब क्या हो जाए, इसका पता नहीं चलता। जिस बात की उम्मीद न हो, वह भी घटित हो सकती है। अतीत में भी कई ऐसी घटनाएं घटित हो चुकी हैं। 1971 में विशाल हरियाणा पार्टी से चुनाव लड़ने वाले मनोहरलाल सैनी ने 1977 में पार्टी के मुखिया पूर्व मुख्यमंत्री राव बीरेंद्र सिंह को ही हरा दिया था। मनोहरलाल सैनी उस समय महज 37 साल के थे और उन्होंने जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था।
कांग्रेस के खिलाफ लहर का मिला फायदा
1977 में आपातकाल के बाद कांग्रेस के विरोध की लहर चल रही थी और इसका बड़ा फायदा जनता पार्टी को मिला था। इस लोकसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री राव बीरेंद्र सिंह को हराकर मनोहरलाल सैनी ने जीत दर्ज की थी।
सन 1980 के चुनाव में एक बार फिर से कांग्रेस के पक्ष में माहौल बना तो मनोहरलाल सैनी महेंद्रगढ़ की बजाय कुरुक्षेत्र से जनता पार्टी से चुनाव लड़े और दोबारा से जीत हासिल करने में कामयाब रहे। इस चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री राव बीरेंद्र सिंह के पक्ष में लहर बन चुकी थी और वह कांग्रेस के टिकट पर महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र से जीतने में कामयाब रहे।
रामपुर हाउस का था बोलबाला
मनोहरलाल सैनी पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के नजदीकी थे। इस कारण उन्हें 1977 के लोकसभा चुनाव में संयुक्त विपक्ष के तौर पर जनता पार्टी के टिकट पर महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया गया था। तब महेंद्रगढ़ संसदीय क्षेत्र में गुरुग्राम, रेवाड़ी व महेंद्रगढ़ का इलाका शामिल था। इस क्षेत्र में रामपुरा हाउस का बोलबाला था।
कांग्रेस की ओर से उम्मीदवार इलाके के दिग्गज नेता पूर्व मुख्यमंत्री राव बीरेंद्र सिंह को मनोहरलाल सैनी ने करीब 62 हजार से ज्यादा मतों से हरा दिया था। उसके बाद वर्ष 1980 में मनोहरलाल ने कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और वह वहां से सांसद चुने गए थे। रामपुरा हाउस और मनोहरलाल सैनी के बीच सन 1977 के समय से विरोध की खाई काफी लंबी चली थी।
1977 का चुनाव नहीं भूलते समर्थक
वर्तमान में भी चुनाव होते हैं तो उनके और रामपुरा हाउस के समर्थक 77 के चुनाव को भूलते नहीं हैं। मनोहरलाल सैनी के पुत्र एडवोकेट जगदीश सैनी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उस समय वह बहुत छोटे थे। पिता जी की उमर भी महज 37 साल थी। इसलिए सन 1977 के चुनाव की बहुत ज्यादा जानकारी उन्हें नहीं है।
कभी होती थी सांसद की लग्जरी सवारी
पूर्व सांसद मनोहरलाल सैनी की अंबेसडर आज भी सुरक्षित है। 44 साल पुरानी यह कार देखने में उतनी ही खूबसूरत है। नारनौल कोर्ट परिसर में शोभा बढ़ा रही यह कार किसी जमाने में पूर्व सांसद की शान की सवारी होती थी। फिलहाल तो यह गाड़ी पूर्व सांसद मनोहरलाल सैनी की कार अब इतिहास को खुद में समेटे हुए है। बहुत से लोग इस गाड़ी के पास से गुजर जाते हैं, लेकिन बहुतों को तो यह भी नहीं पता कि साधारण सी दिखाई देने वाली यह कार कभी राजभवन में शान से चलती थी।
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