Lok Sabha Election 2024: चौथे चरण में 21 फीसदी से अधिक प्रत्याशी दागी, 476 करोड़पति मैदान में, ये हैं सबसे अमीर
Lok Sabha Election 2024 लोकसभा चुनाव के लिए चौथे चरण की नामांकन प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है। कुल 1710 प्रत्याशी इस चरण में चुनावी मैदान में हैं। एडीआर की रिपोर्ट में बताया गया है कि इनमें से 21 फीसदी से अधिक उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं 476 प्रत्याशी करोड़पति हैं। जानिए कौन है सबसे अमीर प्रत्याशी. . .
पीटीआई, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के लिए नामांकन समाप्त हो चुके हैं। इस चरण में 10 राज्यों की 96 सीटों पर मतदान होना है। कुल 1710 प्रत्याशियों ने इन सीटों के लिए नामांकन दाखिल किए हैं। एडीआर और द नेशनल इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट के अनुसार इनमें से 21 फीसदी से अधिक उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले चल रहे हैं।
रिपोर्ट में कुल 1717 में से 1710 प्रत्याशियों के शपथ पत्र का विश्लेषण किया गया, इनमें से 360 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। इनमें 17 उम्मीदवारों को दोषी भी ठहराया जा चुका है। कई उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले भी दर्ज हैं, जिनमें से 11 पर हत्या, 30 पर हत्या के प्रयास, 50 पर महिलाओं के खिलाफ अपराध और 5 उम्मीदवारों पर बालात्कार के आरोप भी हैं।
किस पार्टी में कितने दागी
पार्टियों के अनुसार दागी उम्मीदवारों की बात करें तो सबसे अधिक भाजपा के 70 में से 40 उम्मीदवार, कांग्रेस के 61 में से 35, टीडीपी के 17 में से 9, एआईएमआईएम के 3 में से 3, शिवसेना के 3 में से 2, बीआरएस के 17 में से 10 और समाजवादी पार्टी के 19 में से 7 प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसके अलावा भी लगभग सभी दलों के उम्मीदवारों पर किसी न किसी प्रकार के मामले दर्ज हैं।
आपराधिक मामलों के अलावा उम्मीदवारों की संपत्तियों को लेकर भी रिपोर्ट में जानकारी दी गई है। जिसके अनुसार कुल 1710 में से 476 उम्मीदवार करोड़पति हैं। इनमें तेलुगु देशम पार्टी के डॉ. चंद्र शेखर पेम्मासानी सबसे अमीर प्रत्याशी हैं, जिनकी संपत्ति 5,700 करोड़ रु. है। जबकि 24 उम्मीदवार ऐसे भी हैं, जिन्होंने अपनी संपत्ति शून्य घोषित की है, यानी उनके पास कोई भी संपत्ति नहीं है।
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सुधार के उपाय
रिपोर्ट में एडीआर ने राजनीति के अपराधीकरण पर अंकुश लगाने के लिए कई सुधार भी सुझाए हैं, जिनके अनुसार गंभीर अपराधों के दोषी ठहराए गए उम्मीदवारों की स्थायी अयोग्यता, राजनीतिक दलों को सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत लाना और चुनावी हलफनामे में गलत जानकारी देने वाले उम्मीदवारों के लिए सख्त दंड लागू करना शामिल है।
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