Lok Sabha Election 2024: प्रवासी भारतीयों पर भी चढ़ा चुनाव का खुमार, हजारों मील दूर से मनाने पहुंचे लोकतंत्र का महापर्व
Lok Sabha Election 2024 विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में चुनाव का महापर्व शुरू है जिसके साथ ही पूरे देश में चुनाव का खुमार सिर चढ़कर बोल रहा है। विदेशों में बसे भारतीय भी इससे अछूते नहीं हैं और हजारों मील दूर से चुनावी पर्व में अपनी भूमिका निभाने पहुंच रहे हैं। कई प्रवासी विभिन्न लोकसभा क्षेत्रों में मतदाताओं को मतदान के प्रति जागरूक भी कर रहे हैं।
नेमिष हेमंत, नई दिल्ली। दुबई के उद्योगपति आरके महतो बिहार और झारखंड होते हुए दिल्ली पहुंचे हैं। ये करीब 15 दिन के लिए स्वदेश आए हैं। जहां वह जिन लोगों से मिल रहे हैं, उन्हें विदेश में उनके जैसे प्रवासी भारतीयों के बढ़ते मान और हर क्षेत्र में देश के विकास से होती खुशी के बारे में बताते हैं।
वह कहते हैं कि देश में विकास के लिए एक स्थिर सरकार की जरूरत है। उनके साथ ही कनाडा के प्रो. डॉ. आजाद कुमार कौशिक और मलेशिया के उद्योगपति राजेश जिंदल भी हैं। जो लोकतंत्र के सबसे बड़े महापर्व में लोगों को जागरूक करने आए हैं।
मई तक जारी रहेगा क्रम
आके महतो और डॉ. आजाद कुमार कौशिक जैसे हजारों प्रवासी हैं, जो कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक विभिन्न राज्यों और लोकसभा क्षेत्रों में मतदाताओं को प्रत्याशियों एवं पार्टियों के साथ मतदान के प्रति जागरूक कर रहे हैं। यह सिलसिला एक माह से जारी है और मई तक उनके आने का क्रम जारी रहेगा। ये लोग टोलियों में और कार्यक्रम बनाकर आ रहे हैं।
आके महतो बताते हैं कि हम प्रवासी आपस में विभिन्न संस्थाओं और संगठनों के माध्यम से जुड़े हुए हैं। उनके बीच भी देश में हो रहे लोकसभा चुनाव को लेकर गंभीर चर्चा हो रही है। वे लोग चुनाव पर नजर रखे हैं। वे किसी भी भाषा, बोली, प्रांत या जाति या पंथ के हो, लेकिन दिल से भारतीय हैं, इसलिए स्वदेश में अपने-अपने क्षेत्रों में जा रहे हैं और अपने घर, जानने वालों और क्षेत्र में सभी मतदाताओं से मतदान की अपील कर रहे हैं।
चुनाव पर सबकी नजर है
मलेशिया के उद्योगपति राजेश जिंदल कहते हैं कि आज पूरा विश्व देश को आशा भरी निगाहों से देख रही है, क्योंकि हर क्षेत्र में होता विकास अचंभित कर रहा है। इसलिए इस चुनाव पर सबकी नजर है। भारत तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। बड़ी बात कि पिछले 10 वर्षों में जिस तरह से अनिवासी भारतीयों का देश से संवाद बढ़ा है। प्रधानमंत्री हर दौरे में भारतीयों से संवाद करते हैं। उससे हमारा आत्मविश्वास बढ़ा है। वहां के लोग भी सम्मान के साथ देखते हैं।
विदेशों से आएंगी टोलियां
दिल्ली के मूल निवासी एवं अमेरिका के न्यू जर्सी में रहने वाले अभिषेक ने फोन पर बताया कि वह दिल्ली में जब मतदान की तिथि नजदीक आएगी, तब उनके आने की योजना हैं। ताकि, वह अपनी पसंदीदा नेता के पक्ष में प्रचार कर सकें।
भारत में हैं एक हजार प्रवासी भारतीय
विहिप के विश्व विभाग से जुड़े करीब एक हजार प्रवासी स्वदेश आए हैं। जो राष्ट्रहित के मतदान की अपील कर रहे हैं। विश्व विभाग के प्रमुख स्वामी विज्ञानानंद ने बताया कि ये लोग महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, दिल्ली, उप्र के मूल निवासी हैं। अमेरिका से करीब 500, कनाडा से 100, ब्रिटेन से 50 समेत अन्य देशों की भी टोलियां है। जब तक चुनाव चलेगा तब तक ये लोग अपने-अपने क्षेत्रों में आएंगे।
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