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Lok Sabha Election 2024: दो पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी के 4 दिन बाद क्‍यों देना पड़ा था प्रधानमंत्री को इस्‍तीफा; जानिए क्‍या है पूरा मामला

Lok Sabha Election 2024 हरियाणा पुलिस के दो कांस्टेबलों की गिरफ्तारी के बाद एक प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना पड़ा था। इस घटना से 1991 में देश के राजनीतिक गलियारों में भूचाल आ गया था। सरकार पर आरोप जासूसी के लगे तो प्रधानमंत्री को अपना पद छोड़ना पड़ा। यह देश में अल्पमत की सरकारों का दौर था। जोड़ गांठकर सरकारें बनती थी लेकिन टिकट नहीं थी।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Published: Thu, 02 May 2024 03:21 PM (IST)Updated: Thu, 02 May 2024 03:58 PM (IST)
लोकसभा चुनाव 2024: जासूसी के आरोप में गिरी थी चंद्रशेखर सरकार।

चुनाव डेस्क, नई दिल्ली। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 में कांग्रेस को प्रचंड बहुमत मिला। पार्टी ने 400 से अधिक सीटें जीतीं और राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। मगर राजीव गांधी के मंत्रिमंडल में शामिल रक्षा मंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने बोफोर्स तोप घोटाले का मुद्दा खूब उठाया।

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वीपी सिंह ने राजीव गांधी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया और कांग्रेस भी छोड़ दी। जनता दल का गठन किया और बोफोर्स के सहारे वीपी सिंह देश के आठवें प्रधानमंत्री बने। मगर उनकी यह सरकार एक साल भी पूरा नहीं कर सकी।

आडवाणी की गिरफ्तारी और चली गई वीपी सिंह की सरकार

वीपी सिंह की पार्टी जनता दल को 143 सीटों पर जीत मिली थी। कांग्रेस ने 197 सीटों पर जीत हासिल की थी। मगर भाजपा और वाम दलों के सहारे वीपी सिंह सरकार बनाने में सफल रहे हैं, लेकिन राम मंदिर आंदोलन के दौरान बिहार में भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की गिरफ्तारी के बाद भाजपा ने अपना समर्थन वापस ले लिया और वीपी सिंह की सरकार औंधे मुंह गिर गई।

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राजीव ने मिलाया हाथ तो चंद्रशेखर बने पीएम

वीपी सिंह के प्रधानमंत्री बनाए जाने से चंद्रशेखर नाराज थे। बाद में राजीव गांधी ने जनता दल के चंद्रशेखर को सरकार बनाने का प्रस्ताव दिया। चंद्रशेखर के पास 64 सांसदों का समर्थन था। राजीव गांधी के प्रस्ताव पर चंद्रशेखर ने 10 नवंबर 1090 को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। मगर सिर्फ चार महीने में उन्होंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, लेकिन वे 21 जून 1991 तक प्रधानमंत्री के पद पर बने रहे थे।

जासूसी के आरोप में घिरी सरकार

चंद्रशेखर की सरकार पर कांग्रेस ने जासूसी का आरोप लगाया था। आरोप था कि राजीव गांधी की जासूसी करवाई जा रही है। उस समय हरियाणा में चौधरी देवीलाल के बेटे ओमप्रकाश चौटाला की सरकार थी। कांग्रेस का आरोप था कि हरियाणा के गृह मंत्री प्रो. संपत सिंह के निर्देश पर राजीव गांधी के आवास पर हरियाणा पुलिस के सिपाही नजरें रख रहे हैं। हालांकि प्रो. संपत सिंह इन आरोपों से इंकार करते रहे। जनता दल के कौन-कौन से असंतुष्ट नेता राजीव गांधी से मिलते हैं, यह जानना जासूसी का मकसद था।

दो कांस्टेबलों की गिरफ्तारी के बाद देना पड़ा इस्तीफा

दो मार्च 1991 में हरियाणा पुलिस के दो सिपाही प्रेम सिंह और राज सिंह को गिरफ्तार किया गया था। इन पर राजीव गांधी के आवास 10 जनपथ के बाहर जासूसी करने का आरोप था। दोनों सादे कपड़ों में थे। उन्होंने सूचना एकत्रित करने की बात भी मानी थी। इस घटना के चार दिन बाद छह मार्च 1991 को चंद्रशेखर ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने का एलान कर दिया था।

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