Lok Sabha Election 2024: 'मोदी का परिवार' को भुना रहा बाजार; रामलला, चुनाव-गठबंधन पर होगा 500 करोड़ का मुनाफा
Lok Sabha Election 2024 चुनावी मौसम में दिल्ली का सदर बाजार हमेशा गुलजार होता है क्योंकि यहां चुनाव से जुड़ी सामग्री का सबसे बड़ा मार्केट है। बाजार में मोदी का परिवार नारा भी भुनाया जा रहा है तो राम मंदिर की झलक भी यहां पर दिखी। चुनाव के दौरान यहां पर 500 करोड़ से भी अधिक का कारोबार होने की उम्मीद है।
संतोष कुमार सिंह, नई दिल्ली। राजनीतिक दल अपने गठबंधन को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं। इसके लिए राजग और आईएनडीआईए में शामिल दलों के नेताओं के बीच मंथन चल रहा है, तो उन पर चुनाव से जुड़ी सामग्री के काराबोरियों की नजरें भी टिकी हुई हैं। क्योंकि गठबंधन के निर्णय व प्रत्याशियों की घोषणा के अनुसार उन्हें अपने कारोबार की रणनीति तैयार करनी है।
अभी बहुत कम संख्या में प्रत्याशी सामने आए हैं और इसका असर सदर बाजार में प्रचार सामग्री के कारोबार पर भी दिख रहा है। इसके अलावा चुनावी मुद्दों का रंग भी बाजार पर चढ़ता दिख रहा है। जैसे- अयोध्या के राम मंदिर की झलक चुनाव प्रचार सामग्री पर है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के परिवार को लेकर विपक्ष की व्यक्तिगत टिप्पणी के विरोध में भाजपा की ओर से शुरू किए गए 'मोदी का परिवार' को भी बाजार भुनाने की तैयारी में है।
कई राज्यों में जाता है सामान
सदर बाजार की तंग गलियों से दिल्ली के साथ ही देश के अन्य राज्यों में प्रचार सामग्री की आपूर्ति की जाती है। यहां राष्ट्रीय और कई क्षेत्रीय दलों के कार्यालय हैं। सांसदों के यहां सरकारी आवास हैं। इसका लाभ इस बाजार को मिलता है। यहां से उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा जैसे पड़ोसी राज्यों के साथ ही पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, बिहार, बंगाल, महाराष्ट्र व आंध्र प्रदेश तक प्रचार सामग्री भेजी जाती है।
कामर्शियल साइटों से खरीदारी के बढ़ते चलन के बाद भी इस मामले में सदर बाजार का महत्व कम नहीं हुआ है। पार्टियां और प्रत्याशी यहीं से खरीदारी करना पसंद करते हैं। चुनाव प्रचार से जुड़ी वैराइटी भी यहां खूब है। पार्टियों के झंडे व बैज, चुनाव निशान व नेताओं की तस्वीर वाले चाबी के छल्ले, बैलून, टोपी, थैले, बैग, टी शर्ट, साड़ी जैसे सामान यहां आसानी से मिल जाते हैं।
रामलला को लेकर खासा उत्साह
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से सदर बाजार के व्यापारियों में भी उत्साह है। प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान इससे जुड़ी सामग्री की खूब बिक्री हुई। अभी भी श्रीराम लिखे हुए ध्वज, श्रीराम मंदिर की प्रतिकृति आदि की मांग है। चुनाव प्रचार के लिए भी भाजपा प्रत्याशी व नेता कमल फूल व प्रधानमंत्री की फोटो लगी हुई श्रीराम मंदिर की प्रतिकृति बनवा रहे हैं।
'मोदी का परिवार' लिखी हुई टीशर्ट व टोपी की अच्छी बिक्री हो रही है। व्यापारियों का कहना है कि भाजपा व इसके नेताओं की प्रचार सामग्री की मांग आने लगी है। आने वाले दिनों में इसमें और बढ़ोतरी तय है। इसी तरह से अन्य पार्टियों से भी आर्डर मिलेंगे। भाजपा के साथ ही सीमित मात्रा में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल आदि के चुनाव निशान वाले झंडे आदि भी तैयार किए जा रहे हैं।
मांग में आया बदलाव
लगभग 42 वर्षों से इस व्यवसाय से जुड़े अनिल भाई राखीवाला कहते हैं कि मांग व उपलब्धता दोनों में बदलाव आया है। पहले लोहे के बैज बनते, प्रत्याशी कम मात्रा में सामान खरीदते थे। व्यापारी भी पहले से तैयारी शुरू कर देते थे। गोदाम में माल रख दिया जाता था। अब फैंसी आइटम की मांग अधिक है। पहले की तुलना में ज्यादा मात्रा में प्रचार सामग्री खरीदी जाती है।
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तकनीक के कारण अब कम समय में मांग के अनुरूप माल तैयार किया जाता है, इसलिए अभी व्यापारी पार्टियों के चुनावी प्रत्याशियों की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं। वहीं, आल इंडिया इलेक्शन मटेरियल एसोसिएशन के महासचिव गुलशन खुराना का कहना है कि पूरे देश से लोग यहां पहुंचते हैं। पहले प्रिंटिंग से संबंधित सामग्री भी यहां से जाती थी।
अब स्थानीय स्तर पर यह काम होता है, परंतु प्रचार से संबंधित अन्य सामान की आपूर्ति सदर बाजार से की जाती है। लोकसभा चुनाव में लगभग 500 करोड़ रुपये का कारोबार होने की उम्मीद है। प्रचार सामग्री तैयार करने से दिल्ली में लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलते हैं। सीमापुरी, नंद नगरी, गांधीनगर, भजनपुरा, बुराड़ी सहित कई स्थानों पर इसे तैयार किया जाता है।
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