Lok Sabha Election 2024: न मंच पर साथ न रणनीति में मिलाप, ये कैसा गठबंधन! जमीन पर साथ-साथ नजर नहीं आ रहे आप और कांग्रेस
देश में लोकसभा चुनाव के लिए दो चरण का मतदान हो चुका है। अभी पांच चरणों में मतदान होना है। चुनाव में दिल्ली सहित पांच राज्यों में आम आदमी पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन में लड़ रही है लेकिन दोनों दल जमीन पर साथ नहीं दिख रहे हैं। संयुक्त चुनाव प्रचार को लेकर अन्य राज्यों में तो दोनों की स्थिति खराब है ही दिल्ली में भी...
वीके शुक्ला, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में दिल्ली सहित पांच राज्यों में आम आदमी पार्टी, कांग्रेस के साथ गठबंधन में लड़ रही है, लेकिन दोनों दल जमीन पर साथ नहीं दिख रहे हैं।
संयुक्त चुनाव प्रचार को लेकर अन्य राज्यों में तो दोनों की स्थिति खराब है ही, दिल्ली में भी गठबंधन इस मामले में अलग-थलग दिखाई पड़ रहा है। यहां तक कि चुनाव प्रचार को लेकर बड़े आयोजनों में भी दोनों दल साथ-साथ नहीं आ रहे हैं। रोड-शो से लेकर सभाओं तक में दोनों दल अपने-अपने दम पर भीड़ जुटा रहे हैं।
आप के अब तक के सबसे बड़े प्रचार अभियान में शनिवार को पूर्वी दिल्ली और रविवार को पश्चिमी दिल्ली सीट पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल के रोड-शो में भी कांग्रेस की उपस्थिति लगभग शून्य रही है। यह इस बात की ओर इशारा कर रही है कि गठबंधन भले ही दोनों दलों में हुआ है, मगर भविष्य के अपने राजनीतिक हितों को देखते हुए दोनों दल आपस में दूरी भी बनाए हुए हैं। यहां तक कि दोनों दलों के आयोजनों में बड़े नेता भी एक मंच पर नहीं आए हैं।
न मंच पर साथ न रणनीति में मिलाप!
आप और कांग्रेस की रणनीति की बात करें तो दोनों में उतनी ही दूरी है, जितनी आप और भाजपा में है। पार्टी के दिल्ली में सफाये के लिए भी कांग्रेस आप को ही जिम्मेदार मानती है। कांग्रेस यह बात साफ तौर पर कहती रही है कि कांग्रेस का जनाधार ही आप के पास गया है, इसे वापस लाने की कांग्रेस लड़ाई लड़ रही है।
यहां यह भी गौरतलब है कि केजरीवाल की परेशानियों में कांग्रेस उनके साथ खानापूर्ति के लिए कुछ मामलों में साथ दिखी है। गठबंधन के बाद केजरीवाल और उनकी पार्टी ईडी से अकेले ही जूझ रही है। जब 21 मार्च को अरविंद केजरीवाल को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया तो 31 मार्च को आईएनडीआई की रामलीला मैदान में हुई महारैली के लिए आप और कांग्रेस के नेता इसकी घोषणा के लिए ही केवल एक मंच पर आए।
इसके बाद महारैली की आप तैयारी तो करती रही, मगर तैयारियों के दौरान दोनों दल साथ नहीं आए। 31 मार्च से एक दिन पहले कांग्रेस ने इस आयोजन को लेकर प्रेसवार्ता की तो भी आप को अपने मंच पर नहीं बुलाया। महारैली में सभी दल जरूर साथ आए, मगर उसके बाद से दूरी बनी हुई है।
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सिर्फ कागजों में गठबंधन
जहां तक संयुक्त चुनाव प्रचार की बात है तो इन दलों ने इस बारे में घोषणा तो की थी और एक संयुक्त समन्वय समिति बनाने की बात भी की थी, मगर अभी तक यह सब कागजों में ही है। राजनीतिक जानकार कहते हैं कि मंच पर जिन-जिन दलों के नेता आते हैं, उनके कार्यकर्ताओं में एक साथ होने का संदेश जाता है, जो उनसे संबंधित दलों के प्रत्याशियों की राह आसान बनाता है, लेकिन आप और कांग्रेस में ऐसा माहौल नजर नहीं आ रहा है।
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इन राज्यों में है गठबंधन
आप-कांग्रेस इस लोकसभा चुनाव में पंजाब में गठबंधन में नहीं हैं, जबकि दिल्ली, चंडीगढ़, हरियाणा, गुजरात, गोवा में गठबंधन में है। आप दिल्ली में चार, गुजरात की दो लोकसभा सीट भरूच और भावनगर पर चुनाव लड़ रही है। हरियाणा में एक सीट कुरुक्षेत्र से पार्टी लड़ रही है।
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