Lok Sabha Election 2019: गाजियाबाद में 58.16% हुआ मतदान, घर से कम निकले शहरी वोटर्स
मतदान के शुरुआती दो घंटे के तक लगातार मतदान फीसद बढ़ता रहा लेकिन जैसे-जैसे तापमान बढ़ा तो वोटरों का उत्साह भी कम हो गया। इसके चलते वोटिंग फीसद धीरे-धीरे गिरता चला गया।
गाजियाबाद, जेएनएन। Lok Sabha Election 2019: लोकसभा चुनाव-2019 के तहत प्रथम चरण में गाजियाबाद में हुआ लोकसभा चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया। गाजियाबाद में वोटरों के उत्साह में कमी दिखाई दी। इसके चलते वोटिंग फीसद पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले तो बढ़ा, लेकिन अपेक्षाकृत कम रहा। जिले में कुल 58.16 फीसद मतदान हुआ, जबकि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में 56.94 फीसद मतदान हुआ था। बृहस्पतिवार को सबसे अधिक मतदान मोदीनगर विधानसभा में 64.50 फीसद हुआ, जबकि सबसे कम गाजियाबाद विधानसभा में 53.21 फीसद रहा। मतदान के दौरान जिले में किसी प्रकार की ¨हसा व अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली। मतदान समाप्ति के बाद पोलिंग पार्टियों ने ईवीएम व वीवीपैट गो¨वदपुरम मंडी में बने स्ट्रांग रूम में जमा कराई। देर रात तक मशीन जमा कराने के लिए पोलिंग पार्टियां मंडी स्थल में जुटी हुई थीं।
तापमान बढ़ने के साथ गिरा मतदान फीसद
मतदान के शुरुआती दो घंटे के तक लगातार मतदान फीसद बढ़ता रहा, लेकिन जैसे-जैसे तापमान बढ़ा तो वोटरों का उत्साह भी कम हो गया। इसके चलते वोटिंग फीसद धीरे-धीरे गिरता चला गया। यही कारण रहा कि जिले का मतदान फीसद अपेक्षाकृत कम रहा। बृहस्पतिवार को वोटिंग शुरू होने के साथ देहात व शहरी मतदान केंद्रों पर वोटरों की अच्छी खासी भीड़ दिखाई दी। सुबह सात बजे से 11 बजे तक यह भीड़ जस की तस बनी हुई थी। लेकिन जैसे जैसे धूप अपने शबाब पर आई वैसे ही भीड़ कम होती चली गई। इसका ही परिणाम रहा कि वोटिंग फीसद कुल 58.16 पर ही सिमट कर रह गया। गत लोकसभा चुनाव के मुकाबले महज 1.22 प्रतिशत का इजाफा हो सका।
शहरी क्षेत्र पिछड़ा
लोकसभा चुनाव में एक बार फिर वोटिंग के मामले में देहात बाजी मार गया जबकि शहरी क्षेत्र पिछड़ गया। गाजियाबाद के लोनी, मोदीनगर, धौलाना में वोटिंग फीसद बेहतर रहा जबकि ग्रामीण और शहरी में मिलाजुली जुली विधानसभा माने जाने वाले मुरादनगर, साहिबाबाद व गाजियाबाद पिछड़ गए।
पति के साथ मतदान करने पहुंची महिला को बताया मृत
वहीं, मतदान के लिए उत्साह से घर से निकले कई लोगों को वोटर लिस्ट में नाम न होने पर निराशा झेलनी पड़ी। इनमें कुछ ऐसे भी थे जो जिंदा होने के बावजूद मृत बता दिए गए। कैला भट्टा में एफडी जूनियर हाईस्कूल मतदान केंद्र में वोट डालने पहुंची महिला को भी मतदान केंद्र पर ऐसा ही सुनने को मिला। पति के साथ वोट डालने पहुंची महिला का नाम और फोटो वोटर लिस्ट में था लेकिन उस पर डिलीट लिखे होने के चलते वोट नहीं डालने दिया गया। पति बाबू के साथ महिला ने काफी पूछताछ भी की। पति का वोट तो पड़ गया। मतदान केंद्र से बाहर निकले बाबू ने बताया कि मतदान कर्मचारी उनकी पत्नी का नाम वोटर लिस्ट से कटने पर कभी मृत बता रहे है तो कभी इस पते पर नहीं रहतीं कहा जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस बारे में कोई भी सही जवाब नहीं दे रहा था। बाबू ने बताया कि उनकी पत्नी रिहाना वोट की पर्ची और मतदाता पहचान पत्र के साथ वोट के लिए पहुंची। उन्होंने बताया कि वह वर्षों से कैला भट्टा में अपने पते पर रह रहे हैं। बीएलओ की लापरवाही को लेकर उन्होंने नाराजगी जाहिर की।
जिलाधिकारी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी के मुताबिक, नाम कटने और सूची में नाम ना होने की कई जगह से सूचनाएं प्राप्त हुईं, सभी से लिखित शिकायत देने के लिए कहा गया है। मामले की जांच कराकर संबंधित कर्मचारी व अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।