Move to Jagran APP

Lok Sabha Election 2019: करतार भड़ाना मध्य प्रदेश के मुरैना से लड़ेंगे लोकसभा चुनाव

अपने परिवार की राजनीति विरासत बचाने के लिए भड़ाना बंधु अब तक हरियाणा राजस्थान और उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ते रहे हैं मगर मध्यप्रदेश से पहली बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 20 Apr 2019 09:11 AM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2019 09:15 AM (IST)
Lok Sabha Election 2019: करतार भड़ाना मध्य प्रदेश के मुरैना से लड़ेंगे लोकसभा चुनाव
Lok Sabha Election 2019: करतार भड़ाना मध्य प्रदेश के मुरैना से लड़ेंगे लोकसभा चुनाव

फरीदाबाद [बिजेंद्र बंसल]। Lok Sabha Election 2019: लोकसभा चुनाव-2019 में पूर्व सांसद अवतार भड़ाना का कांग्रेस से टिकट कटने के बाद भड़ाना परिवार ने चुनाव लड़ने के लिए मध्यप्रदेश का रुख कर लिया है। अवतार के बड़े भाई करतार भड़ाना को बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) ने मध्यप्रदेश के मुरैना लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया है। करतार भड़ाना हरियाणा में वर्ष 1996,2000 में लगातार पानीपत जिला के समालखा विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने और वे लगातार छह साल तक पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला के मंत्रिमंडल में सहकारिता मंत्री रहे। इतना ही नहीं, करतार भड़ाना 2012 में उत्तर प्रदेश के खतौली विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी बन चुके हैं।

loksabha election banner

अपने परिवार की राजनीति विरासत बचाने के लिए भड़ाना बंधु अब तक हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ते रहे हैं, मगर मध्यप्रदेश से पहली बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं। करतार भड़ाना बृहस्पतिवार फरीदाबाद से मुरैना के लिए दलबल के साथ रवाना हो गए, वे 22 अप्रैल को अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे।

करतार भड़ाना दौसा लोकसभा क्षेत्र से राजस्थान के मौजूदा उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के खिलाफ 2004 भाजपा के टिकट पर चुनाव भी हार चुके हैं। 2009 में करतार भड़ाना ने बसपा के टिकट पर फरीदाबाद के बड़खल विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। तब भी करतार को परायज मिली थी। 2004 और 2009 में करतार के छोटे भाई अवतार भड़ाना फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र से लगातार दो बार कांग्रेस के टिकट पर सांसद चुने गए थे।

भड़ाना बंधु करते हैं चुनाव लड़ने के अनूठे प्रयास

अवतार और करतार दोनों ही चुनाव की राजनीति में ही विश्वास करते हैं। भड़ाना बंधुओं ने अब तक जितने भी चुनाव लड़े हैं, वे राजनीति में अनूठे और चमत्कारिक ही कहे जा सकते हैं। पत्थर खदानों से धनबली हुए भड़ाना बंधुओं ने पहला चमत्कार 1988 में किया था। तब अवतार भड़ाना को तत्कालीन हरियाणा के मुख्यमंत्री चौधरी देवीलाल ने बिना विधायक ही राज्य मंत्रिमंडल में छह माह के लिए मंत्री बनाया था। अवतार को तब शहरी स्थानीय निकाय विभाग दिया गया था।

छह माह बाद देवीलाल के पुत्र ओमप्रकाश चौटाला से मतभेद के चलते अवतार को मंत्री पद से त्यागपत्र देना पड़ा था। इसी बीच 1989 में अवतार ने दौसा राजस्थान से जनता दल के टिकट की आस लेकर नामांकन किया मगर उन्हें टिकट नहीं मिला। इसके बाद वे 1991 में फरीदाबाद से कांग्रेस का टिकट लेने में कामयाब हुए और सांसद भी बने। 1998 में कांग्रेस टिकट कटने के बाद अवतार ने 1999 में मेरठ लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। ऐसे ही करतार भड़ाना ने 1996 में हरियाणा विकास पार्टी के टिकट पर समालखा से और फिर 2000 में इनेलो के टिकट पर विजय हासिल की। करतार 2009 के बाद उत्तर प्रदेश में ही ज्यादा सक्रिय रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.