AAP-कांग्रेस गठबंधन : सीएम केजरीवाल के बयान पर शीला दीक्षित ने उठाया ये सवाल
पिछले चार साल से दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर गठबंधन पर रार जारी है। दोनों और से बयान लगातार आते रहे हैं।
नई दिल्ली, जेेएनएन। पिछले चार साल से दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर गठबंधन पर रार जारी है। दोनों और से बयान लगातार आते रहे हैं। इस बीच दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के बयान ' गठबंधन के लिए कांग्रेस को मना-मनाकर थक गई AAP, पर वह नहीं मानी' पर अब दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी (DPCC) अध्यक्ष शीला दीक्षित का बयान आया है। उन्होंने केजरीवाल के इस बयान पर ट्वीट किया है ' मैं अरविंद केजरीवाल से यह जानना चाहती हूं कि वे किस आधार पर इस तरह की बातें कर रहे हैं, क्योंकि इस मुद्दे पर एक बार भी केजरीवाल ने बात नहीं की है।'
यहां पर बता दें कि अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को दिल्ली में कहा था कि दिल्ली की सातों सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) को हराने के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) के नेताओं ने कांग्रेस को गठबंधन के लिए मनाने की खूब कोशिशें कीं, लेकिन कांग्रेस नहीं मानी, अगर गठबंधन होता है तो भाजपा सातों लोकसभा सीटों पर हार सकती है। केजरीवाल ने यहां तक कहा था कि भाजपा के प्रत्याशी के खिलाफ एक प्रत्याशी होना चाहिए और वोटों का बंटवारा नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, 'मैं नहीं जानता कि कांग्रेस के दिमाग में क्या चल रहा है।' वह आगे बोले कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश में एसपी और बीएसपी को कमजोर करने गई है और दिल्ली में भाजपा के खिलाफ लड़ रही AAP को कमजोर करने का काम कर रही है। फरवरी की शुरुआत में केजरीवाल ने मीडिया को बताया था कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए AAP के साथ गठबंधन की संभावना को लगभग खत्म कर दिया है।
बुधवार को जामा मस्जिद के पास आयोजित रैली को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा था कि हम गठबंधन के लिए कांग्रेस को मना-मनाकर थक गए हैं, लेकिन वह नहीं समझ रही। अगर गठबंधन होता है तो बीजेपी सातों लोकसभा सीटों पर हार सकती है।
रैली में उन्होंने कहा था कि अमित शाह और पीएम मोदी दोनों देश को बांटने की कोशिशों में जुटे हुए हैं। केजरीवाल की यह रैली चांदनी चौक इलाके के अल्पसंख्यक बहुल इलाके में आयोजित की गई थी। अगर भाजपा फिर सत्ता में आती है तो देश अपने संविधान और लोकतंत्र को खो देगा।