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East Delhi Seat: कांग्रेस जब-जब यहां से जीती; तब-तब देश की कमान संभाली, क्‍यों Congress इस बार यहां से नहीं लड़ेगी चुनाव?

East Delhi Lok Sabha Chunav 2024 updates देश में 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव होने हैं। ऐसे में आपको भी अपनी लोकसभा सीट और अपने सांसद के बारे में जानना भी जरूरी है ताकि इस बार किसको जिताना है इसे लेकर किसी तरह की कोई दुविधा न हो। आज हम आपके लिए लाए हैं पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट की पूरी जानकारी...

By sanjeev Gupta Edited By: Deepti Mishra Published: Fri, 08 Mar 2024 02:31 PM (IST)Updated: Fri, 08 Mar 2024 02:31 PM (IST)
East Delhi Lok Sabha Chunav 2024: पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट की पूरी जानकारी।

संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट कांग्रेस व भाजपा दोनों के ही लिए खासा भाग्यशाली रही है। दोनों का ही यहां बारी-बारी से दबदबा रहा है। रोचक बात यह है कि साल 1966 में अस्तित्व में आने के बाद से इस सीट पर वर्ष 2019 तक कांग्रेस ने हमेशा चुनाव लड़ा, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में पहली बार इस सीट पर कांग्रेसी का कोई प्रत्याशी चुनाव नहीं  लड़ेगा। वजह? तो इसकी वजह यह है कि विपक्षी दलों के गठबंधन के तहत यह सीट आम आदमी पार्टी के खाते में आई है।

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जब भी कांग्रेस जीती, केंद्र में सरकार बनी

साल 1966 में जब यह सीट अस्तित्व में आई तो 1967 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में यहां भारतीय जनसंघ के हरदयाल देवगन ने कांग्रेस प्रत्याशी को हराकर जीत दर्ज की। इसके बाद अगले चुनाव में कांग्रेस के हरि कृष्ण लाल भगत जीते, जिन्हें आज भी पूर्वी दिल्ली के लोग (एचकेएल) भगत के नाम से जानते हैं।

अगले चुनाव में कांग्रेस की हार हुई और जनता पार्टी की जीत। यह आपातकाल के बाद का चुनाव था। इसके बाद 1980 के चुनाव में कांग्रेस ने फिर हरि कृष्ण लाल भगत को टिकट दिया।

इस चुनाव में जीत के बाद भगत ने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा और वे इंदिरा गांधी के खास बन गए। भगत ने इस सीट से एक के बाद एक लगातार तीन बार जीत दर्ज की। उन्हें तत्कालीन केंद्र सरकार में राज्यमंत्री भी बनाया गया।

अगर इस सीट पर साल 1967 के पहले चुनाव और 1991 के चुनाव को छोड़ दें तो बाकी के चुनावों में यह सीट कांग्रेस के लिए इतनी भाग्यशाली रही है कि जब भी कांग्रेस इस सीट पर चुनाव जीती तो निश्चित रूप से उसकी केंद्र में सरकार बनी। जब कांग्रेस पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट हारी तो उसे केंद्र की सत्ता से भी हाथ धोना पड़ा। आंकड़े खुद इस बात की गवाही दे रहे हैं।

चुनावी वर्ष कांग्रेस की सरकार विजेता का नाम पार्टी का नाम

साल सांसद पार्टी 
1967 हरदयाल देवगल भारतीय जनसंघ
1971 हरि कृष्ण लाल भगत कांग्रेस 
1977 किशोर लाल जनता पार्टी 
1980 हरि कृष्ण लाल भगत कांग्रेस 
1984 हरि कृष्ण लाल भगत कांग्रेस 
1989 हरि कृष्ण लाल भगत कांग्रेस 
1991 बैकुंठ लाल शर्मा प्रेम भाजपा 
1996 बैकुंठ लाल शर्मा प्रेम भाजपा 
1998 लाल बिहारी तिवारी भाजपा 
1999 लाल बिहारी तिवारी भाजपा 
2004 संदीप दीक्षित कांग्रेस 
2009 संदीप दीक्षित कांग्रेस 
2014 महेश गिरी भाजपा 
2019 गौतम गंभीर भाजपा 

मां को देखनी पड़ी हार, बेटे ने दो बार दर्ज की जीत

पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने से पहले वर्ष 1998 में शीला दीक्षित ने भी चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें भाजपा के लाल बिहारी तिवारी से 45 हजार से भी अधिक मतों से हार का सामना करना पड़ा था। इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में शीला दीक्षित ने नई दिल्ली विधानसभा सीट पर जीत दर्ज करते हुए दिल्ली का मुख्यमंत्री पद संभाला था, जिस पर वह लगातार 15 साल तक काबिज रहीं।

शीला दीक्षित के मुख्यमंत्री रहते हुए 1999 के लोकसभा चुनाव में भी इस सीट पर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद वर्ष 2004 और 2009 में शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित ने इस सीट को जीतकर कांग्रेस की झोली में डाला। उस समय भी शीला दीक्षित सीएम थीं।

पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट में कितनी विधानसभा?

पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट में दिल्ली के 10 विधानसभा क्षेत्र- विश्वास नगर, लक्ष्मी नगर, कोंडली, पटपड़गंज, कृष्णा नगर, ओखला, गांधी नगर, जंगपुरा, त्रिलोकपुरी और शाहदरा शामिल हैं। इनमें से ओखला और जंगपुरा सीट मुस्लिम बाहुल्य हैं। मौजूदा वक्त में 10 में से तीन सीट भाजपा और सात आम आदमी पार्टी के पास हैं। दिल्ली के पूर्वी और शाहदरा दो जिलों में यह संसदीय क्षेत्र फैला हुआ है।

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पूर्वी दिल्ली की ताकत

पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र की आबादी 25 लाख से अधिक है। चुनाव आयोग के वर्ष 2009 के आंकड़ों के अनुसार, यहां 16 लाख चार हजार 795 कुल मतदाता हैं। इनमें से 8,92,934 पुरुष और 7,11, 861 महिला मतदाता हैं। इसमें दिल्ली नगर निगम के 30 से ज्यादा वार्ड आते हैं।

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