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Lok Sabha election 2019 : कांग्रेस को गठबंधन बनाने में ही हो रही परेशानी

लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस को गठबंधन में परेशानी हो रही है। कांग्रेस गठबंधन की परेशानी से निकल कर एनडीए से मुकाबला करने में संघर्ष कर रहा है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Tue, 19 Mar 2019 05:11 PM (IST)Updated: Tue, 19 Mar 2019 05:11 PM (IST)
Lok Sabha election 2019 : कांग्रेस को गठबंधन बनाने में ही हो रही परेशानी
Lok Sabha election 2019 : कांग्रेस को गठबंधन बनाने में ही हो रही परेशानी

नई दिल्‍ली, जेएनएन। लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस को गठबंधन बनाने में परेशानी हो रही है। कांग्रेस गठबंधन की परेशानी से निकल कर ही एनडीए से मुकाबला करने की स्थिति में होगा। बिहार, पश्‍चिम बंगाल और दिल्‍ली में कमोबेश स्‍थितियां यही इशारा करती हैं। हालांकि राहुल गांधी इन कठिन परिस्‍थिति में भी पार्टी और कार्यकर्ताओं में जोश भर रहे हैं। 

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बातें बिहार की:

बिहार में राजनीतिक कशमकश वाले हालात हैं। महागठबंधन की दो बड़ी पार्टियां आरजेडी और कांग्रेस तमाम कोशिशों के बावजूद अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं। दोनों पार्टियों के नेता लगातार बैठक कर रहे हैं। इसके बावजूद सीटों का बटवारा नहीं हो पा रहा है। लालू यादव की पार्टी राजद कांग्रेस को पहले तो ज्‍यादा सीटें देने के लिए तैयार ही नहीं थी मगर अब बदले हालात के बाद कांग्रेस 11 सीटों की मांग पर अड़ी है। कांग्रेस का कहना है कि वह 11 से कम पर वह तैयार नहीं होगी और राजद प्रमुख लालू प्रसाद का संदेशा है कि आठ से ज्यादा देना संभव नहीं है। मामला यहीं पर अटका है।

दिल्‍ली में नहीं दिखा रहे दिल:

दिल्‍ली में आप और कांग्रेस की गठबंधन को लेकर लगातार दोनों की पार्टियों में माथापच्‍ची चल रही है। शीला दीक्षित जहां गठबंधन को सिरे से खारिज कर रहीं हैं वहीं आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल लगातार गठबंधन की कोशिश में लगे हैं। हर दिन गठबंधन को लेकर कुछ ना कुछ नेता बयान दे रहे हैं। गोपाल राय में भी कहा कि कांग्रेस गठबंधन नहीं कर भाजपा को फायदा पहुंचाना चाहती है।

जम्‍मू में नहीं पिघल रही रिश्‍तों पर जमी बर्फ:

जम्‍मू में कांग्रेस और नेशनल कॉन्‍फ्रेंस के बची भी बात नहीं बन पा रही है। यूं कहें तो इनके रिश्‍ते पर जमीं बर्फ पिघल ही नहीं रही है। भाजपा के सरकार से बाहर निकलने के बाद ही वहां का राजनीतिक पारा बढ़ा हुआ है।

बंगाल में भी नहीं बन रही बात

पश्‍चिम बंगाल में पोलित ब्‍यूरो के मेंबर मोहम्‍मद सलीम ने कांग्रेस के दास मुंशी को 2014 में बहुत छोटे से मार्जिन से हराया था, जबकि बदरुद्दोज़ा खान ने लोकसभा के लिए मुर्शीदाबाद से चुनाव की बात की है। इसलिए सीपीआई-एम भी अब कांग्रेस की जीती गई सीटों पर उम्मीदवार उतार सकती है।

कुल मिला कर यही स्‍थिति है कि कांग्रेस अभी तक गठबंधन के जाल में ही उलझी हुई है। इससे निकलने के बाद ही वह लोकसभा चुनाव 2019 में अपने मुख्‍य प्रतिद्ववंदी भाजपा को मजबूत चुनौती पेश कर सकती है।


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