Lok Sabha Election 2024: चांदनी चौक के चुनावी रण में खंडेलवाल बनाम अग्रवाल, किसका पलड़ा भारी? जानिए क्या हैं यहां के मुद्दे
Chandni Chowk Lok Sabha Election 2024 चांदनी चौक का चुनावी रण हमेशा ही दिलचस्प होता है। इस बार भी भाजपा-कांग्रेस दोनों ने एक ही समाज के प्रत्याशियों को उतारकर व्यापारी वर्ग को साधने की कोशिश की है। हालांकि दोनों के प्रचार करने का तरीका बिल्कुल अलग है। जानिए क्या है यहां पर स्थानीय मुद्दे और उन्हें साधने की पार्टियों की रणनीति।
नेमिष हेमंत, नई दिल्ली। चांदनी चौक लोकसभा सीट पर व्यापारी वर्ग अधिसंख्य हैं। इसलिए भाजपा और कांग्रेस पार्टी ने यहां से वैश्य समाज से उम्मीदवार उतारा है। दोनों के प्रचार अभियान का तरीका जुदा तो मुद्दे भी अलग-अलग हैं। भाजपा उम्मीदवार प्रवीन खंडेलवाल का अभियान जहां जोर-शोर से है तो कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार जेपी अग्रवाल का जनसंपर्क पर जोर ज्यादा है। भाजपा, जहां मोदी की गारंटी पर जोर देती है तो कांग्रेसी उम्मीदवार व्यक्तिगत संबंधों और प्रदर्शनों का हवाला देकर मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।
चांदनी चौक से भाजपा प्रत्याशी प्रवीन खंडेलवाल चुनाव प्रचार के दौरान कभी त्रिशुल तो कभी गदा लिए दिख जाते हैं। ढोल की थाप पर जय श्री राम के नारे लग रहे थे। वह, रोड शो व जनसंपर्क में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के 10 वर्षों के कामकाज तथा अयोध्या में प्रभु राम के विग्रह की स्थापना को गारंटी के रूप में मतदाताओं के सामने रख रहे हैं। राष्ट्रीयता के साथ प्रचार में स्थानीय मुद्दों को भी प्रमुखता दे रहे हैं।
व्यापारियों को साधने का प्रयास
वह, मतदाताओं से कहते हैं कि जीतने के बाद भी ऐसे ही रहेंगे और उनकी समस्याओं का निराकरण करेंगे। व्यापारी नेता होने के नाते उनका चांदनी चौक के थोक बाजारों से पुराना नाता रहा है और यह प्रभावी वोटबैंक भी है। इसिलए बातचीत में जोर देकर कहते हैं कि वह चांदनी चौक के सीताराम बाजार में जन्म लेने के साथ पले बढ़े हैं। यहीं उनका कार्यक्षेत्र भी है, वह बाहरी नहीं हैं।
मोदी के कार्यकाल में देश की अर्थव्यवस्था के पांचवें स्थान पर पहुंचने, स्टार्टअप इंडिया जैसी योजनाओं से युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करने जैसे आर्थिकी मुद्दों को गिनाते हैं। कहते हैं कि वह जीतेंगे तो व्यापारी की आवाज को धार मिलेगी। उनका प्रचार अभियान करीब दो माह से चल रहा है। सबसे ज्यादा मशक्कत उनको ब्लॉक स्तर पर भाजपा संगठन में पैठ बनाने तथा पदाधिकारियों को साथ लेकर चलने में करनी पड़ी है। फिलहाल उनकी टीम अब आश्वस्त नजर आती हैं कि भाजपा संगठन अब उनके साथ है।
पीढ़ियों के संबंध का हवाला
कांग्रेस उम्मीदवार जयप्रकाश अग्रवाल प्रचार के दौरान मतदाताओं से आत्मीयता से मिलते हैं तथा उनसे पीढ़ियों से संबंधों का हवाला देकर अपने पक्ष में मतदान की अपील करते हैं। वह इसलिए कि उनके पिता भी कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता रहे थे। जिनकी राजनीतिक विरासत को वह आगे बढ़ा रहे हैं। 79 वर्षीय जयप्रकाश खुद 1983 से राजनीति में हैं।
वह कहते हैं कि जनप्रतिनिधि बनने के बाद क्षेत्र से जुड़े मुद्दों को पार्टी हित से भी ऊपर रखते आए हैं और आगे भी ऐसा ही होगा। इसके लिए वह डॉ. मनमोहन सिंह सरकार में जनहित व क्षेत्र के मुद्दों को लेकर संसद में केंद्र मंत्रियों की घेराबंदी के प्रसंगों का प्रमुखता से जिक्र करते हैं। इससे संबंधित वीडियो क्लिप क्षेत्र के मतदाताओं में खूब प्रसारित किए जा रहे हैं। जिसमें वह सवाल पूछते नजर आ रहे हैं।
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भाजपा पर निशाना
डॉ. हर्षवर्धन का टिकट काटे जाने का मुद्दा उठाते हुए कहते हैं कि भाजपा ने यहां पहले ही हार मान ली है, क्योंकि उसके सांसद ने क्षेत्र में कोई काम नहीं किया। उनके विरूद्ध मतदाताओं में आक्रोश था। इसके साथ जीएसटी व नोटबंदी से व्यापारियों को साधने की कोशिश करते हैं ।
लगे हाथ चांदनी चौक को एसआरडीसी द्वारा केवल पर्यटन क्षेत्र बनाने की मुहिम पर भी सवाल उठाते हुए कहते हैं कि यह कारोबारी और पर्यटन क्षेत्र दोनों है। यहां से किसी बाजार को दूसरे स्थान पर ले जाने की आवश्यकता नहीं है। बल्कि आधारभूत संरचनाओं के विकास की आवश्यकता है।
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