दूर नहीं बल्कि रामनगरी के दिल में बसते हैं मोदी
शीर्ष पीठ मणिरामदास जी की छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयनदास कहते हैं कि मोदी रामनगरी नहीं आ रहे हैं तो इसके पीछे भी देश एवं अयोध्या का हित ही निहित है।
अयोध्या, (जेएनएन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही रामनगरी से दूर नजर आते हों पर वे रामनगरी के दिल में बसते हैं। यह हकीकत उनके नेतृत्व में भाजपा को रामनगरी से मिले अपार समर्थन के अलावा यहां के लोगों की उनके बारे में राय से बयां होती है। शीर्ष पीठ मणिरामदास जी की छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयनदास कहते हैं कि हमें उन पर पूरा भरोसा है, वे रामनगरी नहीं आ रहे हैं तो इसके पीछे भी देश एवं अयोध्या का हित ही निहित है और हमें विश्वास है कि जिस दिन रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा, उस दिन प्रधानमंत्री राममंदिर का शिलान्यास करने रामनगरी आएंगे।
रामवल्लभाकुंज के अधिकारी राजकुमारदास कहते हैं, अयोध्या राममंदिर ही नहीं राष्ट्रमंदिर की भी परिचायक रही है और इस फलक के पुरोधा भगवान राम ही हैं। जिस तरह भगवान राम ने त्रेता में राष्ट्रमंदिर को वैभव प्रदान किया, उसी तरह मोदी जी वर्तमान में राष्ट्रमंदिर को वैभव प्रदान कर रहे हैं। राजकुमारदास के अनुसार वह दिन दूर नहीं, जब मोदी जी के ही नेतृत्व में राममंदिर का निर्माण शुरू होगा।
नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास प्रधानमंत्री के कार्यों का उदाहरण देते हैं और याद दिलाते हैं कि सबका साथ-सबका विकास के सूत्र वाक्य को अंगीकार कर मोदी जी के नेतृत्व में सामाजिक समरसता का वातावरण तैयार होने के साथ दुनिया भर में देश की जो धाक बढ़ी है, वह पूरे देश के साथ हम साधु-संतों को भी आह्लादित करने वाला है। विहिप के प्रांतीय प्रवक्ता शरद शर्मा के अनुसार मौजूदा प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश का गौरव ही नहीं बढ़ा है बल्कि रामनगरी भी विश्व पर्यटन के मानचित्र पर चमकने को तैयार लग रही है।
भाजपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के क्षेत्रीय मंत्री बब्लू खान भी प्रधानमंत्री के स्वागत में पलक-पांवड़े बिछाने की तैयारी में हैं। उनके अनुसार कोई शक नहीं कि मोदी जी वैश्विक नेता हैं पर रामनगरी से उनका खास समीकरण है, वे सांस्कृतिक एकरूपता से युक्त जिस भारतीयता के वाहक हैं, उसकी आत्मा रामनगरी में ही बसती है।