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Lok Sabha Election 2019 : चंद्रशेखर की सभा घंटाघर के पास थी और भीड़ निरंजन तक जुटी

इमरजेंसी खत्म होने के बाद 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर की सभा चौक घंटाघर पर थी। उनका भाषण सुनने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Thu, 09 May 2019 02:48 PM (IST)Updated: Thu, 09 May 2019 02:48 PM (IST)
Lok Sabha Election 2019 : चंद्रशेखर की सभा घंटाघर के पास थी और भीड़ निरंजन तक जुटी
Lok Sabha Election 2019 : चंद्रशेखर की सभा घंटाघर के पास थी और भीड़ निरंजन तक जुटी

प्रयागराज : वर्ष 1977 में इमरजेंसी खत्म होने के बाद देश में जब लोकसभा चुनाव हुए तो लोगों में कांग्रेस के प्रति जबरदस्त नाराजगी थी। कांग्रेस का जनता पार्टी से सीधा मुकाबला था। जनता पार्टी से लोगों ने दिन बदलने की उम्मीद लगा ली थी, इसलिए पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में होने वाली सभाएं भीड़ भरी होती थीं। शहर में जनता पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर की एक ऐसी ही सभा आज तक याद की जाती है। सभा घंटाघर में होनी थी और भीड़ निरंजन टाकीज तक डटी थी। अनुमान ही लगा सकते हैं कि करीब डेढ़ किमी के इलाके में कितनी भीड़ रही होगी। 

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 जनता पार्टी के अध्यक्ष के संबोधन को सुनने की थी लोगों में उत्सुकता 

सत्ता में बदलाव की लहर का अनुमान अक्सर सभाओं में उमडऩे वाली भीड़ देखकर लगाया जाता है। वैसे तमाम मौकों पर यह बात नतीजों से झुठलाई भी गई है, लेकिन वर्ष 1977 के आम चुनाव में कुछ ऐसा ही था। इमरजेंसी खत्म होने के बाद होने जा रहे इस चुनाव में मतदाताओं ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार को सबक सिखाने की ठान ली थी। चुनाव से कुछ समय पहले ही जनता पार्टी का गठन किया गया था। इसके अध्यक्ष चंद्रशेखर थे। बलिया के मूल निवासी चंद्रशेखर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र भी रहे थे, इसलिए उनके संबोधन को लेकर उत्सुकता थी। कांग्रेस से लोगों में जबरदस्त नाराजगी थी और चुनाव के दौरान जनता पार्टी को आम मतदाताओं को जबर्दस्त समर्थन मिल रहा था। 

जनेश्वर मिश्र का मुकाबला वीपी सिंह से था

इलाहाबाद संसदीय सीट से जनता पार्टी के प्रत्याशी जनेश्वर मिश्र थे। उनका मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी राजा मांडा यानी विश्वनाथ प्रताप सिंह से था। फूलपुर संसदीय सीट पर जनता पार्टी की प्रत्याशी थीं कमला बहुगुणा। वह कांग्रेस प्रत्याशी रामपूजन पटेल को टक्कर दे रहीं थीं। चायल संसदीय सीट (अब कौशांबी आरक्षित लोस सीट) पर जनता पार्टी प्रत्याशी रामनिहोर राकेश थे। उनका मुकाबला कांग्रेस के धर्मवीर से था। तीनों ही प्रत्याशियों के पक्ष में यह सभा शहर के केंद्र बिंदु घंटाघर चौराहे पर आयोजित की गई। यह चौराहा तब भी राजनीति का मुख्य केंद्र हुआ करता था। वहां उस समय मौजूदा दौर जैसा अतिक्रमण नहीं था और सड़कें चौड़ी दिखाई देती थीं। जनता पार्टी के प्रत्याशियों की जीत के लिए हो रही सभा में पहुंचे राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर को सुनने के लिए हजारों लोगों की भीड़ जुटी। घंटाघर से निरंजन तक हर तरफ सिर ही सिर नजर आ रहे थे। 

अपील पर मंच पर बिछी चादर पर ही सहयोग राशि रख दी गई

चंद्रशेखर का भाषण सुनने गए सामाजिक कार्यकर्ता व्रतशील शर्मा बताते हैं कि यह सभा भीड़ के लिहाज से उन्हें अब तक याद है। दरअसल इमरजेंसी के दौरान जयप्रकाश नारायण का जादू सिर चढ़कर बोला था। चंद्रशेखर ने कहा था, जब कोई सत्ता किसी संत से टकराती है तो चूर-चूर हो जाती है। कांग्रेस ने जयप्रकाश नारायण से टक्कर ली थी, इसलिए देश की सत्ता से बाहर हो गई। नई पार्टी होने के कारण चंद्रशेखर ने लोगों से आर्थिक मदद करने की अपील की। लोगों ने मंच पर बिछी चादर पर ही सहयोग राशि रख दी।

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