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Loksabha Election: पटियाला संसदीय सीट पर रोचक होगा मुकाबला, कहीं गुटबाजी तो इस बार किसान आंदोलन भी है मुद्दा

चुनावी मैदान में चार विभिन्न पार्टियों के होने के कारण मुकाबला चौकोना नहीं बल्कि मौजूदा राजनीतिक समीकरणों मुताबिक किसी एक उम्मीदवार को स्पष्ट रूप से बढ़त मिलती दिखाई नहीं दे रही।कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाली परनीत कौर को मौजूदा समय में तो ग्रामीण इलाकों में किसान वर्ग के विरोध का सामना करना पड़ रहा है हालांकि भाजपाई काडर का सहयोग उन्हें मिलना उनके लिए एक प्लस प्वाइंट है।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Published: Wed, 24 Apr 2024 06:00 AM (IST)Updated: Wed, 24 Apr 2024 06:00 AM (IST)
पटियाला संसदीय सीट पर रोचक होगा मुकाबला

जागरण संवाददाता, पटियाला। पटियाला संसदीय सीट पंजाब की उन चुनिंदा सीटों में से एक है, जिसके लिए सभी प्रमुख राजनीतिक दल अपने-अपने प्रत्याशी घोषित कर चुके हैं। इनमें भाजपा के लिए परनीत कौर, कांग्रेस के लिए डा. धर्मवीर गांधी, अकाली दल के लिए एनके शर्मा और आम आदमी पार्टी के लिए डा. बलबीर सिंह चुनावी मैदान में हैं। चूंकि इस बार अकाली दल और भाजपा के बीच गठबंधन नहीं हुआ तो इस कारण मुकाबला चौकोना है।

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एक उम्मीदवार को स्पष्ट रूप से बढ़त मिलती दिखाई नहीं दे रही

चुनावी मैदान में चार विभिन्न पार्टियों के होने के कारण मुकाबला चौकोना नहीं बल्कि मौजूदा राजनीतिक समीकरणों मुताबिक किसी एक उम्मीदवार को स्पष्ट रूप से बढ़त मिलती दिखाई नहीं दे रही। कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाली परनीत कौर को मौजूदा समय में तो ग्रामीण इलाकों में किसान वर्ग के विरोध का सामना करना पड़ रहा है हालांकि भाजपाई काडर का सहयोग उन्हें मिलना उनके लिए एक प्लस प्वाइंट है।

पार्टी में गुटबंदी

दूसरी ओर आप के पूर्व सांसद गांधी चाहे कांग्रेस से टिकट ले गए लेकिन टकसाली कांग्रेसियों का समर्थन हासिल करना उनके लिए अब तक टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। फिलहाल डा. गांधी के समर्थन में कांग्रेसी धीरे-धीरे सामने आने लगे हैं।

अकाली उम्मीदवार एनके शर्मा अपनी पार्टी की किसी गुटबंदी से परे हैं लेकिन इस संसदीय सीट के नौ हलकों में से महज डेराबस्सी हलका में ही विशेष आधार होना उनके लिए सीट के बाकी एरिया में हालात कठिन बना देता है। यहां शर्मा को खूब पसीना बहाना होगा।

नौ विधानसभा सीटों पर आप विधायक होना फायदेमंद

उधर आप प्रत्याशी डा. बलबीर के लिए चाहे सीट के सभी नौ विधानसभा सीटों पर आप विधायक होना फायदेमंद साबित हो सकता है लेकिन एंटी इंकबेंसी वाला फैक्टर नुकसान भी पहुंचा सकता है। ऐसे में इस संसदीय सीट पर अंतिम परिणाम काफी नजदीकी रहने की संभावना है।


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