LokSabha Election 2019: स्मृति ने राहुल को फिर ललकारा, योगी बोले- जो चार पीढ़ी न कर सकी, अकेले इन्होंने किया
स्मृति ईरानी ने किया नामंकन। सीएम योगी भी रथ पर थे सवार। बूढऩ माई के मंदिर में हवन-पूजन के साथ नामांकन के पहले रोड शो की शुरुआत की।
अमेठी, [आनन्द राय]। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने गुरुवार को अमेठी संसदीय क्षेत्र से नामांकन पत्र दाखिल करने के साथ ही इस क्षेत्र में 15 वर्षों से प्रतिनिधित्व कर रहे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को दूसरी बार चुनौती दे दी है। बुधवार को ही राहुल ने पूरे कुनबे के साथ यहां आकर नामांकन किया था। स्मृति भी अपने पति जुबिन ईरानी के साथ आयीं और पूरी ताकत के साथ उन्होंने राहुल को ललकारा। नामांकन से पहले बूढऩ माई मंदिर में पति के साथ दर्शन किया और फिर भाजपा कार्यालय में पूजन-हवन के बाद उनका कारवां निकला। इस रोड शो में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश सरकार के कई मंत्री और विधायक भी शामिल हुए। योगी ने कांग्रेस के वंशवाद पर जमकर हमला बोला।
स्मृति ईरानी गुरुवार की सुबह पति जुबिन ईरानी (पारसी) के साथ बूढऩ माई मंदिर पहुंची तो ङ्क्षहदुत्व के प्रति गहरी आस्था का संदेश देने की उनकी यह कोशिश थी। वह वापस भाजपा कार्यालय आयीं। यहां वैदिक मंत्रों के बीच उनकी विजय के लिए पंडितों ने अनुष्ठान किया। इस पूजन में पति जुबिन भी पूरी तन्मयता से शामिल थे। पार्टी के झंडे और भगवा बैनरों से आसपास का इलाका पटा पड़ा था और लोग उनकी एक झलक पाने के लिए बेकरार थे। हजारों की भीड़ 'मोदी है तो मुमकिन है-दीदी हैं तो मुमकिन हैÓ के नारे लगा रही थी। जोश से भरे हुए लोग यह दावा कर रहे थे कि दीदी की जीत कोई रोक नहीं सकता है। मंत्रों के साथ ही बाहर भीड़ के नारे गूंज रहे थे। स्मृति ईरानी के पांच साल में किये गये कार्यों की पुस्तिका लोगों को बांटी जा रही थी। इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहुंचे। भाजपा कार्यालय से उनका कारवां डीसीएम पर बने रथ पर निकला। पीछे वाहनों की लंबी कतार लग गई। स्मृति के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जुबिन ईरानी, राज्य मंत्री सुरेश पासी और विधायक दलबहादुर कोरी, गरिमा सिंह समेत कई प्रमुख हस्तियां मौजूद थीं। योगी और स्मृति को जगह-जगह फूल-माला मिलती और वह लोगों पर लुटा रहे थे। स्मृति हाथ हिलाकर सबका अभिवादन कर रही थीं। मिश्रौली स्थित पार्टी कार्यालय से करीब सवा बारह बजे जुलूस निकला तो साथ पैदल चल रही ठसाठस भीड़ के चलते देरी हो रही थी। आगे एक वाहन पर चल रही बैंड पार्टी की धुन थी- इतने बाजू, इतने सिर, गिन ले दुश्मन ध्यान से, हारेगा तू हर बाजी, हम खेलेंगे जी-जान से। कहीं विद्यालय की छात्राएं योगी को तिलक लगाने आ गईं तो कहीं स्मृति को गुलदस्ता सौंपने। धूप तेज हुई तो स्मृति ने छोटे परदे की बहू की तरह ही सिर को आंचल से ढक लिया। योगी ने तौलिया ओढ़ी और जुबिन तो पहले से ही पीली पगड़ी बांधे थे।
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देखिए सब गाडिय़ों पर अमेठी के नंबर हैं
काफिले में शामिल गुजर टोला के अंकित सिंह का कहना था कि दीदी के रोड शो के आगे राहुल गांधी गुम हो गये। उन्होंने वाहनों की ओर इशारा किया। बोले देखिए यूपी-36 नंबर की सब गाडिय़ां हैं। इससे जाहिर है कि इस रोड शो में सब अमेठी के ही लोग हैं। उनका दावा था कि राहुल की भीड़ बाहर के जिलों से लायी गई थी। जायस क्षेत्र से आये रवींद्र पांडेय का तर्क था कि अब पुराना जमाना गया। संजय गांधी, राजीव गांधी को जिस पीढ़ी ने कंधे पर बिठाया और उसी प्रेम में जिन लोगों ने राहुल को मौका दिया, वह पीढ़ी निष्क्रिय हो गई है। अब युवा पीढ़ी है और इसमें दीदी का ही क्रेज है। हालांकि कांग्रेस कार्यालय के पास मिले फिरोज खान ने कहा कि यह कुछ चुनिंदा भाजपा कार्यकर्ताओं की हवा-हवाई बातें हैं। राहुल गांधी का रोड शो करीब तीन किलोमीटर तक चला था। फिरोज जोर देकर कह रहे थे कि जो उत्साह उनके जुलूस में था, वह भाजपा में नहीं है। स्मृति के काफिले ने चार किलोमीटर की दूरी तय की।
अमेठी के लिए जो चार पीढ़ी नहीं कर पाई, वह अकेले स्मृति ने किया : योगी
योगी को हाथरस और अलीगढ़ की रैली को संबोधित करने जाना था लेकिन, गौरीगंज स्थित जिला कांग्रेस के कार्यालय तक कारवां पहुंचते दो बज गये। योगी ने भीड़ को संबोधित करते हुए कहा कि स्मृति ईरानी ने लगातार अमेठी की सेवा की है। वह 2014 में चुनाव हारने के बाद भी यहां लगातार बनी रहीं लेकिन, कांग्रेस अध्यक्ष ने इस इलाके को अपनी जागीर समझ लिया। अब जनता सब जान चुकी है। उन्होंने कहा कि पिछली बार उत्तर प्रदेश ने 73 सीटें दी थीं लेकिन, इस बार 74 सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा गया है। योगी ने पूछा 74वीं सीट कौन होगी। भीड़़ का जवाब था-अमेठी। स्मृति मुस्कराती रहीं। कभी हाथ हिलाकर और कभी हाथ जोड़कर अभिवादन भी कर रही थीं। योगी ने भावनाओं को विस्तार दिया। कहा, स्मृति दीदी के प्रति आपके मन में जो भावना है और जो समर्थन दिया है, यह अमेठी के विकास की नई ऊंचाई है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी अमेठी के विकास के लिए कोई प्रस्ताव नहीं दे सके लेकिन, स्मृति ने लखनऊ दिल्ली एक कर दिया। अमेठी के लिए जो चार पीढ़ी नहीं कर पाई वह अकेले स्मृति ने कर दिया। उन्होंने कहा कि मोदी को प्रधानमंत्री बनाकर देश का विकास करना है। स्मृति के चुनाव जीतने से अमेठी देश-प्रदेश का मस्तक बनेगा। योगी यहां से निकल गये और स्मृति रथ से उतरकर कार में सवार हो गईं। वह सीधे कलेक्ट्रेट पहुंचीं और नामांकन किया। रणंजय इंटर कालेज में एक सभा आयोजित की गई थी लेकिन, समय के अभाव में योगी यहां नहीं जा सके। स्मृति भी सभा में नहीं आयीं। स्थानीय नेताओं ने ही भीड़ को संबोधित किया। पता चला कि स्मृति की तबीयत बिगड़ गयी थी।
स्मृति की दोबारा दस्तक और राहुल के वायनाड जाने से बढ़ा हौसला
वर्ष 2014 के चुनाव में अचानक अमेठी की उम्मीदवार बना दी गईं स्मृति ईरानी ने चुनाव मैदान में जोरदार प्रदर्शन किया। वह चुनाव भले हार गईं लेकिन, राहुल का तीन लाख की जीत का आंकड़ा समेटकर एक लाख पर ला दिया। चुनाव हारने के बाद भी वह अमेठी में सक्रिय रहीं और इस बार राहुल को सीधे चुनौती देकर अमेठी की जनता से भावनात्मक रिश्ता जोड़ लिया। वह अमेठी के लोगों की दीदी बनकर जादू चलाने की कोशिश कर रही हैं। इसके पहले भी गांधी परिवार को टक्कर देने के लिए बड़ी हस्तियां मैदान में आयीं लेकिन, वह दोबारा नहीं लौटीं। 1981 के उपचुनाव में राजीव गांधी को टक्कर देने शरद यादव आये थे लेकिन, चुनाव हारने के बाद पुन: अमेठी से लडऩे की हिम्मत नहीं जुटा सके। 1984 में मेनका गांधी ने भी अपने जेठ राजीव को चुनौती दी लेकिन, उनको जनता ने ही हाशिए पर ला दिया। 1989 में बोफोर्स कांड की धूम और विपक्ष के साझा उम्मीदवार होने के बावजूद राजमोहन गांधी भी अमेठी में टिक नहीं पाये। 1989 में कांशीराम भी राजीव के खिलाफ मैदान में थे लेकिन, जमानत जब्त हुई तो फिर अमेठी में चुनाव नहीं लड़े। ये लोग कभी अमेठी में उस तरह नहीं आए जैसे स्मृति ने हिम्मत की है। इस बीच राहुल गांधी के केरल के वायनाड से नामांकन करने के चलते भी अमेठी में विरोधियों को मौका मिल गया है। जायस से आये भूपेंद्र मिश्र ने कहा कि राहुल के वायनाड जाने से अमेठी के लोगों का स्मृति पर भरोसा बढ़ा है। हालांकि पूरेमान सिंह का पुरवा से आई संतरा देवी से जब पूछा गया कि वोट किसे देंगी तो उनका कहना था कि जहां सब देई, वहीं देब। भाजपा के जिला महामंत्री प्रवीण सिंह तो दम ठोंक रहे थे कि इस बार जीत का जो रिकार्ड बनेगा उसमें स्मृति ईरानी की भी जीत दर्ज होगी।