Loksabha Election 2019 : सातवें चरण में PM मोदी के साथ दांव पर CM योगी आदित्यनाथ की प्रतिष्ठा
लोकसभा चुनाव 2019 में सातवें चरण के मतदान में जहां PM मोदी मोदी का प्रभाव वाराणसी के पास की सीटों पर भी पडऩे की उम्मीद है तो CM योगी आदित्यनाथ की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है।
लखनऊ, जेएनएन। लोकसभा चुनाव यानी सत्रहवीं लोकसभा के लिए कल उत्तर प्रदेश में सातवें और अंतिम चरण में 13 सीटों पर मतदान होना है। 16वीं लोकसभा में 2014 में यह सभी 13 सीटें भाजपा और उसके सहयोगी दल के खाते में गई थीं। इस बार सातवें चरण में कुल 167 प्रत्याशी मैदान में हैं। इनके भाग्य का फैसला 2.32 करोड़ मतदाता करेंगे।
लोकसभा चुनाव 2019 में कल सातवें चरण के मतदान में एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रभाव वाराणसी के आस-पास की सीटों पर भी पडऩे की उम्मीद है तो दूसरी तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रतिष्ठा भी गोरखपुर में दांव पर लगी है। इसी चरण में मोदी सरकार के दो मंत्री भी हैं। मिर्जापुर से अपना दल की अनुप्रिया पटेल व गाजीपुर से रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा मैदान में हैं। कल सुबह सात बजे से शुरू होकर मतदान शाम छह बजे तक चलेगा।
सातवें चरण में महराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव, घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मीरजापुर और राबर्ट्सगंज संसदीय क्षेत्रों में चुनाव होगा। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में इन संसदीय क्षेत्रों में कुल 54.96 प्रतिशत मतदान हुआ था। अंतिम दिन सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रचार में पूरा दमखम लगाया।
इस चरण में जो सियासी दिग्गज और चर्चित चेहरे चुनाव मैदान में हैं, उनमें वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गाजीपुर से केंद्रीय संचार मंत्री मनोज सिन्हा, चंदौली से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ.महेंद्र नाथ पांडेय, मीरजापुर से केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल, कुशीनगर से पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री आरपीएन सिंह, महाराजगंज से भाजपा सांसद व प्रत्याशी पंकज चौधरी और गोरखपुर से भाजपा प्रत्याशी के तौर पर भोजपुरी फिल्मों के अभिनेता रवि किशन शामिल हैं।
वाराणसी में पीएम मोदी के सामने अन्य प्रत्याशी बौने
पहले बात शुरू करते हैं वाराणसी की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उम्मीदवारी के चलते भाजपा इस सीट पर किसी को मुकाबले में नहीं मान रही। यहां से पहले प्रियंका गांधी के कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लडऩे की बात चल रही थी लेकिन बाद में अजय राय को ही फिर मैदान में उतारा गया।
विपक्ष इस वीआइपी सीट पर मैनपुरी, कन्नौज, आजमगढ़ सरीखी एकजुटता नहीं दिखा सका। गठबंधन (सपा) ने बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव को उम्मीदवार बनाया लेकिन, उनका पर्चा खारिज होने के बाद शालिनी यादव को प्रत्याशी बनाया है। भाजपा को वाराणसी में प्रधानमंत्री की मौजूदगी का लाभ आस-पास की सीटों पर भी मिलने की उम्मीद है।
गोरखपुर में दांव पर योगी आदित्यनाथ की प्रतिष्ठा
गोरखपुर संसदीय क्षेत्र को मंदिर से भी जोड़ कर देखा जाता है। यहां से पांच बार लगातार सांसद रहे वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के गढ़ में उपचुनाव में सपा-बसपा के गठजोड़ ने सेंध मार दी थी। यह अलग बात है कि गठबंधन से चुनाव जीते प्रवीण निषाद ने अब पाला बदलकर भाजपा का दामन थाम लिया है।
इस बार गठबंधन ने जहां रामभुआल निषाद को टिकट दिया है तो भाजपा ने उनके मुकाबले भोजपुरी फिल्मों के अभिनेता रविकिशन को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे मधूसूदन त्रिपाठी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने में जुटे हैं। योगी आदित्यनाथ यहां खुद तो मैदान में नहीं हैं लेकिन यह सीट उनकी प्रतिष्ठा से जुड़ गई है।
जातिवादी चक्रव्यूह में फंसे मनोज सिन्हा
गाजीपुर में संचार व रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा अपने क्षेत्र में व्यापक विकास कराने के बाद भी जातिवादी चक्रव्यूह में फंसे है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र से सटी इस सीट पर गठबंधन (बसपा) की ओर से बाहुबली अफजाल अंसारी मैदान में है और कांग्रेस गठबंधन ने अजीत कुशवाहा को टिकट दिया है।
चंदौली में आसान नहीं डॉ. महेंद्र की राह
चंदौली में भाजपा अध्यक्ष डा. महेंद्र नाथ पांडेय की राह भी 2014 जैसी आसान नहीं है। बनारस जिले की दो विधानसभाओं को शामिल कर बने इस संसदीय क्षेत्र से सपा ने संजय चौहान को उतारा है, वहीं कांग्रेस से पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा की पत्नी शिवकन्या कुशवाहा उम्मीदवार हैं। 2014 में सपा-बसपा को मिले वोटों से भाजपा के वोट कम रहना डॉ. पांडेय के लिए चुनौती है जबकि गठबंधन के भीतर मची अंतरकलह से उन्हें ताकत मिल रही हैं।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने करीब डेढ़ साल पहले संजय चौहान को वाराणसी के कटिंग मेमोरियल में एक सम्मेलन के दौरान इन्हें टिकट देने तथा चौहान समाज का सम्मान का वादा भी किया था। गाजीपुर के संजय चौहान को चंदौली से टिकट देने की एक और वजह ये हो सकती है कि चंदौली ज़िले में पूर्व सांसद रामकिशुन यादव और सकलडीहा विधायक प्रभुनारायन यादव व सैयादराजा के पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू की बीच टिकट लेने की होड़ मची हुई थी।
कुशीनगर में त्रिकोणीय मुकाबले में आरपीएन सिंह
महात्मा बुद्ध की परिनिर्वाण स्थली कुशीनगर में लड़ाई दिलचस्प है। भाजपा ने मौजूदा सांसद राजेश पांडेय का टिकट काटकर विजय दुबे को उम्मीदवार बनाया है।
2009 में कांग्रेस के टिकट पर जीत कर मनमोहन सरकार में मंत्री बने आरपीएन सिंह फिर से मैदान में है। 2014 में हार चुके आरपीएन सिंह की मुश्किलें सपा के नथुनी प्रसाद कुशवाहा बढ़ा रहे हैं।
देवरिया में संघर्ष रोमांचक
बिहार की सीमा से सटी देवरिया सीट पर इस बार मुकाबला भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रमापति राम त्रिपाठी और बसपा (गठबंधन) के विनोद जायसवाल के बीच है।
कांग्रेस ने पिछला चुनाव बसपा से लड़े नियाज अहमद को टिकट देकर संघर्ष को त्रिकोणीय कर दिया है। यह सीट 2014 में कलराज मिश्र ने जीती थी लेकिन वह इस बार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं।
घोसी में इस बार कमल खिलना आसान नहीं
कभी वाम दलों का गढ़ रहे घोसी में इस बार भाजपा के लिए कमल खिलाना आसान नहीं है। मोदी लहर में 2014 में यहां पहली बार कमल खिला था।
भाजपा ने सांसद हरिनारायण राजभर पर विश्वास जताते हुए फिर मैदान में उतारा है। वहीं गठबंधन की ओर से बाहुबली मुख्तार अंसारी के करीबी माने जाने वाले अतुल राय बसपा उम्मीदवार हैं। कांग्रेस ने यहां से पूर्व सांसद बालकृष्ण चौहान को मुकाबले में है।
सलेमपुर में भी मुकाबला रोचक
सलेमपुर सीट पर दिलचस्प लड़ाई दिख रही है। यहां 2014 में मोदी लहर में जीते रवींद्र कुशवाहा फिर भाजपा उम्मीदवार है। बसपा ने प्रदेश अध्यक्ष आरएस कुशवाहा को गठबंधन प्रत्याशी बनाया हैं। कांग्रेस ने बनारस के पूर्व सांसद राजेश मिश्र को इस सीट पर उतारकर मुकाबले को त्रिकोणीय व रोचक बना दिया है।
बलिया में सपा ने खेला ब्राह्मण कार्ड
पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चंद्रशेखर का गढ़ रही बलिया सीट पर पिछले चुनाव में मोदी लहर का असर दिखा था। यहां से चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर चुनाव हार गए थे। भाजपा ने पहली बार जीत दिलाने वाले सांसद भरत सिंह का टिकट काट कर भदोही के सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त पर दांव लगाया है। सपा ने ब्राह्मण वोटों की आस में पूर्व विधायक सनातन पांडेय का उतारा है। इस बार यहां सीधी लड़ाई है।
मिर्जापुर में त्रिकोणीय लड़ाई में फंसी अनुप्रिया
मिर्जापुर में केंद्रीय मंत्री और अपना दल (सोनेलाल) की उम्मीदवार अनुप्रिया पटेल त्रिकोणीय लड़ाई में फंसीं है। इस बार गठबंधन ने सपा के टिकट पर भदोही से भाजपा सांसद रामचरित्र निषाद को उतारा है तो कांग्रेस फिर ललितेश त्रिपाठी पर दांव लगाए हुए है।
महराजगंज में मेहनत सफल करने के प्रयास में कांग्रेस
महराजगंज में भाजपा ने सांसद पंकज चौधरी को मैदान में उतारा हैं तो कांग्रेस ने पूर्व सांसद हर्षवर्धन सिंह की बेटी सुप्रिया श्रीनेत को टिकट दिया है। गठबंधन (सपा) के पूर्व सांसद अखिलेश सिंह को प्रत्याशी बनाया है। पूर्व मंत्री अमर मणि त्रिपाठी की बेटी तनुश्री को शिवपाल यादव की प्रसपा ने उम्मीदवार बनाया परंतु उन्होंने पर्चा नहीं भरा। तनुश्री की उम्मीदवारी को लेकर समाजवादी पार्टी व कांग्रेस में उहापोह बनी थी।
बांसगांव से जीत की हैट्रिक लगाने के प्रयास में कमलेश
गोरखपुर जिले की बांसगांव सुरक्षित सीट पर भाजपा सांसद कमलेश पासवान जीत की हैट्रिक लगाने की उम्मीद से उतरे हैं।
टिकट की अदला-बदली में उलझे गठबंधन की ओर से बसपा के सदल प्रसाद अंतत उम्मीदवार बने। कांग्रेस ने पूर्व आइपीएस कुश सौरव पासवान को उम्मीदवार बनाया था लेकिन, उनका पर्चा ही खारिज हो गया।
रॉबर्ट्सगंज में सभी दलों से बाहरी प्रत्याशी
रॉबर्ट्सगंज से भाजपा ने बागी तेवर दिखाने वाले सांसद छोटेलाल खरवार का टिकट काट यह सीट सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के लिए छोड़ दी। अपना दल ने यहां से पकौड़ीलाल पर दांव लगाया हैं। 2009 में सपा से सांसद रहे पकौड़ी गत चुनाव में तीसरे नंबर पर थे। सपा ने भाईलाल कोल को टिकट दिया है। वहीं कांग्रेस से भगवती प्रसाद चौधरी मैदान में हैं।
13 सीट पर कुल 167 प्रत्याशी, 2.32 करोड़ मतदाता
अंतिम चरण की 13 संसदीय सीटों पर कुल 167 उम्मीदवार मैदान में है। सबसे अधिक 26 प्रत्याशी वाराणसी क्षेत्र से और सबसे कम बांसगांव में चार प्रत्याशी हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल वेंकटेश्वर लू ने बताया कि वाराणसी में 103 नामांकन हुए थे। इनमें से 72 के नामांकन निरस्त हो गए। इसी तरह महाराजगंज में 14, गोरखपुर में 10, कुशीनगर में 14, देवरिया में 11, घोसी में 15, सलेमपुर में 15, बलिया में 10, गाजीपुर में 14, चन्दौली में 13, वाराणसी में 26, मीरजापुर में नौ और रॉबर्ट्सगंज में 12 प्रत्याशी रह गए हैं। अंतिम चरण में 2.36 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर 167 प्रत्याशियों की तकदीर तय करेंगे।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में चार बजे तक मतदान
सातवें चरण में राबर्ट्सगंज संसदीय क्षेत्र के चकिया, दुद्धी और राबर्ट्सगंज विधानसभा क्षेत्र नक्सल प्रभावित इलाके हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि इन तीन विधानसभा क्षेत्रों में सुबह सात से शाम चार बजे तक ही मतदान होगा।
आजमगढ़ के एक बूथ पर पुनर्मतदान कल
भारत निर्वाचन आयोग ने आजमगढ़ लोकसभा सीट के मुबारकपुर विधानसभा क्षेत्र के मतदेय स्थल संख्या-337 प्राथमिक विद्यालय करउत पर हुए मतदान को शून्य घोषित करते हुए पुनर्मतदान का फैसला लिया है। यहां पर वीवीपैट ठीक से काम नहीं कर रही थी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल. वेंकटेश्वर लू ने बताया कि इस पोलिंग बूथ पर पुनर्मतदान 19 मई को सुबह सात से शाम छह बजे तक होगा।
मंत्री और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भी प्रधानमंत्री मोदी से अमीर
केंद्रीय संचार मंत्री मनोज सिन्हा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ.महेंद्र नाथ पांडेय और पार्टी के ज्यादातर प्रत्याशी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अमीर हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और उप्र इलेक्शन वॉच ने लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में प्रदेश के 13 लोकसभा क्षेत्रों के 164 उम्मीदवारों के शपथपत्रों के विश्लेषण के आधार पर जो ब्योरा प्रस्तुत किया है, उसमें प्रधानमंत्री की कुल चल-अचल संपत्ति करीब 2.46 करोड़ रुपये है। इस मामले में सभी प्रत्याशियों में उनका 32वां नंबर है।
जहां तक भाजपा प्रत्याशियों की बात है तो बलिया और कुशीनगर से पार्टी के प्रत्याशी क्रमश: वीरेद्र सिंह मस्त और विजय कुमार दूबे को छोड़ दें तो सभी मोदी से अमीर हैं। सातवें चरण में सर्वाधिक अमीर प्रत्याशी महराजगंज से भाजपा प्रत्याशी पंकज चौधरी हैं। उनकी कुल संपत्ति 37 करोड़ रुपये से अधिक है। दूसरे और तीसरे नंबर पर कुशीनगर से कांग्रेस के प्रत्याशी कुंवर आरपीएन सिंह और वाराणसी से निर्दल प्रत्याशी अतीक अहमद हैं।
औसत संपत्ति के मामले में भाजपा प्रत्याशी सबसे आगे
सातवें चरण में भी प्रमुख दलों ने करोड़पति उम्मीदवारों को ही वरीयता दी है। इस चरण में चुनाव मैदान में उतरे भाजपा प्रत्याशियों की औसत संपत्ति नौ करोड़ रुपये है। प्रत्याशियों की औसत संंपत्ति के मामले में भाजपा पहले नंबर पर है। आठ करोड़ रुपये और छह करोड़ रुपये की औसत संपत्ति के साथ बसपा और कांग्रेस दूसरे और तीसरे नंबर पर हैं। महराजगंज जय सिंह समाज पार्टी के शिवचरन और सलेमपुर से निर्दल प्रत्याशी सुनील कुमार पांडेय के पास कोई संपत्ति नहीं हैं।
अपराधियों की संख्या बढ़ी
एडीआर और यूपी इलेक्शन वॉच के समन्वयक अनिल शर्मा, राज्य प्रतिनिधि संतोष श्रीवास्तव ने बताया कि 2014 के लोकसभा चुनाव में दागी प्रत्याशियों की संख्या 19 फीसद थी जो इस बार बढ़कर 23 फीसद हो गई है। यह चिंता का विषय है।
अतीक के खिलाफ दर्ज हैं 59 आपराधिक मामले
वाराणसी से चुनाव मैदान में निर्दल प्रत्याशी के तौर पर उतरे अतीक अहमद के खिलाफ सर्वाधिक 59 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें 80 गंभीर धाराएं लगी हैं। इनमें हत्या, हत्या की साजिश, जानलेवा हमले जैसे अपराध भी हैं। वाराणसी से कांग्रेस के प्रत्याशी अजय राय पर दर्ज आठ आपराधिक मामलों में 16 गंभीर धाराएं हैं। घोसी से बसपा प्रत्याशी अतुल कुमार सिंह पर दर्ज 13 आपराधिक मामलों में 14 गंभीर धाराएं लगी हैं। आपराधिक रिकॉर्ड के मामले में इनका नंबर क्रमश: दूसरा और तीसरा है। कुल मिलाकर इस चरण में 26 फीसद प्रत्याशी आपराधिक प्रवृत्ति के हैं। इनमें से 22 फीसद के खिलाफ गंभीर धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज हैं।
सर्वाधिक प्रत्याशी 41 से 50 वर्ष की उम्र के
सातवें चरण में सर्वाधिक 45 फीसद प्रत्याशी 41-45 वर्ष आयुवर्ग के हैं। तीन फीसद की उम्र 71 वर्ष से ज्यादा है। 25-30 वर्ष के प्रत्याशियों की संख्या मात्र नौ फीसद है। 31-40 और 61-71 वर्ष के बीच के उम्मीदवारों की संख्या क्रमश: 41 एवं 34 फीसद है।
प्रत्याशियोंं में एक अनपढ़ और 10 सिर्फ साक्षर
प्रत्याशियों में सर्वाधिक 38 कक्षा 12 पास हैं। इनमें 36 की शैक्षिक योग्यता पोस्टग्रेजुएशन है। हाई स्कूल व स्नातक पास उम्मीदवारों की संख्या क्रमश: 31 और 19 है। एक उम्मीदवार अनपढ़ और 10 सिर्फ साक्षर हैं। महिला प्रत्याशियों की संख्या सिर्फ 13 है।
वर्ष 2014 में कहां कितने पड़े थे वोट
संसदीय क्षेत्र मतदान प्रतिशत
महराजगंज 60.84
गोरखपुर 54.65
कुशीनगर 56.51
देवरिया 53.05
बांसगांव 49.86
घोसी 55.04
सलेमपुर 51.51
बलिया 48.27
गाजीपुर 54.94
चंदौली 58.70
वाराणसी 58.25
मीरजापुर 58.58
राबर्ट्सगंज 54.16।
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